नई दिल्ली : ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों को अब आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत समग्र स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा और इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Union health minister Mansukh Mandaviya) ने बुधवार को एमओयू की सराहना करते हुए इसे देश में अपनी तरह का पहला करार बताया और कहा कि यह ट्रांसजेंडर वर्ग के लिए अधिकार तथा सम्मानपूर्ण स्थान सुनिश्चित करेगा.
उन्होंने कहा कि एमओयू से देशभर में ट्रांसजेंडर वर्ग के उन लोगों को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा जिनके पास नेशनल पोर्टल द्वारा जारी ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र हैं. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय प्रति वर्ष प्रति ट्रांसजेंडर के लिए पांच लाख रुपये का बीमा कराएगा. मांडविया ने कहा कि ट्रांसजेंडर वर्ग के लिए मौजूदा आयुष्मान भारत के साथ ही एक समग्र पैकेज तैयार किया जा रहा है.
इसके तहत इस श्रेणी से जुड़े लोग देशभर में ऐसे किसी भी अस्पताल में उपचार करा सकेंगे जो आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के पैनल में हैं और जहां संबंधित पैकेज उपलब्ध है. इस योजना में उन सभी ट्रांसजेंडर लोगों को शामिल किया जाएगा जिन्हें केंद्र और राज्य प्रायोजित अन्य ऐसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा हो.
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