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तृणमूल नेताओं की देबंजन देब के साथ सामने आई तस्वीरें, संबंधों को छिपाने की कोशिश - Rajya Sabha member

फर्जी टीकाकरण रैकेट (fake vaccination racket) के सरगना देबंजन दास (Debanjan Das) के साथ तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं. इस मामले पर ईटीवी भारत ने तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं से बात की जिनकी देब के साथ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं. जानिए उन्होंने क्या कहा?

देबंजन देब
देबंजन देब
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Published : Jun 25, 2021, 6:51 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कोलकाता से ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिसमें फर्जी टीकाकरण रैकेट (fake vaccination racket) के सरगना देबंजन दास (Debanjan Das) को तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा गया था.

इसके बाद अब तृणमूल कांग्रेस पर खुद ही सवाल उठ रहे हैं कि मामले पर पार्टी का क्या रुख है और क्या इससे सत्ताधारी पार्टी की छवि फिर से खराब होगी, जो पहले से ही शारदा और नारदा घोटालों (Sarada and Narada scams) में अपने नेताओं के शामिल होने के कारण विपक्षी दलों के निशाने पर थी? नकली टीकाकरण ( fake vaccination) की घटना पर पहले से शहर उबल रहा है, जहां देब, फेक आईएएस अधिकारी बनकर समाज के प्रभावशाली हलकों में घूमते थे.

तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया है. दरअसल, विभिन्न कार्यक्रमों में उनके साथ तृणमूल के शीर्ष नेता दिखाई दे रहे हैं.

स्वाभाविक रूप से भाजपा के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष (Dilip Ghosh) और सुवाश सरकार (Suvash Sarkar) जैसे विपक्षी नेता पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि देब ने राज्य में सत्ताधारी दल के संरक्षण में अपना नेटवर्क बढ़ाया है. उनका दावा है कि जब इतने लोगों की जान दांव पर लगी थी तब तृणमूल कांग्रेस के नेता अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते .

इस बीच ईटीवी भारत ने तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं से बात की जिनकी देब के साथ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं.

ईटीवी भारत से बत करते हुए तृणमूल के राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha member) डॉ शांतनु सेन (Dr Shantanu Sen) ने दावा किया कि उन्हें नहीं पता कि देबंजन देब कौन थे.

उन्होंने कहा, 'मैंने उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई है. आईएमए की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां आम लोगों को मास्क और सैनिटाइजर बांटे गए. हमने आईएमए की ओर से कुछ स्वैच्छिक संगठनों (voluntary organizations) और ऐसे वितरण शिविरों (distribution camp) के आयोजन में रुचि रखने वाले लोगों की भी मदद की. शायद ऐसे ही एक कार्यक्रम में देब ने मेरे साथ अपनी तस्वीर क्लिक की थी. इसमें मेरी क्या गलती है.'

लगभग ऐसा ही तर्क अभिनेत्री से नेता बनीं और तृणमूल विधायक (actress-turned- politician ) लवली मित्रा (Lovely Mitra) ने भी रखा. उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती, लेकिन उन्होंने राज्य सरकार के संयुक्त सचिव (joint secretary ) के रूप में अपना परिचय दिया. चूंकि वह एक वाहन में नीले रंग की लाइट के साथ चले गए, मुझे कुछ भी संदेह नहीं हुआ था.'

उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम में मास्क और सैनिटाइजर (masks and sanitizers) का वितरण किया, लेकिन मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह धोखेबाज है. अक्सर कई आवेदन जनप्रतिनिधियों के पास आते हैं और जरूरी नहीं कि सभी देब जैसे धोखेबाज हों.

पढ़ी- सांसद मिमी चक्रवर्ती के साथ धोखाधड़ी, कोलकाता में फर्जी टीकाकरण केंद्र का भंडाफोड़

इसी तरह, तृणमूल के एक अन्य विधायक तापस रॉय (Tapas Roy), जिनकी देब के साथ तस्वीर सामने आई है. उन्होंने दावा किया कि वह देबंजन देब नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते हैं. मुझे इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना है.

इसके अलावा मंत्री फिरहाद हाकिम (Firhad Hakim) और तृणमूल विधायक देबाशीष कुमार (Debasish Kumar ) से भी ईटीवी भारत ने संपर्क किया, लेकिन दोनों ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

हालांकि कांग्रेस सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने इस घटनाक्रम के लिए सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने कहा, ' हमें न तो सीबीआई पर और न ही सीआईडी पर भरोसा है. इसलिए हम एक सिटिंग जज से न्यायिक जांच की मांग करते हैं.

उन्होंने कहा, 'सत्ता पक्ष के नेता और मंत्री जिस तरह से बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वे सभी इस कांड को ढकने की कोशिश कर रहे हैं. घोटाले में शामिल सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए.'

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कोलकाता से ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिसमें फर्जी टीकाकरण रैकेट (fake vaccination racket) के सरगना देबंजन दास (Debanjan Das) को तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा गया था.

इसके बाद अब तृणमूल कांग्रेस पर खुद ही सवाल उठ रहे हैं कि मामले पर पार्टी का क्या रुख है और क्या इससे सत्ताधारी पार्टी की छवि फिर से खराब होगी, जो पहले से ही शारदा और नारदा घोटालों (Sarada and Narada scams) में अपने नेताओं के शामिल होने के कारण विपक्षी दलों के निशाने पर थी? नकली टीकाकरण ( fake vaccination) की घटना पर पहले से शहर उबल रहा है, जहां देब, फेक आईएएस अधिकारी बनकर समाज के प्रभावशाली हलकों में घूमते थे.

तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया है. दरअसल, विभिन्न कार्यक्रमों में उनके साथ तृणमूल के शीर्ष नेता दिखाई दे रहे हैं.

स्वाभाविक रूप से भाजपा के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष (Dilip Ghosh) और सुवाश सरकार (Suvash Sarkar) जैसे विपक्षी नेता पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि देब ने राज्य में सत्ताधारी दल के संरक्षण में अपना नेटवर्क बढ़ाया है. उनका दावा है कि जब इतने लोगों की जान दांव पर लगी थी तब तृणमूल कांग्रेस के नेता अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते .

इस बीच ईटीवी भारत ने तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं से बात की जिनकी देब के साथ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं.

ईटीवी भारत से बत करते हुए तृणमूल के राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha member) डॉ शांतनु सेन (Dr Shantanu Sen) ने दावा किया कि उन्हें नहीं पता कि देबंजन देब कौन थे.

उन्होंने कहा, 'मैंने उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई है. आईएमए की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां आम लोगों को मास्क और सैनिटाइजर बांटे गए. हमने आईएमए की ओर से कुछ स्वैच्छिक संगठनों (voluntary organizations) और ऐसे वितरण शिविरों (distribution camp) के आयोजन में रुचि रखने वाले लोगों की भी मदद की. शायद ऐसे ही एक कार्यक्रम में देब ने मेरे साथ अपनी तस्वीर क्लिक की थी. इसमें मेरी क्या गलती है.'

लगभग ऐसा ही तर्क अभिनेत्री से नेता बनीं और तृणमूल विधायक (actress-turned- politician ) लवली मित्रा (Lovely Mitra) ने भी रखा. उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती, लेकिन उन्होंने राज्य सरकार के संयुक्त सचिव (joint secretary ) के रूप में अपना परिचय दिया. चूंकि वह एक वाहन में नीले रंग की लाइट के साथ चले गए, मुझे कुछ भी संदेह नहीं हुआ था.'

उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम में मास्क और सैनिटाइजर (masks and sanitizers) का वितरण किया, लेकिन मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह धोखेबाज है. अक्सर कई आवेदन जनप्रतिनिधियों के पास आते हैं और जरूरी नहीं कि सभी देब जैसे धोखेबाज हों.

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इसी तरह, तृणमूल के एक अन्य विधायक तापस रॉय (Tapas Roy), जिनकी देब के साथ तस्वीर सामने आई है. उन्होंने दावा किया कि वह देबंजन देब नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते हैं. मुझे इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना है.

इसके अलावा मंत्री फिरहाद हाकिम (Firhad Hakim) और तृणमूल विधायक देबाशीष कुमार (Debasish Kumar ) से भी ईटीवी भारत ने संपर्क किया, लेकिन दोनों ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

हालांकि कांग्रेस सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने इस घटनाक्रम के लिए सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने कहा, ' हमें न तो सीबीआई पर और न ही सीआईडी पर भरोसा है. इसलिए हम एक सिटिंग जज से न्यायिक जांच की मांग करते हैं.

उन्होंने कहा, 'सत्ता पक्ष के नेता और मंत्री जिस तरह से बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वे सभी इस कांड को ढकने की कोशिश कर रहे हैं. घोटाले में शामिल सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए.'

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