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कोरोना मरीजों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्वास्थकर्मियों ने चुना रोचक विकल्प - बढ़ा रहे कोरोना मरीजों का मनोबल

बिहार के शेखपुरा कोविड केयर सेंटर में कोरोना मरीजों को इमोशनल और मेंटल बूस्टअप किया जा रहा है. साथ ही कोरोना मरीजों के परिजनों से उन्हें खुश रखने और कोरोना से लड़ने में सहयोग करने की अपील की जा रही है.

corona patient treatment
corona patient treatment
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Published : May 25, 2021, 4:20 PM IST

शेखपुरा : बिहार के शेखपुरा जिले के कोविड केयर सेंटर में मरीजों का इलाज दवा के साथ-साथ उनका भावनात्मक सहयोग कर किया जा रहा है. इन कोरोना संक्रमित मरीजों को कोरोना से लड़ने में यहां के स्वास्थ्यकर्मी काफी हौसला बढ़ाते हैं.

कोविड केयर सेंटर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार और उनकी टीम गाना गाकर इन कोरोना मरीजों का इलाज करती है. ताकि मरीज अपनी बीमारी को भूलकर साकारात्मक सोच रखें और स्वस्थ्य हो जाएं. डॉक्टरों के इस प्रयास में मरीज के परिजनों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है.

कोरोना मरीजों का मनोबल बढ़ाते स्वास्थ्यकर्मी.

मरीजों को किया जाता है बूस्टअप

बताया जा रहा है कि जिले के कोविड केयर सेंटर में सुबह में भजन और शाम में मनोरंजन का कार्यक्रम आयोजित होता है. ताकि मरीजों का टेंशन कम रहे. यहां पर भर्ती मरीजों और उनके परिजनों की काउंसिलिंग भी की जाती है, ताकि मरीजों में बीमारी का भय कम हो. काउंसिलिंग के दौरान मरीजों को बूस्टअप किया जाता है. साथ ही उनके परिजनों से भी पेशेंट को खुश रहने के लिए कहने को कहा जाता है.

जल्द से जल्द रिकवर करें मरीज

कोविड केयर सेंटर पर स्वास्थ्यकर्मी 24 घंटे तीन शिफ्ट में कोरोना मरीजों की देखभाल करते हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की टीम गाना गाकर, डांसकर और चुटकुला सुनाकर मरीजों को खुश रखते हैं, ताकि मरीज बीमारी में खुश रहे और जल्द से जल्द रिकवर कर सके. डॉक्टरों का मानना है कि कई बार मरीज के अकेले रहने पर उसके मन में कई सारी नाकारात्मक बातें आती है. इससे वो और अधिक बीमार हो जाते हैं.

कोरोना से लड़ने में परिजन करें सहयोग

डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि हर बीमारी से लड़ने के लिए मरीज का सकारात्मक होना जरूरी है. कोरोना से लोग इसलिए भी मर जा रहे हैं क्योंकि उनके अपने ही उनसे मुंह फेर लेते हैं.

अस्पतालों में मरीज को छोड़कर उसके परिजन और साथी घर भाग जाते हैं. इससे मरीजों में नकारात्मकता बढ़ जाती है. वह अधिक बीमार होने लगते हैं. घर के लोग और दोस्त अगर मरीजों के साथ सही बर्ताव करें और उनका हौसला बढ़ाएं, तो निश्चित रूप से मरीज बड़ी से बड़ी बीमारी से जीत लेंगे.

कोविड केयर सेंटरों पर अत्याधुनिक सुविधाएं

बता दें कि जिले के कोविड केयर सेंटरों पर अत्याधुनिक सुविधाएं हैं. यहां का कोविड केयर सेंटर कई बड़े जिलों के अस्पतालों को फेल कर रहा है. इस वजह से यहां इलाज करवाने के लिए भर्ती हुए 125 मरीजों में से सिर्फ 22 मरीज ही बच गए हैं. इनमें से 9 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

यहां भर्ती होने वाले मरीजों में से 80 फीसदी मरीज गंभीर हालत में पहुंचे थे. उन्हें तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी अच्छी देखभाल की इस कारण से काफी मरीज स्वस्थ हो गए. वहीं कोरोना के कारण 12 मरीजों की मौत भी हुई है.

पड़ोसी जिले से भी आ रहे मरीज

यहां के कोविड केयर सेंटर में शेखपुरा के अलावा पड़ोसी जिलों से भी मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. प्रभारी डॉ.अशोक बताते हैं कि अबतक यहां नालंदा, नवादा, लखीसराय और पटना से भी मरीज इलाज के लिए आए हैं. कई मरीजों को यहां से रेफर भी कर दिया गया, लेकिन कहीं बेड नहीं मिलने के बाद वे फिर यहीं आ गए और दबारा इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर लौट गए.

शेखपुरा : बिहार के शेखपुरा जिले के कोविड केयर सेंटर में मरीजों का इलाज दवा के साथ-साथ उनका भावनात्मक सहयोग कर किया जा रहा है. इन कोरोना संक्रमित मरीजों को कोरोना से लड़ने में यहां के स्वास्थ्यकर्मी काफी हौसला बढ़ाते हैं.

कोविड केयर सेंटर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार और उनकी टीम गाना गाकर इन कोरोना मरीजों का इलाज करती है. ताकि मरीज अपनी बीमारी को भूलकर साकारात्मक सोच रखें और स्वस्थ्य हो जाएं. डॉक्टरों के इस प्रयास में मरीज के परिजनों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है.

कोरोना मरीजों का मनोबल बढ़ाते स्वास्थ्यकर्मी.

मरीजों को किया जाता है बूस्टअप

बताया जा रहा है कि जिले के कोविड केयर सेंटर में सुबह में भजन और शाम में मनोरंजन का कार्यक्रम आयोजित होता है. ताकि मरीजों का टेंशन कम रहे. यहां पर भर्ती मरीजों और उनके परिजनों की काउंसिलिंग भी की जाती है, ताकि मरीजों में बीमारी का भय कम हो. काउंसिलिंग के दौरान मरीजों को बूस्टअप किया जाता है. साथ ही उनके परिजनों से भी पेशेंट को खुश रहने के लिए कहने को कहा जाता है.

जल्द से जल्द रिकवर करें मरीज

कोविड केयर सेंटर पर स्वास्थ्यकर्मी 24 घंटे तीन शिफ्ट में कोरोना मरीजों की देखभाल करते हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की टीम गाना गाकर, डांसकर और चुटकुला सुनाकर मरीजों को खुश रखते हैं, ताकि मरीज बीमारी में खुश रहे और जल्द से जल्द रिकवर कर सके. डॉक्टरों का मानना है कि कई बार मरीज के अकेले रहने पर उसके मन में कई सारी नाकारात्मक बातें आती है. इससे वो और अधिक बीमार हो जाते हैं.

कोरोना से लड़ने में परिजन करें सहयोग

डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि हर बीमारी से लड़ने के लिए मरीज का सकारात्मक होना जरूरी है. कोरोना से लोग इसलिए भी मर जा रहे हैं क्योंकि उनके अपने ही उनसे मुंह फेर लेते हैं.

अस्पतालों में मरीज को छोड़कर उसके परिजन और साथी घर भाग जाते हैं. इससे मरीजों में नकारात्मकता बढ़ जाती है. वह अधिक बीमार होने लगते हैं. घर के लोग और दोस्त अगर मरीजों के साथ सही बर्ताव करें और उनका हौसला बढ़ाएं, तो निश्चित रूप से मरीज बड़ी से बड़ी बीमारी से जीत लेंगे.

कोविड केयर सेंटरों पर अत्याधुनिक सुविधाएं

बता दें कि जिले के कोविड केयर सेंटरों पर अत्याधुनिक सुविधाएं हैं. यहां का कोविड केयर सेंटर कई बड़े जिलों के अस्पतालों को फेल कर रहा है. इस वजह से यहां इलाज करवाने के लिए भर्ती हुए 125 मरीजों में से सिर्फ 22 मरीज ही बच गए हैं. इनमें से 9 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

यहां भर्ती होने वाले मरीजों में से 80 फीसदी मरीज गंभीर हालत में पहुंचे थे. उन्हें तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी अच्छी देखभाल की इस कारण से काफी मरीज स्वस्थ हो गए. वहीं कोरोना के कारण 12 मरीजों की मौत भी हुई है.

पड़ोसी जिले से भी आ रहे मरीज

यहां के कोविड केयर सेंटर में शेखपुरा के अलावा पड़ोसी जिलों से भी मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. प्रभारी डॉ.अशोक बताते हैं कि अबतक यहां नालंदा, नवादा, लखीसराय और पटना से भी मरीज इलाज के लिए आए हैं. कई मरीजों को यहां से रेफर भी कर दिया गया, लेकिन कहीं बेड नहीं मिलने के बाद वे फिर यहीं आ गए और दबारा इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर लौट गए.

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