ETV Bharat / bharat

ओडिशा : दो कलाकारों ने भगवान गणेश की कलाकृति बनाकर दी गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं

गणेश पूजा के मौके पर ओडिशा के दो कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से भगवान गणेश की कलाकृति बनाकर अपनी शुभकामनाएं दीं. इसमें माचिस की तीली से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई तो सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर भगवान गणेश की कलाकृति कर अपनी शुभकामनाएं दीं.

ओडिशा
ओडिशा
author img

By

Published : Sep 9, 2021, 10:29 PM IST

Updated : Sep 10, 2021, 2:22 PM IST

पुरी : गणेश पूजा के मौके पर ओडिशा के दो कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से भगवान गणेश की कलाकृति बनाकर अपनी शुभकामनाएं दीं.

इसीक्रम में पुरी के युवा कलाकार शाश्वत रंजन साहू ने माचिस की तीली से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाकर सभी को गणेश पूजा की शुभकामनाएं दी. इसे बनाने में उन्होंने 5,021 तीलियों का इस्तेमाल किया. वहीं इसे बनाने में 8 दिन लगे. उन्होंने महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मुख के समान माचिस की तीली से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई है.

कलाकार शाश्वत रंजन साहू ने माचिस की तीली से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई.
कलाकार शाश्वत रंजन साहू ने माचिस की तीली से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई.

वहीं सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर बनाई भगवान गणेश की कलाकृति बनाकर गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं. पद्मश्री सम्मानित पटनायक ने अपनी कलाकृति के माध्यम से की वैश्विक शांति की कामना की. उन्होंने लगभग 7000 सीपियों से गजानन की कलाकृति बनाई.

देखें वीडियो.

10 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा. गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तक आयोजित किया जाता है. इसके बाद चतुर्दशी को भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है. कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणपति भगवान का जन्म हुआ था. इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव का समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा.

उत्तरी पूर्वी कोने में रखें गणेश जी की मूर्ति
गणेश जी की मूर्ति घर के उत्तरी पूर्वी कोने में रखना सबसे शुभ माना जाता है. ये दिशा पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है. इसके अलावा आप गणेश जी की प्रतिमा को घर के पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं. गणेश जी की प्रतिमा रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि भगवान के दोनों पैर जमीन को स्पर्श कर रहे हों. मान्यता है इससे सफलता मिलने के आसार रहते हैं, गणेश जी की प्रतिमा को दक्षिण दिशा में न रखें.

2 घंटे 30 मिनट का है शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त मध्याह्र काल में 11:03 से 13:33 तक है. यानी 2 घंटे 30 मिनट तक है. वहीं, चतुर्थी तिथि की शुरुआत शुक्रवार, 10 सितंबर को 12:18 से और चतुर्थी तिथि की समाप्ति शुक्रवार रात 21:57 तक बजे तक बताई गई है. इस दिन भक्तों को चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से आप पर झूठा आरोप या कलंक लग सकता है. देश मे कई जगहों पर गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी, कलंक चौथ और पत्थर चौथ के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन रात 9 बजकर 12 मिनट से सुबह 8:53 तक चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए.

ये भी पढ़ें - Ganesh Chaturthi 2021 : ऐसे करें भगवान गजानन को प्रसन्न, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

पुरी : गणेश पूजा के मौके पर ओडिशा के दो कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से भगवान गणेश की कलाकृति बनाकर अपनी शुभकामनाएं दीं.

इसीक्रम में पुरी के युवा कलाकार शाश्वत रंजन साहू ने माचिस की तीली से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाकर सभी को गणेश पूजा की शुभकामनाएं दी. इसे बनाने में उन्होंने 5,021 तीलियों का इस्तेमाल किया. वहीं इसे बनाने में 8 दिन लगे. उन्होंने महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मुख के समान माचिस की तीली से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई है.

कलाकार शाश्वत रंजन साहू ने माचिस की तीली से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई.
कलाकार शाश्वत रंजन साहू ने माचिस की तीली से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई.

वहीं सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर बनाई भगवान गणेश की कलाकृति बनाकर गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं. पद्मश्री सम्मानित पटनायक ने अपनी कलाकृति के माध्यम से की वैश्विक शांति की कामना की. उन्होंने लगभग 7000 सीपियों से गजानन की कलाकृति बनाई.

देखें वीडियो.

10 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा. गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तक आयोजित किया जाता है. इसके बाद चतुर्दशी को भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है. कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणपति भगवान का जन्म हुआ था. इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव का समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा.

उत्तरी पूर्वी कोने में रखें गणेश जी की मूर्ति
गणेश जी की मूर्ति घर के उत्तरी पूर्वी कोने में रखना सबसे शुभ माना जाता है. ये दिशा पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है. इसके अलावा आप गणेश जी की प्रतिमा को घर के पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं. गणेश जी की प्रतिमा रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि भगवान के दोनों पैर जमीन को स्पर्श कर रहे हों. मान्यता है इससे सफलता मिलने के आसार रहते हैं, गणेश जी की प्रतिमा को दक्षिण दिशा में न रखें.

2 घंटे 30 मिनट का है शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त मध्याह्र काल में 11:03 से 13:33 तक है. यानी 2 घंटे 30 मिनट तक है. वहीं, चतुर्थी तिथि की शुरुआत शुक्रवार, 10 सितंबर को 12:18 से और चतुर्थी तिथि की समाप्ति शुक्रवार रात 21:57 तक बजे तक बताई गई है. इस दिन भक्तों को चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से आप पर झूठा आरोप या कलंक लग सकता है. देश मे कई जगहों पर गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी, कलंक चौथ और पत्थर चौथ के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन रात 9 बजकर 12 मिनट से सुबह 8:53 तक चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए.

ये भी पढ़ें - Ganesh Chaturthi 2021 : ऐसे करें भगवान गजानन को प्रसन्न, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Last Updated : Sep 10, 2021, 2:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.