देहरादून (उत्तराखंड): देश के कई शहरों की आबोहवा दिनों दिन बिगड़ती जा रही है. यहां लोगों को शुद्ध हवा तक नसीब नहीं हो पा रही है. जिस हवा में लोग सांस ले रहे हैं वो काफी प्रदूषित है. दीपावली पर्व को लेकर कुछ ही दिन बाकी हैं, लेकिन शहरों की आबोहवा पहले से ही बिगड़ने लगी है. ऐसे में पर्यटक स्वच्छ हवा के लिए उत्तराखंड की हसीन वादियों का रुख कर रहे हैं.
उत्तराखंड की शांत वादियां बनी सैलानियों की पहली पसंद: प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने या साहसिक पर्यटन का आनंद लेने के लिए तो हर साल लाखों पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं, लेकिन इस बार पर्यटकों के लिए उत्तराखंड पहुंचने की एक अलग वजह भी है. इस बार ना तो राज्य की सुंदरता, ना ही धार्मिक या वाइल्ड लाइफ टूरिज्म चर्चाओं में हैं बल्कि पहाड़ी प्रदेश की स्वच्छ आबोहवा यहां पर्यटकों को खींचकर ला रही है. खासतौर पर हिल स्टेशनों में पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ती जा रही है.
सैलानी हिल स्टेशनों का कर रहे रुख: पर्यटकों की मानें तो दिल्ली में वायु प्रदूषण बुरी तरह बढ़ रहा है. ऐसे में उत्तराखंड की वादियों का आनंद लेने के लिए वह देवभूमि पहुंचे हैं. इनमें नैनीताल और मसूरी में सबसे ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं. उत्तराखंड में खासकर दिल्ली से पर्यटकों के बड़ी संख्या में आने की वजह ये भी है कि वायु प्रदूषण के कारण यहां 10 दिनों के लिए स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है, और उत्तराखंड के हिल स्टेशन दिल्ली से सबसे करीब हैं. ऐसे में दिल्लीवासियों ने देवभूमि को अपना पसंदीदा बनाया है.
शहरों में प्रदूषण से खराब होती स्थिति: उत्तराखंड के तमाम हिल स्टेशन में होटल की बुकिंग पहले से कुछ ज्यादा होने लगी है. अच्छी बात यह है कि दीपावली नजदीक होने के कारण होटल व्यवसायी भी पहले से पर्यटकों के स्वागत की तैयारी में जुटे हुए हैं. इस दौरान होटल व्यवसाय स्पष्ट तौर पर पर्यटकों की सुख सुविधाओं के लिए नए प्लान के साथ पर्यटकों को आमंत्रित कर रहे हैं. वैसे तो दिल्ली समेत भारत के कई महानगर पर्यावरण प्रदूषण को लेकर अपने खराब हालत में है और दिनों दिन इन स्थितियों के और भी बिगड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
उत्तराखंड के इन शहरों में भी बढ़ रहा प्रदूषण का ग्राफ: हालांकि, चिंता की बात ये है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून भी अब तेजी से प्रदूषित होने लगी है. राज्य में 300 से ज्यादा शहरों पर अध्ययन के दौरान पाया गया है कि उत्तराखंड के तीन शहर भी बेहद ज्यादा प्रदूषित हो चुके हैं और अब इन शहरों के लिए किसी बड़े फैसले का भी इंतजार हो रहा है. उत्तराखंड में ऋषिकेश, देहरादून और काशीपुर में एयर पॉल्यूशन सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है. उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड के जारी आकंड़ों के अनुसार ये जानकारी सामने आई है.
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दीपावली में वायु प्रदूषण में होता है इजाफा: देश में दीपावली के त्यौहार की तैयारी चल रही है. ऐसे में इस त्यौहार के दौरान वायु प्रदूषण का खतरा भी बेहद ज्यादा बढ़ जाता है. हर साल दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण कई गुना बढ़ जाता है और दिल्ली वासियों की तरह ही देहरादून और बाकी मैदानी जिले भी स्वच्छ आबोहवा से महरूम हो जाते हैं. दीपावली के आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की स्थिति खराब होने लगती है इसलिए दीपावली के आसपास अब हर 8 घंटे में एयर क्वालिटी इंडेक्स की मॉनिटरिंग की जा रही है.
विकराल हो सकती है स्थिति: वायु प्रदूषण न केवल इंसानों को साफ सुथरी ऑक्सीजन से महरूम कर रहा है, बल्कि इससे इंसानों में बीमारी का खतरा भी तेजी से बढ़ गया है. जाहिर है कि हालातों के बीच अब सांस लेने के लिए भी जगह तलाशनी पड़ रही है. अभी जो हालात दिल्ली के लिए दिखाई दे रहे हैं वहीं हालत हिमालय राज्यों के लिए भी बन सकते हैं, क्योंकि अब इन राज्यों में भी भारी कंस्ट्रक्शन और इंसानों के साथ ही गाड़ियों का बढ़ता दबाव दिखाई देने लगा है.
गंभीर बनी हुई है दिल्ली और आसपास के राज्यों की स्थिति: बता दें कि, देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के बुलेटिन के मुताबिक बीते शनिवार को दिल्ली में AQI 400 के पार पहुंचा था. वहीं, दिल्ली से सटे एनसीआर में भी AQI 400 के पार ही रहा. जैसे- ग्रेटर नोएडा में 490, फरीदाबाद में 438, गुरुग्राम और नोएडा में 404 और गाजियाबाद में 394 AQI रहा.
वहीं, दुनिया के टॉप 5 प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहर शामिल थे और इसमें भी दिल्ली पहले नंबर पर था. चौथे नंबर पर कोलकाता था, जिसका AQI 170 था. मुंबई का नंबर पांच था. हालत इतनी खराब है कि राजधानी दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोग पॉल्यूशन की वजह से ठीक से सांस नहीं ले पा रहे हैं. लोगों को आंखों में जलन और गले में खराश का सामना करना पड़ रहा है.
गंभीर बात ये है कि वायु प्रदूषण की ये हालत केवल दिल्ली और एनसीआर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी एयर क्वालिटी की स्थिति बेहद खतरनाक रूप ले रही है.