अहमदनगर/नागपुर: महाराष्ट्र के अहमदनगर और नागपुर में इन्फ्लूएंजा से संक्रमित दो लोगों की संदिग्ध मौत के मामले सामने आए हैं. अहमदनगर में एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाला 23 वर्षीय युवक एच3एन2 इन्फ्लुएंजा से संक्रमित था. इसके साथ ही वह कोरोनावायरस से भी संक्रमित था. युवक अपने दोस्तों के साथ अलीबाग घूमने गया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और शहर के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था.
इसी बीच खबर सामने आई कि सोमवार रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया. नगर निगम के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनिल बोरगे ने इसकी पुष्टि की है. हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि उसकी मौत इंफ्लूएंजा से हुई है या कोरोना से. रोगी को दोनों प्रकार की बीमारी बताई जाती है. मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी भी गठित की है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मरीज की मौत के कारणों का पता चल पाएगा.
वहीं दूसरी ओर नागपुर जिले में भी एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से संक्रमित मरीज की मौत हुई है. मरने वाले संदिग्ध H3N2 के मरीज की उम्र 78 साल थी. बताया जा रहा है कि उन्हें उच्च रक्तचाप और अन्य बीमारियां भी थीं. उनका एच3एन2 टेस्ट पॉजिटिव आया था और उनका इलाज नागपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चला है कि उनकी मृत्यु H3N2 के कारण हुई थी या नहीं, यह डेथ ऑडिट के बाद स्पष्ट किया जाएगा.
बता दें कि नागपुर में पिछले हफ्ते कोरोना के आठ मरीज सामने आए हैं. वातावरण में हो रहे बदलाव के कारण बुखार, सर्दी-खांसी के मरीज भी बढ़ रहे हैं. नारखेड में पिछले सप्ताह वायरल बुखार से चार वर्षीय बच्ची की मौत हो गई थी. इन दोनों मौतों के बारे में बताते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा है कि मौत की सही वजह उनकी मौत की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आ पाएगी, क्योंकि इन मरीजों को और भी कई बीमारियां थीं.
वे विधान भवन में बोल रहे थे. राज्य में एच3एन2 वायरस ने कहर बरपा रखा है. नागरिकों में भय है. खासकर अहमदनगर में 23 वर्षीय मेडिकल छात्र चंद्रकांत सकपाल की मौत पर तानाजी सावंत ने कहा है कि नौ मार्च तक राज्य में एच1एन1 और एच3एन2 के 269 मरीज थे. 12 मार्च को यह आंकड़ा बढ़कर 352 हो गया, तो जाहिर है इसमें इजाफा भी हुआ है. तानाजी सावंत ने चंद्रकांत सपकाल की मौत के बारे में बताते हुए कहा कि चंद्रकांत वडगांव के अहमदनगर के डॉक्टर विठ्ठलराव विखे पाटिल मेडिकल कॉलेज के छात्र थे.
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इस बारे में बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एच3एन2 वायरस सीधे तौर पर मौत का कारण नहीं बनता है. सही समय पर इलाज करने पर यह 2 दिन में ठीक हो जाता है. हमने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को अलर्ट मोड पर रखा है. जरूरत पड़ने पर टैम्बिफ्लू की गोली भी देने को कहा है. जहां ऐसे संदिग्ध मरीज मिलेंगे, उनका इलाज किया जाएगा, लेकिन नागरिक बीमार न हों, सावधानी बरतें. स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने भी कहा है कि बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह लें.