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उत्तराखंडः मदमहेश्वर घाटी में मिला दिल के आकार वाला ताल, आप देखेंगे तो कहेंगे...अरे वाह !

रुद्रप्रयाग जिले में एक नये ताल की खोज (Discovery of new lake in Rudraprayag district) की गई है. ये ताल लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर है. इस ताल की परिधि लगभग 1 किमी है. ये ताल मदमहेश्वर घाटी (Tal Madmaheshwar Valley) में स्थिति है. इस ताल तक पहुंचने के लिए 6 दिन का समय लगता है.

discover heart shaped lake at Madmaheshwar
दिल के आकार वाला ताल
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Published : Sep 16, 2022, 9:51 AM IST

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर से लगभग 60 किमी दूर पनपतिया ग्लेशियर के निकट 16,500 फीट की ऊंचाई पर प्रकृति प्रेमियों ने एक नये ताल की खोज (Discovery of new lake in Rudraprayag district ) की है. इस बार विभिन्न क्षेत्रों के 6 सदस्यीय दल डिजिटल रूट बनाकर अज्ञात ताल के निकट पहुंचा. ये दल अज्ञात ताल सहित विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद सकुशल वापस पहुंच गया है. 60 किमी की दूरी तय करने के लिए दल को को 6 दिन का समय लगा. दो दिन का समय दल को ग्लेशियरों में व्यतीत करना पड़ा.

इस पैदल ट्रेक को तय करने के लिए दल सारे उपकरणों के साथ निकला. दल के अनुसार यह पैदल ट्रेक जोखिम भरा है. इस अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए दल ने लगभग पांच महीने तक गूगल अर्थ मैप में हिमालय का गहन अध्ययन किया. जिसके बाद ताल का डिजिटल रूट तैयार कर अज्ञात ताल के खोज के अभियान को आगे बढ़ाया. दल में शामिल गौण्डार गांव निवासी अभिषेक पंवार ने बताया कि इस अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए मदमहेश्वर-धौला, क्षेत्रपाल-कांचनीखाल वाला रूट तय करना पड़ता है. पैदल ट्रेक सिर्फ अनुमान के अनुसार तय करना पड़ता है.

मदमहेश्वर घाटी में मिला दिल के आकार वाला ताल.
पढ़ें- UKSSSC पेपर लीक: HC ने राज्य सरकार से पूछा कैसे हुई भर्तियां, 21 सितंबर से पहले चार्ट पेश करें

अत्यधिक ऊंचाई पर नेटवर्क सुविधा न होने से गूगल की मदद भी यहां नहीं ली जा सकती है. उन्होंने बताया मदमहेश्वर से अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए लगभग 60 किमी की दूरी तय करने पड़ती है. ये ट्रेक जोखिम भरा है. दल में शामिल गौण्डार निवासी आकाश पंवार ने बताया अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए दल को 6 दिन का समय लगा. 2 दिन का समय ग्लेशियरों में व्यतीत करना पड़ा.

Discovery of new lake in Rudraprayag district
दिल के आकार वाला ताल
पढ़ें- वाइनबर्ग एलन स्कूल के छात्रों की सराहनीय पहल, पॉकेट मनी से लगाया दिव्यांग का मैकेनिकल पैर

उन्होंने बताया अज्ञात ताल लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर है. इस ताल की परिधि लगभग 1 किमी है. दल में शामिल बडियारगढ़-टिहरी गढ़वाल निवासी विनय नेगी ने बताया कि अज्ञात ताल का पानी हरा होने के कारण ताल की गहराई अधिक होने का अनुमान लगाया जा सकता है. ताल में पत्थर डालने पर पानी के बुलबुले उठ रहे हैं. मनसूना गिरीया निवासी दीपक पंवार ने बताया ताल के चारों तरफ बीहड़ चट्टान हैं. चाल के चारों तरफ बुग्याल नहीं है. अत्यधिक ऊंचाई के कारण उस क्षेत्र में बर्फबारी अधिक समय तक रहती है. जिसके कारण यहां बुग्याल नहीं हैं.
पढ़ें- हरीश रावत ने CM धामी की तारीफ में कही बड़ी बात, सरकार के इस फैसले को सराहा

बडियारगढ़- टिहरी निवासी ललित लिंगवाल ने बताया अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए अदम्य साहस होने के साथ सभी उपकरण व मेडिकल किट साथ रखना अनिवार्य है. ऊंचाई वाले इलाकों में विद्युत, संचार जैसी सुविधाओं का अभाव होने से पैदल ट्रेक जोखिम भरा हो जाता है. खंडाह -श्रीनगर गढ़वाल निवासी अरविन्द रावत ने बताया मदमहेश्वर धाम से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई वाले भूभाग को प्रकृति ने बड़े खूबसूरत तरीके से सजाया है. 13 हजार फीट की ऊंचाई के बाद का भूभाग बर्फबारी के कारण चट्टानों से भरा हुआ है. इसलिए चट्टानों वाले भूभाग को तय करने में अधिक समय लगता है.

discover heart shaped lake at Madmaheshwar
ट्रेकर्स दल

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर से लगभग 60 किमी दूर पनपतिया ग्लेशियर के निकट 16,500 फीट की ऊंचाई पर प्रकृति प्रेमियों ने एक नये ताल की खोज (Discovery of new lake in Rudraprayag district ) की है. इस बार विभिन्न क्षेत्रों के 6 सदस्यीय दल डिजिटल रूट बनाकर अज्ञात ताल के निकट पहुंचा. ये दल अज्ञात ताल सहित विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद सकुशल वापस पहुंच गया है. 60 किमी की दूरी तय करने के लिए दल को को 6 दिन का समय लगा. दो दिन का समय दल को ग्लेशियरों में व्यतीत करना पड़ा.

इस पैदल ट्रेक को तय करने के लिए दल सारे उपकरणों के साथ निकला. दल के अनुसार यह पैदल ट्रेक जोखिम भरा है. इस अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए दल ने लगभग पांच महीने तक गूगल अर्थ मैप में हिमालय का गहन अध्ययन किया. जिसके बाद ताल का डिजिटल रूट तैयार कर अज्ञात ताल के खोज के अभियान को आगे बढ़ाया. दल में शामिल गौण्डार गांव निवासी अभिषेक पंवार ने बताया कि इस अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए मदमहेश्वर-धौला, क्षेत्रपाल-कांचनीखाल वाला रूट तय करना पड़ता है. पैदल ट्रेक सिर्फ अनुमान के अनुसार तय करना पड़ता है.

मदमहेश्वर घाटी में मिला दिल के आकार वाला ताल.
पढ़ें- UKSSSC पेपर लीक: HC ने राज्य सरकार से पूछा कैसे हुई भर्तियां, 21 सितंबर से पहले चार्ट पेश करें

अत्यधिक ऊंचाई पर नेटवर्क सुविधा न होने से गूगल की मदद भी यहां नहीं ली जा सकती है. उन्होंने बताया मदमहेश्वर से अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए लगभग 60 किमी की दूरी तय करने पड़ती है. ये ट्रेक जोखिम भरा है. दल में शामिल गौण्डार निवासी आकाश पंवार ने बताया अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए दल को 6 दिन का समय लगा. 2 दिन का समय ग्लेशियरों में व्यतीत करना पड़ा.

Discovery of new lake in Rudraprayag district
दिल के आकार वाला ताल
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उन्होंने बताया अज्ञात ताल लगभग 16,500 फीट की ऊंचाई पर है. इस ताल की परिधि लगभग 1 किमी है. दल में शामिल बडियारगढ़-टिहरी गढ़वाल निवासी विनय नेगी ने बताया कि अज्ञात ताल का पानी हरा होने के कारण ताल की गहराई अधिक होने का अनुमान लगाया जा सकता है. ताल में पत्थर डालने पर पानी के बुलबुले उठ रहे हैं. मनसूना गिरीया निवासी दीपक पंवार ने बताया ताल के चारों तरफ बीहड़ चट्टान हैं. चाल के चारों तरफ बुग्याल नहीं है. अत्यधिक ऊंचाई के कारण उस क्षेत्र में बर्फबारी अधिक समय तक रहती है. जिसके कारण यहां बुग्याल नहीं हैं.
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बडियारगढ़- टिहरी निवासी ललित लिंगवाल ने बताया अज्ञात ताल तक पहुंचने के लिए अदम्य साहस होने के साथ सभी उपकरण व मेडिकल किट साथ रखना अनिवार्य है. ऊंचाई वाले इलाकों में विद्युत, संचार जैसी सुविधाओं का अभाव होने से पैदल ट्रेक जोखिम भरा हो जाता है. खंडाह -श्रीनगर गढ़वाल निवासी अरविन्द रावत ने बताया मदमहेश्वर धाम से लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई वाले भूभाग को प्रकृति ने बड़े खूबसूरत तरीके से सजाया है. 13 हजार फीट की ऊंचाई के बाद का भूभाग बर्फबारी के कारण चट्टानों से भरा हुआ है. इसलिए चट्टानों वाले भूभाग को तय करने में अधिक समय लगता है.

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