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बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से हटाई गई महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन 'अबाइड विद मी'

महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों ( tune of Mahatma Gandhi's favorite song) में से एक 'अबाइड विद मी' (Abide with Me) की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह (Beating Retreat ceremony) से हटा दिया गया है.

The tune of Mahatma Gandhi's favorite song 'Abide with Me' was removed from the 'Beating Retreat' ceremony
महात्मा गांधी के पसंदीदा स्तुति गीत 'अबाइड विद मी' की धुन को 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह से हटाया गया
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Published : Jan 23, 2022, 7:17 AM IST

Updated : Jan 23, 2022, 1:43 PM IST

नई दिल्ली: महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों ( tune of Mahatma Gandhi's favorite song) में से एक 'अबाइड विद मी' (Abide with Me) की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह (Beating Retreat ceremony) से हटा दिया गया है. भारतीय सेना द्वारा शनिवार को जारी एक विवरण पुस्तिका से इसकी जानकारी मिली. स्कॉटलैंड के एंग्लिकन कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट द्वारा 1847 में लिखित 'अबाइड विद मी' 1950 से 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह का हिस्सा रहा है. विवरण पुस्तिका में कहा गया है कि इस साल के समारोह का समापन 'सारे जहां से अच्छा' के साथ होगा.

बीटिंग रिट्रीट 'अबाइड विद मी' की धुन के साथ समाप्त होता था. विवरण पुस्तिका में 26 धुनों को भी सूचीबद्ध किया गया है जो इस साल के विजय चौक पर होने वाले समारोह में बजाए जाएंगे. विवरण पुस्तिका के अनुसार इस साल के समारोह में जो 26 धुनें बजायी जाएंगी उनमें 'हे कांचा', ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘नृत्य सरिता’, ‘विजय जोश’, ‘केसरिया बन्ना’, ‘वीर सियाचिन’, ‘हाथरोई’, ‘विजय घोष’, ‘लड़ाकू’, ‘स्वदेशी’, ‘अमर चट्टान’, ‘गोल्डन एरोज’ और ‘स्वर्ण जयंती’ शामिल हैं.

विवरण पुस्तिका के मुताबिक 'वीर सैनिक', ‘फैनफेयर बाय बगलर्स’, ‘आईएनएस इंडिया’, ‘यशस्वी’, ‘जय भारती’, ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ भी उन 26 धुनों का हिस्सा हैं, जिन्हें 29 जनवरी की शाम को बजाया जाएगा. 'बीटिंग रिट्रीट' सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे. बिगुल की धुन बजने के साथ सैनिक लड़ना बंद कर अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे.

कांग्रेस ने 'बीटिंग रिट्रीट' से बापू का पसंदीदा स्तुति गीत हटाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा

कांग्रेस ने महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों में से एक 'अबाइड विद मी' की धुन को इस साल के ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह से हटाए जाने को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह राष्ट्रपिता की विरासत को मिटाने का एक और प्रयास है.' पार्टी प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्वीट किया, 'महात्मा गांधी के पसंदीदा स्तुति गीत को इस बार के बीटिंग रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया. यह बापू की विरासत को मिटाने का भाजपा सरकार का एक और प्रयास है.'

ये भी पढ़ें- इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे पीएम मोदी

उन्होंने यह भी कहा, 'गांधी जी के खिलाफ टिप्पणी करने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह भाजपा का गोडसे प्रेम है.' कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस समय गांधी जी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के विचारों को माननों वालों के बीच ‘वैचारिक युद्ध’ चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया, 'मौजूदा समय में केंद्र में जो सरकार है वह गोडसे के विचारों को मानने वाली है. वह गांधी जी के खिलाफ टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करती.'

नई दिल्ली: महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों ( tune of Mahatma Gandhi's favorite song) में से एक 'अबाइड विद मी' (Abide with Me) की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह (Beating Retreat ceremony) से हटा दिया गया है. भारतीय सेना द्वारा शनिवार को जारी एक विवरण पुस्तिका से इसकी जानकारी मिली. स्कॉटलैंड के एंग्लिकन कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट द्वारा 1847 में लिखित 'अबाइड विद मी' 1950 से 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह का हिस्सा रहा है. विवरण पुस्तिका में कहा गया है कि इस साल के समारोह का समापन 'सारे जहां से अच्छा' के साथ होगा.

बीटिंग रिट्रीट 'अबाइड विद मी' की धुन के साथ समाप्त होता था. विवरण पुस्तिका में 26 धुनों को भी सूचीबद्ध किया गया है जो इस साल के विजय चौक पर होने वाले समारोह में बजाए जाएंगे. विवरण पुस्तिका के अनुसार इस साल के समारोह में जो 26 धुनें बजायी जाएंगी उनमें 'हे कांचा', ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘नृत्य सरिता’, ‘विजय जोश’, ‘केसरिया बन्ना’, ‘वीर सियाचिन’, ‘हाथरोई’, ‘विजय घोष’, ‘लड़ाकू’, ‘स्वदेशी’, ‘अमर चट्टान’, ‘गोल्डन एरोज’ और ‘स्वर्ण जयंती’ शामिल हैं.

विवरण पुस्तिका के मुताबिक 'वीर सैनिक', ‘फैनफेयर बाय बगलर्स’, ‘आईएनएस इंडिया’, ‘यशस्वी’, ‘जय भारती’, ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ भी उन 26 धुनों का हिस्सा हैं, जिन्हें 29 जनवरी की शाम को बजाया जाएगा. 'बीटिंग रिट्रीट' सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे. बिगुल की धुन बजने के साथ सैनिक लड़ना बंद कर अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे.

कांग्रेस ने 'बीटिंग रिट्रीट' से बापू का पसंदीदा स्तुति गीत हटाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा

कांग्रेस ने महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों में से एक 'अबाइड विद मी' की धुन को इस साल के ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह से हटाए जाने को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह राष्ट्रपिता की विरासत को मिटाने का एक और प्रयास है.' पार्टी प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्वीट किया, 'महात्मा गांधी के पसंदीदा स्तुति गीत को इस बार के बीटिंग रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया. यह बापू की विरासत को मिटाने का भाजपा सरकार का एक और प्रयास है.'

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उन्होंने यह भी कहा, 'गांधी जी के खिलाफ टिप्पणी करने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह भाजपा का गोडसे प्रेम है.' कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस समय गांधी जी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के विचारों को माननों वालों के बीच ‘वैचारिक युद्ध’ चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया, 'मौजूदा समय में केंद्र में जो सरकार है वह गोडसे के विचारों को मानने वाली है. वह गांधी जी के खिलाफ टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करती.'

Last Updated : Jan 23, 2022, 1:43 PM IST
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