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पश्चिम बंगाल में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है तृणमूल : शुभेंदु अधिकारी - Gorkhaland Territorial Administration

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए राज्यपाल के भाषण में चुनाव के बाद की हिंसा (post-poll violence) का कोई उल्लेख नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है.

शुभेंदु अधिकारी
शुभेंदु अधिकारी
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Published : Jul 2, 2021, 4:49 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) के उद्घाटन सत्र में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (West Bengal Governor) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) द्वारा दिए जाने वाले भाषण के कंटेंट पर निराशा व्यक्त करते हुए, भाजपा ने कहा कि राज्य सरकार ने भाषण से जानबूझकर चुनाव के बाद की हिंसा के मुद्दे को हटा दिया.

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए राज्यपाल के भाषण में चुनाव के बाद की हिंसा (post-poll violence) का कोई उल्लेख नहीं है. भाषण से ऐसा लगता है कि राज्य में चुनाव के दौरान या चुनाव के बाद आगजनी, लूट या हिंसा की कोई घटना हुई ही नहीं. जब राज्यपाल नंदीग्राम और सीतलकुची (Nandigram and Sitalkuchi ) का दौरा करना चाहते थे, तो वहां क्या हो रहा था. राज्य सरकार ने यात्रा को रोकने के लिए जानबूझकर लॉकडाउन किया था.

भाजपा नेता ने कहा, 'हमने फर्जी टीकाकरण मामले (fake vaccination case) पर पूरे दिन की चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है. हमें नहीं पता कि स्पीकर क्या चाहते हैं या सरकार में कोई चर्चा चाहते हैं या नहीं. यह सरकार राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है.

विपक्ष के नेता ने कहा कि चुनाव समाप्त हुए दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन हिंसा बेरोकटोक जारी है. जिलाधिकारियों (District Magistrates), पुलिस अधीक्षकों और अन्य सभी अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता है. हमें लगता है कि घटनाओं की निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए और संबंधित मामलों को आगे की कानूनी प्रक्रिया (legal procedure) के लिए दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

पढ़ें - पश्चिम बंगाल बजट सत्र 2021 : महज चार मिनट में राज्यपाल का अभिभाषण खत्म, भाजपा का वॉकआऊट

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज के सत्र ( session) के लिए तैयार किए गए भाषण पर अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee-government) और राज्यपाल (Governor ) के बीच संबंध खराब समय से गुजर रहे हैं. अपने हाल के उत्तर बंगाल दौरे के दौरान राज्यपाल ने गोरखालैंड क्षेत्रिय प्रशासन (Gorkhaland Territorial Administration) के संचालन में वित्तीय विसंगतियों का भी संकेत दिया और सीएजी द्वारा धन के ऑडिट के लिए आवाज उठाई है. राज्यपाल को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा और विधानसभा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा 'उच्च न्यायालय (High Court) ने चुनाव के बाद हुई हिंसा पर आज कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां की, यह केवल राज्यपाल की चिंताओं को दर्शाती है, लेकिन, राज्य सरकार ने इसे राज्यपाल के भाषण से हटा दिया. हम सरकार के रुख से बेहद निराश हैं.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) के उद्घाटन सत्र में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (West Bengal Governor) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) द्वारा दिए जाने वाले भाषण के कंटेंट पर निराशा व्यक्त करते हुए, भाजपा ने कहा कि राज्य सरकार ने भाषण से जानबूझकर चुनाव के बाद की हिंसा के मुद्दे को हटा दिया.

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए राज्यपाल के भाषण में चुनाव के बाद की हिंसा (post-poll violence) का कोई उल्लेख नहीं है. भाषण से ऐसा लगता है कि राज्य में चुनाव के दौरान या चुनाव के बाद आगजनी, लूट या हिंसा की कोई घटना हुई ही नहीं. जब राज्यपाल नंदीग्राम और सीतलकुची (Nandigram and Sitalkuchi ) का दौरा करना चाहते थे, तो वहां क्या हो रहा था. राज्य सरकार ने यात्रा को रोकने के लिए जानबूझकर लॉकडाउन किया था.

भाजपा नेता ने कहा, 'हमने फर्जी टीकाकरण मामले (fake vaccination case) पर पूरे दिन की चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है. हमें नहीं पता कि स्पीकर क्या चाहते हैं या सरकार में कोई चर्चा चाहते हैं या नहीं. यह सरकार राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है.

विपक्ष के नेता ने कहा कि चुनाव समाप्त हुए दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन हिंसा बेरोकटोक जारी है. जिलाधिकारियों (District Magistrates), पुलिस अधीक्षकों और अन्य सभी अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता है. हमें लगता है कि घटनाओं की निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए और संबंधित मामलों को आगे की कानूनी प्रक्रिया (legal procedure) के लिए दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

पढ़ें - पश्चिम बंगाल बजट सत्र 2021 : महज चार मिनट में राज्यपाल का अभिभाषण खत्म, भाजपा का वॉकआऊट

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज के सत्र ( session) के लिए तैयार किए गए भाषण पर अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee-government) और राज्यपाल (Governor ) के बीच संबंध खराब समय से गुजर रहे हैं. अपने हाल के उत्तर बंगाल दौरे के दौरान राज्यपाल ने गोरखालैंड क्षेत्रिय प्रशासन (Gorkhaland Territorial Administration) के संचालन में वित्तीय विसंगतियों का भी संकेत दिया और सीएजी द्वारा धन के ऑडिट के लिए आवाज उठाई है. राज्यपाल को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा और विधानसभा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा 'उच्च न्यायालय (High Court) ने चुनाव के बाद हुई हिंसा पर आज कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां की, यह केवल राज्यपाल की चिंताओं को दर्शाती है, लेकिन, राज्य सरकार ने इसे राज्यपाल के भाषण से हटा दिया. हम सरकार के रुख से बेहद निराश हैं.

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