सिलीगुड़ी : बांग्लादेश से अवैध रूप से सीमा पार भारत में प्रवेश करने के आरोप में दो भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जाता है कि दोनों भाइयों ने भारत में एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा करते हुए वर्षों समय व्यतीत किया है और फिलहाल पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में पिछले छह माह छिपे हुए थे. गिरफ्तार करने के बाद दोनों घुसपैठियों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया.
सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के भक्तिनगर थाने की पुलिस ने शुक्रवार की रात दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों को शनिवार को जलपाईगुड़ी की अदालत में पेश किया गया, इस पर न्यायाधीश ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया और उन्हें 14 पुलिस कस्टडी में भेज दिया. हालांकि इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
इस संबंध में सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्तालय के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुवेंद्र कुमार ने कहा, 'दोनों कई महीनों से शहर में छिपे हुए थे. वे शहर में कैसे आए और उनकी योजना क्या थी, इसकी जांच की जा रही है.' पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार दोनों भाई रतन मंडल और माणिक मंडल हैं. गिरफ्तार किए आरोपी बांग्लादेश के ढाका के मदारीपुर थाना क्षेत्र के पूरनबाजार के रहने वाले हैं. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि माणिक मंडल ने 2007 में भारत में प्रवेश किया था जबकि रतन मंडल ने 2011 में भारत आया था. दोनों भाइयों ने भारत-असम सीमा से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया. दोनों भाई पिछले छह माह से सिलीगुड़ी में छिपे हुए थे. इस दौरान पता चला कि उन्होंने अपने लिए एक भारतीय पहचान पत्र बनाने की भी कोशिश की. हालांकि भारत में रहने को लेकर कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर पाए हैं.
आरोपियों में से एक सिलीगुड़ी के हैदरपारा में किराए के मकान में रहता था और बिधान मार्केट में कांच की दुकान में काम करता था. हालांकि पैसे की जरूरत होने की वजह से वे हर तरह का दैनिक श्रम करते थे. दोनों भाइयों ने हाल ही में काम छोड़ दिया था. दोनों शुक्रवार रात को काम की तलाश में निकले थे और सेवक रोड पर घूमते दिखाई पड़े. इस दौरान गश्ती दल ने उनकी हरकतों को लेकर शक के आधार पर हिरासत में ले लिया.
पुलिस के मुताबिक पकड़े जाने के बाद दोनों आरोपियों से पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा गया लेकिन उस संबंध में कोई कागजात नहीं दिखा सके. बाद में उन्हें हिरासत में लिया गया. इतना ही आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि उनके माता-पिता महाराष्ट्र के कल्याण में हैं.
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