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पासपाेर्ट के लिए हाईकोर्ट पहुंचा ट्रांसजेंडर, अदालत ने केंद्र से पूछी राय

अधिकारियों द्वारा बदले हुए नाम और लिंग से पासपोर्ट जारी नहीं करने से व्यथित ट्रांसजेंडर व्यक्ति ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

ट्रांसजेंडर
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Published : May 28, 2021, 10:45 PM IST

नई दिल्ली : अधिकारियों द्वारा बदले हुए नाम और लिंग से पासपोर्ट जारी नहीं करने से व्यथित ट्रांसजेंडर व्यक्ति ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. याचिकाकर्ता ने उसके अनुरोध के अनुरूप बदलावों के साथ पासपोर्ट जारी करने का निर्देश देने की अदालत से गुहार लगाई है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर अपनी राय से आवगत कराने को कहा है.

याचिका में दावा किया गया है कि उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बदले हुए नाम और लिंग के साथ जारी किए गए हैं लेकिन पासपोर्ट जारी नहीं किया जा रहा.

याचिका में कहा गया, 'याची का आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और यहां तक पैन कार्ड सहित सभी दस्तावेज दो दिसंबर 2019 को दाखिल हलफनामे के आधार पर बदलाव के साथ जारी किए गए हैं और याचिकाकर्ता उन्हीं बदलावों के साथ नया पासपोर्ट जारी होने की अर्हता रखती है जो उसके दस्तवेजों में हुए हैं.'

याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता का जन्म पुरुष के रूप में हुआ था और बाद में उसने वर्ष 2019 में हलफनामे पर स्वघोषणा कर अपना लिंग बदलकर महिला कर लिया.

इसे भी पढ़ें : नड्डा ने ममता बनर्जी पर संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाया

याचिकाकार्ता ने पासपोर्ट नियमवाली-1980 के उक्त नियम को भी चुनौती दी है जिसके मुताबिक नए पासपोर्ट के लिए अस्पताल से जारी लिंग परिवर्तन कराने का प्रमाणपत्र जमा कराना होता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : अधिकारियों द्वारा बदले हुए नाम और लिंग से पासपोर्ट जारी नहीं करने से व्यथित ट्रांसजेंडर व्यक्ति ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. याचिकाकर्ता ने उसके अनुरोध के अनुरूप बदलावों के साथ पासपोर्ट जारी करने का निर्देश देने की अदालत से गुहार लगाई है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर अपनी राय से आवगत कराने को कहा है.

याचिका में दावा किया गया है कि उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बदले हुए नाम और लिंग के साथ जारी किए गए हैं लेकिन पासपोर्ट जारी नहीं किया जा रहा.

याचिका में कहा गया, 'याची का आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और यहां तक पैन कार्ड सहित सभी दस्तावेज दो दिसंबर 2019 को दाखिल हलफनामे के आधार पर बदलाव के साथ जारी किए गए हैं और याचिकाकर्ता उन्हीं बदलावों के साथ नया पासपोर्ट जारी होने की अर्हता रखती है जो उसके दस्तवेजों में हुए हैं.'

याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता का जन्म पुरुष के रूप में हुआ था और बाद में उसने वर्ष 2019 में हलफनामे पर स्वघोषणा कर अपना लिंग बदलकर महिला कर लिया.

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याचिकाकार्ता ने पासपोर्ट नियमवाली-1980 के उक्त नियम को भी चुनौती दी है जिसके मुताबिक नए पासपोर्ट के लिए अस्पताल से जारी लिंग परिवर्तन कराने का प्रमाणपत्र जमा कराना होता है.

(पीटीआई-भाषा)

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