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यूपी के दो मछुआरों को पाकिस्तान ने बनाया बंदी, वतन वापसी के लिए परिजनों ने लगाई गुहार - violating maritime boundary

महाराजगंज जिले के दो मछुआरों को समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोप में पाकिस्तानी सैनिकों ने बंदी बना लिया है. बृजमनगंज थाना क्षेत्र बरगाहपुर टोला रामफलजोत निवासी बबलू साहनी और उमेश चंद्र साहनी दो वर्ष पहले रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात के द्वारिका गए थे. परिजनों ने राष्ट्रपति, पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम समेत अन्य अधिकारियों को प्रार्थना-पत्र भेजकर वतन वापसी की मांग की है.

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Published : Mar 25, 2022, 2:09 PM IST

महराजगंज: जिले के दो मछुआरों को समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोप में पाकिस्तानी सैनिकों ने बंदी बना लिया है. सूचना पाकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजनों द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर वतन वापसी की गुहार लगाई है. आपको बता दें कि 8 फरवरी 2022 को समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोप में बबलू और उमेश को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया. वहीं परिजनों ने बताया कि दो वर्ष पहले रोजी-रोटी की तलाश में दोनों गुजरात के द्वारिका गए थे.

जिले के बृजमनगंज थाना क्षेत्र बरगाहपुर टोला रामफलजोत निवासी बबलू साहनी (पुत्र मोलहू) और उमेश चंद्र साहनी (पुत्र ओमप्रकाश) दो वर्ष पहले रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात के द्वारिका गए थे. जहां उन्हें समुद्र में मछली पकड़ने का काम मिला था. बबलू साहनी और उनका भतीजा उमेश चंद्र समुद्र में मछली पकड़ते समय गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए. जहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हिरासत में लेकर बंदी बना लिया है. इसके बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है और भुखमरी से जुझ रहें है.

वीडियो-

बबलू साहनी की मां कमलावती ने बताया कि 8 फरवरी 2022 को समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोप में बबलू साहनी को पाकिस्तानी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है. एक सप्ताह पहले उन्हें इसकी जानकारी मिली है. बबलू से संपर्क न होने से काफी दिक्कतें बढ़ गई हैं. बबलू इससे पहले भी पकड़ा गया था, लेकिन भारत सरकार के काफी प्रयास पर 19 माह बाद 2007 में रिहा होकर वापस आ गया था.

उमेशचंद की पत्नी मंजू देवी ने बताया कि एक वर्ष पहले 20 मार्च 2021 को गलती से उमेश चंद्र भी पाकिस्तान की समुद्री सीमा में प्रवेश कर गए थे, जिन्हें पाकिस्तानी सेना द्वारा पकड़ लिया गया. उनका अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है. इसकी सूचना उनके साथ काम करने वाले लोगों ने उसी समय दी, हम सोच रहे थे कि वह वापस लौट आएंगे, लेकिन वह आज तक नहीं आए.

मंजू देवी ने आगे बताया कि दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. पाकिस्तान में बंदी बनाए जाने से परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है. परिजनों ने भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, महराजगंज के जिलाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रार्थना-पत्र भेजकर सकुशल रिहाई कराने की मांग की है.

यह भी पढ़ें- 50 हजार के इनामी बदमाश के घर पर चला 'बाबा का बुलडोजर'

महराजगंज: जिले के दो मछुआरों को समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोप में पाकिस्तानी सैनिकों ने बंदी बना लिया है. सूचना पाकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजनों द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर वतन वापसी की गुहार लगाई है. आपको बता दें कि 8 फरवरी 2022 को समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोप में बबलू और उमेश को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया. वहीं परिजनों ने बताया कि दो वर्ष पहले रोजी-रोटी की तलाश में दोनों गुजरात के द्वारिका गए थे.

जिले के बृजमनगंज थाना क्षेत्र बरगाहपुर टोला रामफलजोत निवासी बबलू साहनी (पुत्र मोलहू) और उमेश चंद्र साहनी (पुत्र ओमप्रकाश) दो वर्ष पहले रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात के द्वारिका गए थे. जहां उन्हें समुद्र में मछली पकड़ने का काम मिला था. बबलू साहनी और उनका भतीजा उमेश चंद्र समुद्र में मछली पकड़ते समय गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए. जहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हिरासत में लेकर बंदी बना लिया है. इसके बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है और भुखमरी से जुझ रहें है.

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बबलू साहनी की मां कमलावती ने बताया कि 8 फरवरी 2022 को समुद्री सीमा उल्लंघन के आरोप में बबलू साहनी को पाकिस्तानी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है. एक सप्ताह पहले उन्हें इसकी जानकारी मिली है. बबलू से संपर्क न होने से काफी दिक्कतें बढ़ गई हैं. बबलू इससे पहले भी पकड़ा गया था, लेकिन भारत सरकार के काफी प्रयास पर 19 माह बाद 2007 में रिहा होकर वापस आ गया था.

उमेशचंद की पत्नी मंजू देवी ने बताया कि एक वर्ष पहले 20 मार्च 2021 को गलती से उमेश चंद्र भी पाकिस्तान की समुद्री सीमा में प्रवेश कर गए थे, जिन्हें पाकिस्तानी सेना द्वारा पकड़ लिया गया. उनका अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है. इसकी सूचना उनके साथ काम करने वाले लोगों ने उसी समय दी, हम सोच रहे थे कि वह वापस लौट आएंगे, लेकिन वह आज तक नहीं आए.

मंजू देवी ने आगे बताया कि दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. पाकिस्तान में बंदी बनाए जाने से परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है. परिजनों ने भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, महराजगंज के जिलाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रार्थना-पत्र भेजकर सकुशल रिहाई कराने की मांग की है.

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