चेन्नई : तमिलनाडु पुलिस ने हिंसक गतिविधियों और तोड़फोड़ कृत्यों में शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज करने की चेतावनी दी है. दरअसल, राज्य में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की छापेमारी के मद्देनजर संघ परिवार के कार्यकर्ताओं की संपत्तियों को निशाना बनाकर लगातार हमले किए जा रहे हैं.
तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सी शैलेंद्र बाबू के कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक 'कुछ संगठनों' के सदस्यों के परिसरों में विस्फोटक पदार्थ फेंके जाने की विभिन्न घटनाओं के संबंध में जांच की जा रही है और अब तक 250 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के संबंध में गिरफ्तारी भी की गई है. हालांकि उन्होंने गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या नहीं बताई. मदुरै, सलेम और कन्याकुमारी में भी अज्ञात बदमाशों द्वारा विस्फोटक पदार्थ फेंके जाने की घटनाएं सामने आईं हैं.
इससे पहले, मुख्य रूप से कोयंबटूर और उसके आस-पास के इलाकों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों के परिसरों और वाहनों को निशाना बनाकर हमले किए गए थे. भाजपा ने इन हमलों के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस ने कहा कि बदमाशों ने 'मिट्टी के तेल से भरी' बोतलें फेंकी.
डीजीपी ने रविवार को कहा कि कोयंबटूर में त्वरित कार्रवाई बल और राज्य कमांडो फोर्स के लगभग 3,500 कर्मियों की तैनाती के साथ सुरक्षा बढ़ा दी गई है. डीजीपी ने कहा, 'यह चेतावनी दी जा रही है कि इस तरह के कृत्यों के माध्यम से सार्वजनिक शांति में बाधा डालने वालों को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया जाएगा.' अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) पी थमराय कन्नन कोयंबटूर में डेरा डाले हुए हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.
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(पीटीआई-भाषा)