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Bear attack in Kanker : कांकेर में भालू का हमला, आदिवासी नेता की मौत

bear attack in Kanker कांकेर जिले में भालू की मौजूदगी आम बात है. यहां पखांजूर के थाना बड़गांव क्षेत्र में भालू के हमले में आदिवासी नेता की दर्दनाक मौत हो गई. वहीं शहर से सटे इलाकों में अब भालू के बाद तेंदुए की दहशत भी देखी जा रही है. बीती रात शहर से नजदीक दो गांव में तेंदुए सड़क किनारे घूमते दिखे है. जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत देखी जा रही है

bear attack in Kanker
भालू का हमले में आदिवासी नेता की मौत
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Published : Oct 25, 2022, 3:06 PM IST

कांकेर : मिली जानकारी के अनुसार गोंडवाना समाज बड़गांव सर्कल अध्यक्ष गणेश ध्रुव मवेशियों को चराने के लिए जंगल में गए हुए थे. वहीं जंगल में अचानक भालू ने जानलेवा हमला कर दिया. भालू ने गणेश ध्रुव के सिर पर जबरदस्त हमला (bear attack in Kanker) किया. जिससे आदिवासी नेता गणेश ध्रुव की मौत हो गई हैं,वहीं भालू के मौजूदगी एवं हमले के बाद से अंदरूनी क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है.

तेंदुए का भी खतरा : कांकेर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र कांकेर (Kanker forest area) में लगातार भालू, तेंदुए देखे जा रहे हैं. लेकिन वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. पिछले लम्बे समय से जगह जगह तेंदुए घूम रहे हैं. तेंदुए की दहशत के कारण लोगों को शाम ढलते ही घर में कैद होना पड़ रहा है. तेंदुआ आबादी क्षेत्रों से कई जानवरों को उठाकर ले जा चुका (Panic of leopard in Kanker) है.


जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर नरहरपुर मार्ग में डुमाली गांव के पास 3 तेंदुए रात करीब 9 बजे सड़क किनारे घूमते दिखे. तो वहीं सिदेसर गांव के नजदीक भी एक तेंदुआ नजर आया है. गांव के नजदीक तेंदुआ के नजर आने से ग्रामीणों में दहशत है. क्षेत्र के लोग पहले ही भालुओं से परेशान है जो कि गांव के भीतर तक रोजाना घुस रहे हैं. अब तेंदुए भी गांव के बेहद नजदीक तक पहुंच रहे हैं, जो चिंता का विषय (Tribal leader dies due to bear attack) है.

जंगली जानवरों पर नियंत्रण पाना मुश्किल: शहर हो या गांव सभी जगह लोग जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं. कहीं भालू उत्पात मचा रहा है.तो कहीं तेंदुआ. वन अमला भी भालू और तेंदुआ को पकड़कर दूर जंगलों में छोड़ रहा है. लेकिन इसके बाद भी भालू और तेंदुओं का उत्पात जारी है. अब इन पर नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो रहा है.

ये भी पढ़ें - कांकेर में शहर से लगे दो गांवों में दिखे 3 तेंदुए

वन विभाग ने की अपील : जिला मुख्यालय तथा आसपास के क्षेत्रों में वन्य प्राणी तेंदुआ, भालू के देखे जाने तथा भालुओ द्वारा इसानों पर हमला की घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए वन विभाग ने भालू और तेंदुआ से बचने के लिए सावधानियां बरतने की अपील नागरिकों से की गई है. वन विभाग ने अपील में कहा है कि वन्य प्राणी तेंदुआ, भालू के दिखाई देने पर उन्हें घेरने अथवा मारने का प्रयास न किया जाये. बल्कि खुद को सुरक्षित कर लें और उनसे दूरी बना लें. सुबह और शाम के वक्त अंधेरे में बाहर न निकले. रात में घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो टार्च अथवा मसाल के साथ समूह में निकले.''

कांकेर : मिली जानकारी के अनुसार गोंडवाना समाज बड़गांव सर्कल अध्यक्ष गणेश ध्रुव मवेशियों को चराने के लिए जंगल में गए हुए थे. वहीं जंगल में अचानक भालू ने जानलेवा हमला कर दिया. भालू ने गणेश ध्रुव के सिर पर जबरदस्त हमला (bear attack in Kanker) किया. जिससे आदिवासी नेता गणेश ध्रुव की मौत हो गई हैं,वहीं भालू के मौजूदगी एवं हमले के बाद से अंदरूनी क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है.

तेंदुए का भी खतरा : कांकेर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र कांकेर (Kanker forest area) में लगातार भालू, तेंदुए देखे जा रहे हैं. लेकिन वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. पिछले लम्बे समय से जगह जगह तेंदुए घूम रहे हैं. तेंदुए की दहशत के कारण लोगों को शाम ढलते ही घर में कैद होना पड़ रहा है. तेंदुआ आबादी क्षेत्रों से कई जानवरों को उठाकर ले जा चुका (Panic of leopard in Kanker) है.


जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर नरहरपुर मार्ग में डुमाली गांव के पास 3 तेंदुए रात करीब 9 बजे सड़क किनारे घूमते दिखे. तो वहीं सिदेसर गांव के नजदीक भी एक तेंदुआ नजर आया है. गांव के नजदीक तेंदुआ के नजर आने से ग्रामीणों में दहशत है. क्षेत्र के लोग पहले ही भालुओं से परेशान है जो कि गांव के भीतर तक रोजाना घुस रहे हैं. अब तेंदुए भी गांव के बेहद नजदीक तक पहुंच रहे हैं, जो चिंता का विषय (Tribal leader dies due to bear attack) है.

जंगली जानवरों पर नियंत्रण पाना मुश्किल: शहर हो या गांव सभी जगह लोग जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं. कहीं भालू उत्पात मचा रहा है.तो कहीं तेंदुआ. वन अमला भी भालू और तेंदुआ को पकड़कर दूर जंगलों में छोड़ रहा है. लेकिन इसके बाद भी भालू और तेंदुओं का उत्पात जारी है. अब इन पर नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो रहा है.

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वन विभाग ने की अपील : जिला मुख्यालय तथा आसपास के क्षेत्रों में वन्य प्राणी तेंदुआ, भालू के देखे जाने तथा भालुओ द्वारा इसानों पर हमला की घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए वन विभाग ने भालू और तेंदुआ से बचने के लिए सावधानियां बरतने की अपील नागरिकों से की गई है. वन विभाग ने अपील में कहा है कि वन्य प्राणी तेंदुआ, भालू के दिखाई देने पर उन्हें घेरने अथवा मारने का प्रयास न किया जाये. बल्कि खुद को सुरक्षित कर लें और उनसे दूरी बना लें. सुबह और शाम के वक्त अंधेरे में बाहर न निकले. रात में घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो टार्च अथवा मसाल के साथ समूह में निकले.''

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