चेन्नई : सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं का प्रसार कर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा पदाधिकारी के खिलाफ उनके ट्वीट को लेकर प्राथमिकी दर्ज की.
भाजपा ने यह कहते हुए पुलिस कार्रवाई की निंदा की कि यह अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है. उसने अपने पदाधिकारी के ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि न तो उसमें अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया गया है और न ही कुछ ऐसा है जिससे सांप्रदायिक उन्माद पैदा होता हो.
भगवा दल की इस प्रतिक्रिया से पहले चेन्नई के पुलिस आयुक्त शंकर जिवाल (Chennai Commissioner of Police Shankar Jiwal) ने चेतावनी दी थी कि धार्मिक नफरत फैलाने या जनशांति बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस ने बताया था कि भाजपा के एक कार्यकर्ता के विरुद्ध शिकायत दर्ज करायी गयी है कि उसके ट्वीट से लोगों के बीच धर्म के आधार पर घृणा एवं वैमनस्य फैला, उसके बाद साइबर अपराध शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की है और जांच शुरू की गई है.
चेन्नई के किलपौक के निवासी इलानगोवन ने भारतीय जनता युवा मोर्चा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष विनोज पी सेल्वम (TN BJP youth leader Vinoj.P. Selvam) के विरुद्ध शिकायत दर्ज करायी है. चेन्नई पुलिस की एक विज्ञप्ति के अनुसार इसी पृष्ठभूमि में जिवाल ने सामुदायिक उन्माद फैलाने या शांति बिगाड़ने के वास्ते झूठी या विकृत कर खबरों को पेश करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
मंदिरों को ढहाने के आरोप के संबंध में ट्वीट
सेल्वम ने तमिलनाडु में मंदिरों को ढहाने के आरोप के संबंध में ट्वीट किया था. उन्होंने इस संबंध में कुछ ट्वीट किये थे कि थंजावूर जिले के एक विद्यालय ने छात्रावास में 17 साल की एक किशोरी को धर्मांतरण के लिए बाध्य किया. स्कूल प्रबंधन ने इस आरोप का खंडन किया है. हाल में किशोरी ने खुदकुशी कर ली थी.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि सेल्वम ने मंदिरों को ढहाये जाने के बारे में संबंधित खबरों का हवाला देते हुए ट्वीट किया था और स्थानीय निकायों में सुशासन की तरफदारी की थी.
उन्होंने कहा कि उस पोस्ट में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने लायक कुछ नहीं था और भाजयुमो अध्यक्ष ने ऐसा कोई शब्द इस्तेमाल नहीं किए जिन्हें गैर मर्यादित कहा जा सके.