अगरतला: त्रिपुरा में विपक्षी माकपा ने कल उपचुनाव के नतीजे घोषित किए जाने के तुरंत बाद राज्य भर में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के पीछे कथित तौर पर भाजपा समर्थित बदमाशों का हाथ होने का आरोप लगाया. एक बयान में माकपा की राज्य समिति के सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल की प्रवृत्ति के बाद, भाजपा ने एक और नकली उप चुनाव कराकर और हालिया विधानसभा में 4 में से 3 सीटें जीतकर अपनी आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखा है.
उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा शुरू हो गई है. उत्तरी जिले के धर्मनगर में माकपा हाफलोंग क्षेत्रीय समिति के कार्यालय में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है. इतना ही नहीं श्रीपुर में सीपीआई (एम) नेता माखन पाल और डीवाईएफआई नेता मैनुल हक के घर पर रिजर्व पुलिस के सामने हमला किया गया.
वहीं दक्षिण जिले के बेलोनिया में सतमुरा और कॉलेज स्क्वायर में पार्टी कार्यकर्ता बाबुल साहा और दिलीप दत्ता पर हमला किया गया और घरों के अलावा उनके स्कूटरों में तोड़फोड़ की गई. साथ ही कर्मचारी समन्य समिति के कार्यालय और कांग्रेस के दो कार्यालयों में आग लगा दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि अगरतला में भाजपा द्वारा किए गए हमले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा सहित कई अन्य विपक्षी नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए. इसके अलावा एक आईपीएफटी विधायक वृषकेतु देबवर्मा और टीटीएएडीसी सदस्य विद्युत देबबर्मा के वाहनों में तोड़फोड़ की गई.
वहीं पश्चिम पुलिस थाने के सामने मीडियाकर्मियों सहित कई और निर्दोष राहगीरों की बाइक और स्कूटर क्षतिग्रस्त कर दिए गए. उन्होंने आगे कहा कि उपरोक्त सभी घटनाएं पुलिस प्रशासन के सामने हुई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि हर जगह पुलिस की भूमिका मूक दर्शक की तरह थी. भाजपा की इस तरह की गतिविधियां संविधान और लोकतंत्र के प्रति उनके अनादर और कमजोरी का चरम संकेत हैं.
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माकपा त्रिपुरा राज्य सचिवालय निकाय ने भाजपा की इस फासीवादी और दिवालिया राजनीति की कड़ी निंदा की. साथ ही पार्टी ने कहा कि हम राज्य प्रशासन से आतंकवाद को तुरंत रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं और सभी लोकतंत्र समर्थक और शांतिप्रिय लोगों से हमले के खिलाफ बोलने का अनुरोध कर रहे हैं.