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पोंगल पॉलिटिक्स : तमिलनाडु में बढ़ी सियासी हलचल - भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष

तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव 2021 के अप्रैल से जून माह के बीच में होना तय है और भाजपा तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने की लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है. पोंगल के अवसर पर जहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा तमिलनाडु पहुंचे और पोंगल के उत्सव में हिस्सा लिया, तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पोंगल का उत्सव तमिलनाडु के लोगों के साथ ही मनाया और मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की.

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Published : Jan 14, 2021, 10:18 PM IST

नई दिल्ली : तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को तमिलनाडु सियासी हलचल का केंद्र बना रहा और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के ही दिग्गज नेताओं ने राज्य को दौरा किया. तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव 2021 के अप्रैल से जून माह के बीच में होना तय है और भाजपा तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने की लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इसके लिए भाजपा, राज्य की सत्ताधारी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा बीजेपी पहले ही कर चुकी है.

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे से पहले ही नवंबर में गृह मंत्री अमित शाह भी तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं.

गुरुवार को पोंगल के अवसर पर जहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा तमिलनाडु पहुंचे और पोंगल के उत्सव में हिस्सा लिया, तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पोंगल का उत्सव तमिलनाडु के लोगों के साथ ही मनाया और मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की. जल्लीकट्टू के अवसर पर यहां पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर जमकर निशाना साधा और किसानों के साथ होने का दावा किया.

कांग्रेस राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के साथ मिलकर तमिलनाडु की सत्ता हासिल करना चाह रही है. उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में डीएमके ने एआईएडीएमके का सफाया कर दिया था और अब विपक्षी पार्टी का मानना है कि एआईएडीएमके के पास जयललिता जैसा कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और एआईएडीएमके का गठबंधन कहीं ना कहीं तमिलनाडु की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है.

गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही शीर्ष नेता जब वहां पहुंचे, तो उन्होंने पोंगल के उत्सव पर कम ध्यान दिया और एक दूसरे पर अधिक आरोप-प्रत्यारोप लगाए.

राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी का नाम तो नहीं लिया, मगर इतना जरूर कहा कि वह तमिलनाडु लोगों को संदेश देने आए हैं, वे (भाजपा) तमिल भाषा और संस्कृति को रौंद सकते हैं. कहीं ना कहीं यह टिप्पणी सीधे तौर पर भाजपा पर की गई थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पोंगल उत्सव में भाग लिया और सार्वजनिक सभा की.

गौरतलब है कि क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां पोंगल के उत्सव को चुनाव के लिए एक बड़े मौके के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती थीं. यही वजह है कि दोनों ही मुख्य राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने एक ही दिन वहां पर मौजूद रहने का कार्यक्रम बनाया, ताकि कोई एक पार्टी इस उत्सव का फायदा ना उठाले.

वैसे तमिलनाडु की राजनीति में हमेशा से स्टार प्रचारकों और स्टार नेताओं के तौर पर फिल्म स्टार के कलाकारों का बोलबाला रहा है, यही वजह है कि काफी दिनों से भारतीय जनता पार्टी रजनीकांत और कई ऐसे फिल्म स्टार से भी सपंर्क कर रही थी, मगर ना ही रजनीकांत और ना ही अभी तक कोई भी बड़ा स्टार पूरी तरह से भाजपा के समर्थन में आया.

पढ़ें - जानें पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू क्यों है तमिलनाडु के लोगों का 'गौरव'

इस मामले में तमिलनाडु के भाजपा प्रभारी सिटी रवि का कहना है कि तमिलनाडु की जनता का बीजेपी के प्रति विश्वास बढ़ा है और आने वाले चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिलेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की एआईएडीएमके के गठबंधन में बीजेपी यह सुनिश्चित करेगी कि सीएम कैंडिडेट एआईएडीएमके ही चुने, क्योंकि इस गठबंधन में मेजर हिस्सा उन्हीं का है.

सूत्रों के मुताबिक एआईएडीएमके केंद्र में भी बीजेपी अध्यक्ष के माध्यम से कैबिनेट मैं एक मंत्री की मांग भी कर सकती है.

बता दें कि 232 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 2016 विधानसभा चुनाव में 89 सीटें डीएमके को मिली थी और 134 सीटें एआईएडीएमके को, जबकि बीजेपी को इस चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हो पाई थी. हालांकि, बीजेपी को 2.86 फ़ीसदी वोट जरूर मिले थे.

यह ही कारण है कि आगामी विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी काफी मेहनत कर रही है और पार्टी के नेताओं का यह मानना है कि इस बार के चुनाव में वहां पर उन्हें अच्छी बढ़त मिलेगी, हालांकि वेल यात्रा के दौरान एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच काफी तू-तू-मैं-मैं भी हुई, जिसका फायदा विपक्षी पार्टियां उठाने के भी फिराक में हैं.

नई दिल्ली : तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को तमिलनाडु सियासी हलचल का केंद्र बना रहा और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के ही दिग्गज नेताओं ने राज्य को दौरा किया. तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव 2021 के अप्रैल से जून माह के बीच में होना तय है और भाजपा तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने की लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इसके लिए भाजपा, राज्य की सत्ताधारी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा बीजेपी पहले ही कर चुकी है.

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे से पहले ही नवंबर में गृह मंत्री अमित शाह भी तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं.

गुरुवार को पोंगल के अवसर पर जहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा तमिलनाडु पहुंचे और पोंगल के उत्सव में हिस्सा लिया, तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पोंगल का उत्सव तमिलनाडु के लोगों के साथ ही मनाया और मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की. जल्लीकट्टू के अवसर पर यहां पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर जमकर निशाना साधा और किसानों के साथ होने का दावा किया.

कांग्रेस राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के साथ मिलकर तमिलनाडु की सत्ता हासिल करना चाह रही है. उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में डीएमके ने एआईएडीएमके का सफाया कर दिया था और अब विपक्षी पार्टी का मानना है कि एआईएडीएमके के पास जयललिता जैसा कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और एआईएडीएमके का गठबंधन कहीं ना कहीं तमिलनाडु की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है.

गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही शीर्ष नेता जब वहां पहुंचे, तो उन्होंने पोंगल के उत्सव पर कम ध्यान दिया और एक दूसरे पर अधिक आरोप-प्रत्यारोप लगाए.

राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी का नाम तो नहीं लिया, मगर इतना जरूर कहा कि वह तमिलनाडु लोगों को संदेश देने आए हैं, वे (भाजपा) तमिल भाषा और संस्कृति को रौंद सकते हैं. कहीं ना कहीं यह टिप्पणी सीधे तौर पर भाजपा पर की गई थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पोंगल उत्सव में भाग लिया और सार्वजनिक सभा की.

गौरतलब है कि क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां पोंगल के उत्सव को चुनाव के लिए एक बड़े मौके के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती थीं. यही वजह है कि दोनों ही मुख्य राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने एक ही दिन वहां पर मौजूद रहने का कार्यक्रम बनाया, ताकि कोई एक पार्टी इस उत्सव का फायदा ना उठाले.

वैसे तमिलनाडु की राजनीति में हमेशा से स्टार प्रचारकों और स्टार नेताओं के तौर पर फिल्म स्टार के कलाकारों का बोलबाला रहा है, यही वजह है कि काफी दिनों से भारतीय जनता पार्टी रजनीकांत और कई ऐसे फिल्म स्टार से भी सपंर्क कर रही थी, मगर ना ही रजनीकांत और ना ही अभी तक कोई भी बड़ा स्टार पूरी तरह से भाजपा के समर्थन में आया.

पढ़ें - जानें पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू क्यों है तमिलनाडु के लोगों का 'गौरव'

इस मामले में तमिलनाडु के भाजपा प्रभारी सिटी रवि का कहना है कि तमिलनाडु की जनता का बीजेपी के प्रति विश्वास बढ़ा है और आने वाले चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिलेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की एआईएडीएमके के गठबंधन में बीजेपी यह सुनिश्चित करेगी कि सीएम कैंडिडेट एआईएडीएमके ही चुने, क्योंकि इस गठबंधन में मेजर हिस्सा उन्हीं का है.

सूत्रों के मुताबिक एआईएडीएमके केंद्र में भी बीजेपी अध्यक्ष के माध्यम से कैबिनेट मैं एक मंत्री की मांग भी कर सकती है.

बता दें कि 232 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 2016 विधानसभा चुनाव में 89 सीटें डीएमके को मिली थी और 134 सीटें एआईएडीएमके को, जबकि बीजेपी को इस चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हो पाई थी. हालांकि, बीजेपी को 2.86 फ़ीसदी वोट जरूर मिले थे.

यह ही कारण है कि आगामी विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी काफी मेहनत कर रही है और पार्टी के नेताओं का यह मानना है कि इस बार के चुनाव में वहां पर उन्हें अच्छी बढ़त मिलेगी, हालांकि वेल यात्रा के दौरान एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच काफी तू-तू-मैं-मैं भी हुई, जिसका फायदा विपक्षी पार्टियां उठाने के भी फिराक में हैं.

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