मुंबई: मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने एक सड़क दुर्घटना में मारे गए ईंट भट्ठा के मजदूर के परिजन को 9.03 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. यहां 2018 में महाराष्ट्र में एक सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गयी थी. 27 अक्टूबर को जारी आदेश में एमएसीटी के सदस्य आरएन रोकाडे ने प्रतिद्वंद्वी एमएसआरटीसी (MSRTC) को दावा दायर करने की तारीख से 7.50 प्रतिशत प्रति वर्ष के ब्याज के साथ दावेदारों को भुगतान करने का निर्देश दिया. याचिका में मृतक की पत्नी, चार बच्चों और मां ने न्यायाधिकरण को सूचित किया कि रवींद्र गेज (35, मृतक), एक ईंट भट्टे में काम करता था. वह खेत में मजदूरी भी किया करता था और प्रति दिन 500 रुपये कमाता था.
उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल, 2018 को, जब वह तीन अन्य लोगों के साथ मोटरसाइकिल चला रहा था, तो विपरीत दिशा से आ रही महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की एक तेज रफ्तार बस साहापुर में एक दोपहिया से टकरा गई. इस हादसे में रवींद्र गेज सहित दो अन्य की मौके पर ही मौत हो गई.
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याचिकाकर्ताओं और प्रतिद्वंद्वी की दलीलें सुनने के बाद, न्यायाधिकरण ने दावेदारों को 9.03 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. इसी दुर्घटना में एक अन्य 42 वर्षीय व्यक्ति और उसके पांच वर्षीय बेटे की मौत के लिए, न्यायाधिकरण ने दो अन्य अलग-अलग आदेशों में, उनके परिवार के सदस्यों को क्रमशः 9.10 लाख रुपये और 3.30 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.