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ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा अपने पूर्व कोच काशीनाथ नाईक से मिलने पहुंचे

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने अपने पूर्व कोच काशीनाथ नाईक से मुलाकात की. वे उनके पुणे स्थित घर पर मिलने पहुंचे.

Tokyo
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Published : Aug 25, 2021, 3:37 AM IST

करवर/पुणे : ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा पुणे के कोरेगांव में काशीनाथ के घर पहुंचे. काशीनाथ कर्नाटक के सिरसी के रहने वाले हैं. काशीनाथ की पत्नी चैत्र ने आरती के साथ तिलक लगाकर उनका स्वागत किया. घर पहुंचने पर नीरज अपने सामने आए कुत्ते के साथ खेलने लगे.

उन्होंने कोच काशीनाथ नाइक और उनके परिवार के साथ एक घंटे से अधिक समय बिताया और उनके बच्चों को गले लगाया. उन्होंने घर पर नाश्ता भी किया. बाद में नीरज जिसने अपने कोच के मार्गदर्शन में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता, वह कोच के हाथ से उसके गले में स्वर्ण पदक डालकर फिर से उस खुशी का जश्न मनाया.

इसकी पुष्टि करते हुए नाईक ने बताया कि चोपड़ा दोपहर लगभग एक बजे के आसपास मुंधवा क्षेत्र में उनके घर पहुंचे और उनके साथ एक घंटे से अधिक समय बिताया. नीरज जब 2015 में पहली बार एनआईएस पटियाला से जुड़े थे तो नाईक वहां भाला फेंक के कोचों में शामिल थे.

हालांकि कुछ महीनों बाद ही 2016 की शुरुआत से इस ओलंपिक चैंपियन को विदेशी कोच की सेवा मिल गई. चोपड़ा ने हाल में संपन्न टोक्यो ओलंपिक में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय एथलीट बनकर इतिहास रचा था.

यह भी पढ़ें-जैसलमेर में तालिबान क्रिकेट क्लब के नाम पर बवाल, केंद्रीय मंत्री ने की सख्त टिप्पणी

नीरज एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए शहर में आए थे जहां सोमवार को सेना खेल संस्थान (एएसआई) के एक स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा जाना था लेकिन इस कार्यक्रम को टाल दिया गया.

करवर/पुणे : ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा पुणे के कोरेगांव में काशीनाथ के घर पहुंचे. काशीनाथ कर्नाटक के सिरसी के रहने वाले हैं. काशीनाथ की पत्नी चैत्र ने आरती के साथ तिलक लगाकर उनका स्वागत किया. घर पहुंचने पर नीरज अपने सामने आए कुत्ते के साथ खेलने लगे.

उन्होंने कोच काशीनाथ नाइक और उनके परिवार के साथ एक घंटे से अधिक समय बिताया और उनके बच्चों को गले लगाया. उन्होंने घर पर नाश्ता भी किया. बाद में नीरज जिसने अपने कोच के मार्गदर्शन में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता, वह कोच के हाथ से उसके गले में स्वर्ण पदक डालकर फिर से उस खुशी का जश्न मनाया.

इसकी पुष्टि करते हुए नाईक ने बताया कि चोपड़ा दोपहर लगभग एक बजे के आसपास मुंधवा क्षेत्र में उनके घर पहुंचे और उनके साथ एक घंटे से अधिक समय बिताया. नीरज जब 2015 में पहली बार एनआईएस पटियाला से जुड़े थे तो नाईक वहां भाला फेंक के कोचों में शामिल थे.

हालांकि कुछ महीनों बाद ही 2016 की शुरुआत से इस ओलंपिक चैंपियन को विदेशी कोच की सेवा मिल गई. चोपड़ा ने हाल में संपन्न टोक्यो ओलंपिक में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय एथलीट बनकर इतिहास रचा था.

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नीरज एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए शहर में आए थे जहां सोमवार को सेना खेल संस्थान (एएसआई) के एक स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा जाना था लेकिन इस कार्यक्रम को टाल दिया गया.

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