हैदराबाद : दक्षिण बस्तर के जंगल में शीर्ष माओवादी नेता अक्की राजू की अज्ञात बीमारी से मौत होने की सूचना है. विश्वसनीय स्रोत से मिले समाचार के मुताबिक राजू ने सितंबर, 2004 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी के समय शांति वार्ता के लिए सामने आए माओवादी नेताओं का नेतृत्व किया था.
शीर्ष माओवादी राजू कथित तौर पर छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिण बस्तर के दंडकारण्य में पुरानी बीमारी से जूझ रहा था, इसी बीच गुरुवार को राजू की मृत्यु की खबर सामने आई.
माओवादी नेता राजू का संबंध आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से था.
आंध्र ओडिशा सीमा (AOB) प्रभारी शीर्ष माओवादी नेता अक्कीराजू हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण (आरके) की मौत की पुष्टि हो गई है. माओवादी पार्टी की केंद्रीय समिति ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर माओवादी आरके को मृत घोषित कर दिया.
![माओवादी नेता अक्की राजू की फाइल फोटो](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/img-20211014-wa0073_1410newsroom_1634224477_410.jpg)
आरके की मौत की पुष्टि करने वाली माओवादी पार्टी केंद्रीय समिति ने अंतिम संस्कार को लेकर कहा है कि अंतिम संस्कार क्रांतिकारी श्रंखला के बीच (funeral between revolutionary series) होगा.
माओवादी पार्टी के प्रवक्ता अभय के नाम से जारी एक बयान में कहा गया कि आरके का बुधवार सुबह छह बजे निधन हो गया. आरके गुर्दे की समस्या से पीड़ित थे और डायलिसिस के दौरान उनकी मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक आरके 1978 में पीपुल्स वॉर में शामिल हुए थे. वह 1982 में वे पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने. आरके को 1986 में गुंटूर जिला सचिव बनाया गया. आरके 2004 से 10 साल तक आंध्र-ओडिशा सीमा (AOB) सचिव रहे हैं. 2018 में सेंट्रल कमेटी पोलित ब्यूरो में भी रहे. आरके के बेटे मुन्ना की 2018 एनकाउंटर में मौत हो गई थी.