कोटा. राजस्थान के कोटा जिले के रामधाम आश्रम में 51 तोला सोने से दो मुकुट तैयार करवाए गए हैं. यह दोनों ही मुकुट अयोध्या के लिए रवाना कर दिए गए हैं, जो रामघाट स्थित बड़े भक्तमाल मंदिर में भगवान राम और सीता माता की देव प्रतिमाओं को अर्पित किए जाएंगे. अयोध्या के बड़ा भक्तमाल और कोटा स्थित रामधाम आश्रम के पीठाधीश आचार्य अवधेश कुमार ने बताया कि इन दोनों मुकुट को तैयार करवाने में करीब डेढ़ महीने का समय लगा है. इसके लिए केकड़ी और जयपुर से कारीगरों को कोटा बुलवाया गया था.
वाल्मीकि रामायण में मुकुट का उल्लेख : आचार्य अवधेश कुमार ने बताया कि इन मुकुट में बनी कलाकृति की खास विशेषता है. 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम का जब राज्याभिषेक हुआ था, तो उन्हें जो मुकुट धारण करवाया गया था, इसे हूबहू उसी स्वरूप में बनवाया गया है. इसी के आधार पर इसका निर्माण हुआ है. वाल्मीकि रामायण में भी चंद्रिका शैली के मुकुट का उल्लेख है. इस मुकुट में लताएं और अन्य चित्रण क्रमबद्ध रहता है.
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अयोध्या में 24 नवंबर से होगा आयोजन : आचार्य ने बताया कि इनका आकार 1X1 फीट है. इसमें 6 इंच की कलंगी और विशेष हीरा लगा है. अयोध्या में 24 नवंबर से भक्तमाल मंदिर में तीन दिवसीय आयोजन होगा, जिसमें 25 नवंबर को यह यूपी के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जानकी वल्लभ भगवान को धारण करवाएंगे. इस कार्यक्रम में साधु संत, महात्मा, राजनीतिक क्षेत्र के लोग और अधिकारी भी मौजूद. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का विशेष संबंध हमारे आश्रम से है, उनके गुरु और दादा गुरु भी हमारे आश्रम में आते थे.