गांधीनगर : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे भारत में एक घंटे के भीतर हजारों की संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. वर्ष 2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटना की शिकायतें दर्ज की गईं. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 31% दुर्घटनाएं शहरी इलाकों में होती हैं. गांधीनगर-अहमदाबाद हाईवे और गांधीनगर सिटी क्षेत्र में दुर्घटनाओं की स्थिति में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए विश्व बैंक के सहयोग से स्मार्ट ट्रैफिक जंक्शन तैयार किए गए हैं, यह व्यवस्था जल्द ही चालू हो जाएगी.
कैसे काम करेगा पुश बटन ट्रैफिक सिस्टम : अहमदाबाद के इंदिरा ब्रिज इलाके से जीरो सर्कल के अलावा सचिवालय के गेट नंबर एक और चार और पुराने सचिवालय की मुख्य चार सड़कों पर पुश बटन ट्रैफिक सिस्टम लगाया गया है. इस संबंध में गांधीनगर के मेयर हितेश मकवाना ने ईटीवी इंडिया से खास बातचीत में कहा कि यह सिस्टम विश्व बैंक की मदद से अहमदाबाद गांधीनगर हाईवे और गांधीनगर के भीतर महत्वपूर्ण जगहों पर लगाया गया है.
महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक विशेष पुश बटन ट्रैफिक सिस्टम स्थापित किया गया है ताकि अब से किसी भी पैदल यात्री को सड़क पार करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े. पैदल चलने वालों को सड़क पार करने के लिए पुश बटन दबाना पड़ता है ताकि लाल बत्ती यानी स्टॉप सिग्नल कुछ सेकंड के लिए चालू हो जाए और सभी वाहनों को लाल बत्ती का पालन करना पड़े.
-हितेश मकवाना, मेयर, गांधीनगर
जुर्माने का प्रावधान: यातायात नियमों के अनुसार लाल बत्ती वाले वाहन चालक को वाहन को अनिवार्य रूप से रोकना होगा और यदि कोई चालक लाल बत्ती नियम का उल्लंघन करता है तो गुजरात के सभी शहरी क्षेत्रों में एक ऑनलाइन मेमो जारी किया जाएगा. यह सिस्टम उसी जगह लगाया जाता है, जहां चौराहा होता है. इस संबंध में गांधीनगर निगम के महापौर हितेश मकवाना ने आगे कहा कि हालांकि यह व्यवस्था केवल गांधीनगर में ही शुरू की गई है, नियमों के उल्लंघन पर पुलिस से परामर्श कर जुर्माने का प्रावधान लागू किया जाएगा.
विश्व बैंक से 12 करोड़ की सहायता : गांधीनगर के मेयर हितेश मकवाना ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि गांधीनगर में इस प्रोजेक्ट को कुछ समय पहले ही चालू किया गया है, अभी तक यह पूरा नहीं हुआ है. जल्द ही इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लोकार्पण किया जाएगा. यह परियोजना गांधीनगर में 12 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई है जो पूरे गुजरात में पहली परियोजना है और विश्व बैंक द्वारा 12 करोड़ रुपये की मदद से पुश बटन पैदल प्रणाली स्थापित की गई है.