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चावल खरीद के मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ दिल्ली में KCR का हल्ला बोल, टिकैत का मिला साथ

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Published : Apr 11, 2022, 7:59 AM IST

Updated : Apr 11, 2022, 12:29 PM IST

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता राज्य से 15 लाख टन चावल की खरीद की मांग को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र के खिलाफ धरना दे दिया है. इसका नेतृत्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कर रहे हैं. धरना मंच पर किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद हैं.

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नई दिल्ली/हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता एवं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में 15 लाख टन परमल चावल (parboiled rice) की खरीद की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली में केंद्र के खिलाफ धरना दे रहे हैं. 2014 में तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद यह दिल्ली में टीआरएस की पहली विरोध रैली है. पार्टी के सांसद, एमएलसी, विधायक, पूरे कैबिनेट मंत्री और शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि धरने में शामिल होंगे. तेलंगाना भवन में टीआरएस सांसद जी रंजीत रेड्डी ने रविवार इसकी जानकारी साझा की है. टीआरएस ने अपना विरोध तेज कर दिया है और केंद्र सरकार द्वारा तेलंगाना के मौजूदा रबी सीजन में parboiled rice खरीदने के अनुरोध को कथित रूप से अस्वीकार करने के बाद दिल्ली पहुंच गई है.

रेड्डी ने कहा कि "मुख्यमंत्री केसीआर स्वयं ही विरोध का नेतृत्व करेंगे और भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत से मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता व्यक्त करने की उम्मीद है." चावल खरीद पर पूरे विवाद की व्याख्या करते हुए रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना सरकार किसानों को हतोत्साहित नहीं कर रही है. रबी सीजन के दौरान धान उगाने के लिए केंद्र द्वारा राज्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर चावल खरीदने से इनकार कर दिया है. किसानों को विविधता लाने के लिए कहा गया और परिणामस्वरूप राज्य में हल्के चावल के तहत उगाए गए क्षेत्र को 55 लाख से कम कर दिया गया. रबी सीजन में एक एकड़ से 30 एकड़ तक यह क्षेत्र और कम हो सकता था अगर भाजपा नेताओं ने किसानों को पूरी मात्रा की खरीद के वादे के साथ धान उगाने के लिए उकसाया नहीं होता.

चावल खरीद के मुद्दे पर KCR के नेतृत्व में TRS का दिल्ली में प्रदर्शन

टीआरएस नेता ने वीडियो क्लिपिंग दिखाते हुए कहा, "केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने राज्य में किसानों को रबी सीजन में धान उगाने के लिए उकसाया. किसानों ने 30 एकड़ में धान उगाया है और 15 लाख टन चावल का उत्पादन किया है. केंद्र अब तेलंगाना के किसानों से 15 लाख टन parboiled rice खरीदने से इनकार कर रहा है. केंद्र अब कह रहा है कि वह केवल कच्चे चावल की खरीद कर सकता है, न कि parboiled rice जो भारत में बड़े पैमाने पर खपत नहीं होते हैं. टीआरएस ने धरने की सभी व्यवस्था की है, जिसमें होर्डिंग और पोस्टर 'एक राष्ट्र-एक खरीद नीति' के नारे लगे हैं. और दिल्ली में तेलंगाना भवन और उसके आसपास 'किसानों के हितों की रक्षा' की स्थापना की.

तेलंगाना के सीएम राव, जो टीआरएस के अध्यक्ष हैं, पिछले 10 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में मेडिकल चेक-अप और विरोध की व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए हैं. इस बीच विरोध प्रदर्शन से पहले टीआरएस नेता और एमएलसी के कविता ने रविवार को कहा कि पार्टी किसानों के हितों के लिए लड़ेगी. राव की बेटी कविता ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में टीआरएस हर किसान के हितों के लिए लड़ेगी. उसने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने तेलंगाना के साथ भेदभाव किया है, टीआरएस ने तेलंगाना में लगभग एक सप्ताह तक सड़क जाम सहित कई विरोध प्रदर्शन किए हैं. धान खरीद को लेकर टीआरएस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध के बीच टीआरएस का विरोध प्रदर्शन भी हुआ. केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि तेलंगाना सरकार ने लिखित में दिया था कि वह भारतीय खाद्य निगम को parboiled rice नहीं बल्कि कच्चे चावल की आपूर्ति करेगी. तेलंगाना राज्य भाजपा अध्यक्ष कुमार ने शनिवार को आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार की "धान खरीद पर राजनीति" बिचौलियों को करोड़ों रुपये बनाने और किसानों के गुस्से को केंद्र की ओर मोड़ने में मदद करने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश की बू आती है.

यह भी पढ़ें-भाजपा पर भड़के केसीआर, कहा-मोदी के भ्रष्टाचार की लिस्ट मिली

नई दिल्ली/हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता एवं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में 15 लाख टन परमल चावल (parboiled rice) की खरीद की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली में केंद्र के खिलाफ धरना दे रहे हैं. 2014 में तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद यह दिल्ली में टीआरएस की पहली विरोध रैली है. पार्टी के सांसद, एमएलसी, विधायक, पूरे कैबिनेट मंत्री और शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि धरने में शामिल होंगे. तेलंगाना भवन में टीआरएस सांसद जी रंजीत रेड्डी ने रविवार इसकी जानकारी साझा की है. टीआरएस ने अपना विरोध तेज कर दिया है और केंद्र सरकार द्वारा तेलंगाना के मौजूदा रबी सीजन में parboiled rice खरीदने के अनुरोध को कथित रूप से अस्वीकार करने के बाद दिल्ली पहुंच गई है.

रेड्डी ने कहा कि "मुख्यमंत्री केसीआर स्वयं ही विरोध का नेतृत्व करेंगे और भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत से मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता व्यक्त करने की उम्मीद है." चावल खरीद पर पूरे विवाद की व्याख्या करते हुए रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना सरकार किसानों को हतोत्साहित नहीं कर रही है. रबी सीजन के दौरान धान उगाने के लिए केंद्र द्वारा राज्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर चावल खरीदने से इनकार कर दिया है. किसानों को विविधता लाने के लिए कहा गया और परिणामस्वरूप राज्य में हल्के चावल के तहत उगाए गए क्षेत्र को 55 लाख से कम कर दिया गया. रबी सीजन में एक एकड़ से 30 एकड़ तक यह क्षेत्र और कम हो सकता था अगर भाजपा नेताओं ने किसानों को पूरी मात्रा की खरीद के वादे के साथ धान उगाने के लिए उकसाया नहीं होता.

चावल खरीद के मुद्दे पर KCR के नेतृत्व में TRS का दिल्ली में प्रदर्शन

टीआरएस नेता ने वीडियो क्लिपिंग दिखाते हुए कहा, "केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने राज्य में किसानों को रबी सीजन में धान उगाने के लिए उकसाया. किसानों ने 30 एकड़ में धान उगाया है और 15 लाख टन चावल का उत्पादन किया है. केंद्र अब तेलंगाना के किसानों से 15 लाख टन parboiled rice खरीदने से इनकार कर रहा है. केंद्र अब कह रहा है कि वह केवल कच्चे चावल की खरीद कर सकता है, न कि parboiled rice जो भारत में बड़े पैमाने पर खपत नहीं होते हैं. टीआरएस ने धरने की सभी व्यवस्था की है, जिसमें होर्डिंग और पोस्टर 'एक राष्ट्र-एक खरीद नीति' के नारे लगे हैं. और दिल्ली में तेलंगाना भवन और उसके आसपास 'किसानों के हितों की रक्षा' की स्थापना की.

तेलंगाना के सीएम राव, जो टीआरएस के अध्यक्ष हैं, पिछले 10 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में मेडिकल चेक-अप और विरोध की व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए हैं. इस बीच विरोध प्रदर्शन से पहले टीआरएस नेता और एमएलसी के कविता ने रविवार को कहा कि पार्टी किसानों के हितों के लिए लड़ेगी. राव की बेटी कविता ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में टीआरएस हर किसान के हितों के लिए लड़ेगी. उसने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने तेलंगाना के साथ भेदभाव किया है, टीआरएस ने तेलंगाना में लगभग एक सप्ताह तक सड़क जाम सहित कई विरोध प्रदर्शन किए हैं. धान खरीद को लेकर टीआरएस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध के बीच टीआरएस का विरोध प्रदर्शन भी हुआ. केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि तेलंगाना सरकार ने लिखित में दिया था कि वह भारतीय खाद्य निगम को parboiled rice नहीं बल्कि कच्चे चावल की आपूर्ति करेगी. तेलंगाना राज्य भाजपा अध्यक्ष कुमार ने शनिवार को आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार की "धान खरीद पर राजनीति" बिचौलियों को करोड़ों रुपये बनाने और किसानों के गुस्से को केंद्र की ओर मोड़ने में मदद करने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश की बू आती है.

यह भी पढ़ें-भाजपा पर भड़के केसीआर, कहा-मोदी के भ्रष्टाचार की लिस्ट मिली

Last Updated : Apr 11, 2022, 12:29 PM IST
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