नई दिल्ली/मुंबई : टूलकिट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने निकिता जैकब की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने 3 सप्ताह के लिए जैकब को ट्रांजिट जमानत देने की अनुमति दी.
गिरफ्तारी के मामले में, निकिता को 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर रिहा किया जाएगा.
बता दें कि जलवायु के क्षेत्र में काम करने वाली मशहूर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए 'टूलकिट' दस्तावेज मामले में मुंबई की वकील-कार्यकर्ता निकिता जैकब की अग्रिम जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाया.
बता दें कि मामले में संदिग्ध, वकील निकिता जैकब की इसी तरह की याचिका पर मुंबई में उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी डी नाइक ने कहा कि वह बुधवार को आदेश पारित करेंगे.
आईपीसी की धारा 124 (ए) (राजद्रोह), 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देना) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश रचना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बम्बई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ की न्यायमूर्ति विभा कांकनवाड़ी ने मुलुक को दस दिनों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी, जिससे वह राहत पाने के लिए दिल्ली में उपयुक्त अदालत के समक्ष अपनी याचिका दायर कर सकें.
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि दिशा रवि तथा मुम्बई की वकील निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की.
टूलकिट मामले में अपनी जांच को तेज करते हुए दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मंच जूम को पत्र लिखकर, कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक एक समूह द्वारा 11 जनवरी को आयोजित ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है, जबकि जांचकर्ता वित्त पोषण के पहलू की भी जांच कर रहे है.
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रवि को टूलकिट का कथित तौर पर निर्माण करने के लिए बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और उसे रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था.