नई दिल्ली: उच्च न्यायालयों के दो मुख्य न्यायाधीशों को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया. इनके शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो जाएगी, जो इसकी स्वीकृत अधिकतम संख्या है. विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने ट्वीट किया, 'भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत भारत की राष्ट्रपति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया है.'
इन दोनों के शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या प्रधान न्यायाधीश सहित 34 हो जाएगी, जो इसकी स्वीकृत अधिकतम संख्या है. उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने पिछले महीने उनके नाम की सिफारिश की थी. पांच न्यायाधीशों को पिछले सप्ताह भी उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किया गया था.
इससे पहले 6 फरवरी को भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के लिए पांच नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई. उच्चतम न्यायालय परिसर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पांच न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति पंकज मिथल, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को शपथ दिलाई गई.
पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 32 हो गई. उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के लिए इन पांचों न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी.
कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने इस साल चार फरवरी को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी वी संजय कुमार, पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज मिश्रा को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी.(पीटीआई-भाषा)