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हम किसी को बैन करने के पक्ष में नहीं, बशर्ते करना होगा कानून का पालन: आईटी मंत्री

ट्विटर द्वारा आईटी नियमों का पालन न करने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने ट्विटर को तीन महीने का समय दिया था, लेकिन उन्होंने सरकार द्वारा बन तय की गईं सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया.

आईटी मंत्री
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Published : Jun 17, 2021, 2:51 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 4:16 PM IST

नई दिल्ली : ट्विटर द्वारा आईटी नियमों का पालन न करने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 25 मई को तीन महीने की अवधि पूरी हो गई मैंने फिर भी कहा कि ट्विटर को एक अंतिम नोटिस और दो. तीन पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है? व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछें उसका स्वागत है, लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा.

उन्होंने ने कहा है कि हमने उन्हें (ट्विटर) तीन महीने का समय दिया. दूसरों ने उसे फॉले किया है, उन्होंने नहीं किया है. (आईटी) दिशानिर्देशों का नियम 7 कहता है कि यदि आप अनुपालन नहीं करते हैं ,तो धारा 79 के तहत आप मध्यस्थ की स्थिति खो सकते हैं और देश के दंड कानूनों सहित अन्य कानूनों के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.

सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन पर केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री ने आगे कहा कि ये गाइडलाइन अचानक नहीं आई हैं, ये काम पिछले 3-4 साल से चल रहा था. इन गाइडलाइन का संबंध सोशल मीडिया के उपयोग से नहीं, सोशल मीडिया के दुरुपयोग से है, ताकि जब इनका दुरुपयोग किया जाए तो लोग शिकायत कर सकें.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान

जब भारतीय कंपनियां अमेरिका या दूसरे देशों में IT बिजनेस करने जाती हैं, क्या वो अमेरिका या दूसरे देशों के कानूनों का पालन करती हैं या नहीं? आपको भारत में व्यापार करना है, पीएम और हम सबकी आलोचना करने के लिए आपका स्वागत है, लेकिन भारत के संविधान, नियमों का पालन करना होगा.

भारत एक लोकतंत्र है क्योंकि यहां चुनाव निष्पक्ष होते हैं. हमने असम जीता और बंगाल खोया. स्वतंत्र न्यायपालिका कठिन सवाल पूछती है. मीडिया वरिष्ठ मंत्रियों से सवाल करती है, लेकिन बोलने की आज़ादी और लोकतंत्र की आड़ में यदि आप नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो यह गलत तर्क है.

कानून मंत्री ने आगे कहा कि कानून और आईटी मंत्री के रूप में मेरे पास इस बारे में कोई टिप्पणी करने के लिए नहीं है. इसकी जांच पुलिस को करनी है, लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि अगर ट्विटर के पास किसी विशेष ट्वीट को जोड़-तोड़/अकुशल घोषित करने का मानदंड है, तो इसे गाजियाबाद मामले में क्यों लागू नहीं किया गया.

जब वाशिंगटन में कैपिटल हिल पर छापा मारा गया, तो आप तत्कालीन राष्ट्रपति सहित सभी के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक कर देते हैं. किसानों की हड़ताल के दौरान, लाल किले पर आतंकवादी समर्थकों द्वारा नग्न तलवारें दिखाकर, पुलिसकर्मियों को घायल किया जाता है, तो यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?

पढ़ें- फरीदाबादः कांग्रेस ने जो भ्रम फैलाया उसे दूर कर रहे हैं- कानून मंत्री

उन्होंने कहा कि अगर कैपिटल हिल अमेरिका का गौरव है, तो लाल किला भारत का गौरव है, जहां पीएम तिरंगा फहराते हैं. आप लद्दाख के कुछ हिस्सों को चीन के हिस्से के रूप में दिखाते हैं. इसे हटाने के लिए एक पखवाड़े का समय लगता है. यह उचित नहीं है. लोकतंत्र के रूप में भारत अपनी डिजिटल संप्रभुता की रक्षा करने का समान रूप से हकदार है.

मंत्री ने आगे कहा कि अगर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत आधी सरकार ट्विटर पर है.. इससे पता चलता है कि हम कितने निष्पक्ष हैं. लेकिन मानदंड मानदंड हैं. हम किसी भी प्लेटफॉर्म को बैन करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन आपको कानून का पालन करना होगा. हम नहीं चाहते कि सभी संदेशों को डिक्रिप्ट किया जाए.

उन्होंने कहा कि यह मेरा वचन है कि व्हाट्सएप के सभी सामान्य उपयोगकर्ता अपना उपयोग करना जारी रख सकते हैं. यदि कोई सामग्री वायरल हो जाती है, जिससे मॉब लिंचिंग, दंगे, हत्या, महिलाओं को नग्नता में दिखाना, बच्चों का यौन शोषण करना केवल इन सीमित श्रेणियों में, आपको यह घोषित करने के लिए कहा जाएगा कि शरारत किसने शुरू की. यदि वायरल मैसेज यहां तबाही मचा रहे हैं जो सीमा पार से उत्पन्न हुए हैं तो इसे भारत में किसने शुरू किया, हम बस यही मांग रहे हैं. यह जनहित में है.

उन्होंने कहा कि अगर ट्विटर का एक ट्वीट को मैनिपुलेटेड या अनमैनिपुलेटेड ट्वीट घोषित करने के लिए नियम है, तो ये गाजियाबाद मामले में लागू क्यों नहीं हुआ.

केंद्रीयमंत्री ने आगे कहा कि जब कुछ लोग ट्विटर के माध्यम से अपनी राजनीति करते हैं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है.. अब वे ट्विटर की राजनीति कर रहे हैं, फिर भी मुझे कोई समस्या नहीं है. यह ट्विटर और भारत सरकार या भाजपा के बीच कोई मुद्दा नहीं है. यह ट्विटर और उसके उपयोगकर्ताओं के बीच एक मुद्दा है.

नई दिल्ली : ट्विटर द्वारा आईटी नियमों का पालन न करने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 25 मई को तीन महीने की अवधि पूरी हो गई मैंने फिर भी कहा कि ट्विटर को एक अंतिम नोटिस और दो. तीन पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है? व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछें उसका स्वागत है, लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा.

उन्होंने ने कहा है कि हमने उन्हें (ट्विटर) तीन महीने का समय दिया. दूसरों ने उसे फॉले किया है, उन्होंने नहीं किया है. (आईटी) दिशानिर्देशों का नियम 7 कहता है कि यदि आप अनुपालन नहीं करते हैं ,तो धारा 79 के तहत आप मध्यस्थ की स्थिति खो सकते हैं और देश के दंड कानूनों सहित अन्य कानूनों के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.

सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन पर केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री ने आगे कहा कि ये गाइडलाइन अचानक नहीं आई हैं, ये काम पिछले 3-4 साल से चल रहा था. इन गाइडलाइन का संबंध सोशल मीडिया के उपयोग से नहीं, सोशल मीडिया के दुरुपयोग से है, ताकि जब इनका दुरुपयोग किया जाए तो लोग शिकायत कर सकें.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान

जब भारतीय कंपनियां अमेरिका या दूसरे देशों में IT बिजनेस करने जाती हैं, क्या वो अमेरिका या दूसरे देशों के कानूनों का पालन करती हैं या नहीं? आपको भारत में व्यापार करना है, पीएम और हम सबकी आलोचना करने के लिए आपका स्वागत है, लेकिन भारत के संविधान, नियमों का पालन करना होगा.

भारत एक लोकतंत्र है क्योंकि यहां चुनाव निष्पक्ष होते हैं. हमने असम जीता और बंगाल खोया. स्वतंत्र न्यायपालिका कठिन सवाल पूछती है. मीडिया वरिष्ठ मंत्रियों से सवाल करती है, लेकिन बोलने की आज़ादी और लोकतंत्र की आड़ में यदि आप नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो यह गलत तर्क है.

कानून मंत्री ने आगे कहा कि कानून और आईटी मंत्री के रूप में मेरे पास इस बारे में कोई टिप्पणी करने के लिए नहीं है. इसकी जांच पुलिस को करनी है, लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि अगर ट्विटर के पास किसी विशेष ट्वीट को जोड़-तोड़/अकुशल घोषित करने का मानदंड है, तो इसे गाजियाबाद मामले में क्यों लागू नहीं किया गया.

जब वाशिंगटन में कैपिटल हिल पर छापा मारा गया, तो आप तत्कालीन राष्ट्रपति सहित सभी के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक कर देते हैं. किसानों की हड़ताल के दौरान, लाल किले पर आतंकवादी समर्थकों द्वारा नग्न तलवारें दिखाकर, पुलिसकर्मियों को घायल किया जाता है, तो यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?

पढ़ें- फरीदाबादः कांग्रेस ने जो भ्रम फैलाया उसे दूर कर रहे हैं- कानून मंत्री

उन्होंने कहा कि अगर कैपिटल हिल अमेरिका का गौरव है, तो लाल किला भारत का गौरव है, जहां पीएम तिरंगा फहराते हैं. आप लद्दाख के कुछ हिस्सों को चीन के हिस्से के रूप में दिखाते हैं. इसे हटाने के लिए एक पखवाड़े का समय लगता है. यह उचित नहीं है. लोकतंत्र के रूप में भारत अपनी डिजिटल संप्रभुता की रक्षा करने का समान रूप से हकदार है.

मंत्री ने आगे कहा कि अगर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत आधी सरकार ट्विटर पर है.. इससे पता चलता है कि हम कितने निष्पक्ष हैं. लेकिन मानदंड मानदंड हैं. हम किसी भी प्लेटफॉर्म को बैन करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन आपको कानून का पालन करना होगा. हम नहीं चाहते कि सभी संदेशों को डिक्रिप्ट किया जाए.

उन्होंने कहा कि यह मेरा वचन है कि व्हाट्सएप के सभी सामान्य उपयोगकर्ता अपना उपयोग करना जारी रख सकते हैं. यदि कोई सामग्री वायरल हो जाती है, जिससे मॉब लिंचिंग, दंगे, हत्या, महिलाओं को नग्नता में दिखाना, बच्चों का यौन शोषण करना केवल इन सीमित श्रेणियों में, आपको यह घोषित करने के लिए कहा जाएगा कि शरारत किसने शुरू की. यदि वायरल मैसेज यहां तबाही मचा रहे हैं जो सीमा पार से उत्पन्न हुए हैं तो इसे भारत में किसने शुरू किया, हम बस यही मांग रहे हैं. यह जनहित में है.

उन्होंने कहा कि अगर ट्विटर का एक ट्वीट को मैनिपुलेटेड या अनमैनिपुलेटेड ट्वीट घोषित करने के लिए नियम है, तो ये गाजियाबाद मामले में लागू क्यों नहीं हुआ.

केंद्रीयमंत्री ने आगे कहा कि जब कुछ लोग ट्विटर के माध्यम से अपनी राजनीति करते हैं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है.. अब वे ट्विटर की राजनीति कर रहे हैं, फिर भी मुझे कोई समस्या नहीं है. यह ट्विटर और भारत सरकार या भाजपा के बीच कोई मुद्दा नहीं है. यह ट्विटर और उसके उपयोगकर्ताओं के बीच एक मुद्दा है.

Last Updated : Jun 17, 2021, 4:16 PM IST
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