भरतपुर : राजस्थान में स्पेशल जज विजिलेंस और उनके दो साथियों पर संगीन आरोप लगा है. सातवीं कक्षा के एक नाबालिग बच्चे के साथ यौन दुराचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसका आरोप न्यायाधीश और उनके दो साथियों पर लगाया गया है. आरोप है कि जज और दो अन्य व्यक्तियों ने पीड़ित नाबालिग को शराब व नशीला पदार्थ पिलाकर यौन दुराचार किया है. तीनों आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पीड़ित की मां ने अपने घर के सामने ही जब न्यायाधीश को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देखा तो मामला खुला. आरोप यह भी है कि पीड़ित बच्चे की विधवा मां को जज और उसके साथियों ने जान से मारने की धमकी दी. पीड़ित बच्चे की मां ने इस संबंध में मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया है.
खेल के मैदान पर 'गंदा खेल'
पीड़ित बच्चे की मां ने बताया कि उसका बेटा सातवीं कक्षा का विद्यार्थी है, उसकी उम्र 14 वर्ष है. वह भरतपुर शहर के एक खेल मैदान में खेलने जाता था. वहीं पर जज जितेंद्र गुलिया और उसके दो साथी भी आते थे. यहीं पर तीनों आरोपियों ने बच्चे के साथ यौन दुराचार करना शुरू कर दिया.
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बच्चे को शराब पिलाकर करते थे दुराचार
पीड़ित की मां ने बताया कि बच्चे को घर ले जाकर पहले तो जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया और फिर बाद में शराब भी पिलाना शुरू कर दिया. इसके बाद नशे की हालत में नाबालिग बच्चे के साथ आरोपी जज गुलिया और उसके दो साथी कुकर्म करते थे.
मां ने जज को गलत हरकत करते देखा
पीड़ित की मां ने बताया कि एक दिन जज गुलिया बच्चे के साथ घर तक आया और घर के सामने ही बच्चे के साथ गलत हरकत करने लगा, जिसे पीड़ित की मां ने देख लिया. जब महिला ने बच्चे से पूछा तो बच्चे ने न्यायाधीश और उसके दो साथियों की ओर से किए गए अत्याचार के बारे में बताया. पीड़ित की मां ने बताया कि उस पर मामले का खुलासा नहीं करने और पुलिस के पास नहीं जाने के लिए दबाव बनाया गया.
जान से मारने की धमकी दी
साथ ही धमकी दी गई कि यदि पुलिस से शिकायत की तो जान से हाथ धोना पड़ेगा. वहीं, पीड़ित के परिजनों ने एसीबी सीओ परमेश्वर लाल यादव और न्यायाधीश के स्टेनो अंशुल सोनी पर भी धमकाने के आरोप लगाए हैं. मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ ने बताया कि पीड़ित की मां की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की पड़ताल की जा रही है. मामला दर्ज कराने के दौरान मथुरा गेट थाने पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.