चेन्नई: तमिलनाडु में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की प्राथमिकी से पता चला है कि वे लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) जैसा संगठन बनाना चाहते थे. इसके साथ ही राज्य में अशांति पैदा करने की फिराक में थे. प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी नवीन और संजय प्रकाश को तमिलनाडु पुलिस ने 19 मई को उनके वाहन से देशी पिस्तौल, गोला-बारूद और गन पाउडर बरामद करने के बाद गिरफ्तार किया था. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन इसके बाद 22 जुलाई को गृह मंत्रालय ने अपराध की गंभीरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों को ध्यान में रखते हुए मामला एनआईए को सौंप दिया था.
एनआईए की प्राथमिकी में कहा गया है, 'जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लिट्टे से प्रेरित थे. वह लिट्टे जैसा संगठन बनाना चाहते थे और तमिलनाडु में सशस्त्र संघर्ष छेड़ना चाहते थे.' एजेंसी ने उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. नवीन और संजय दोनों तमिलनाडु के सलेम जिले से ताल्लुक रखते हैं और उनकी उम्र क्रमश: 25 और 24 साल है. दोनों पर आर्म्स एक्ट की धारा 25 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 के तहत आरोप लगाया गया है. इसके तहत प्रतिबंधित हथियार या गोला-बारूद रखने के लिए आरोपी को दंडित किया जाता है.
खुद तैयार किए हथियार : नवीन चक्रवर्ती सलेम किचिपलयम से युवा स्नातक है. उसका दोस्त सेववाइपेट का संजय प्रकाश है. दोनों ने सेलम के चेट्टीचवाड़ी में मकान किराए पर लिया था. वहां उन्होंने यूट्यूब की मदद से खुद ही बंदूकें बनाईं. दोनों बंदूक बनाने के सारे औजार और विस्फोटक किराए के मकान में रखते थे. उनके कब्जे से पिस्तौल, बंदूक बनाने के उपकरण, चाकू, मास्क और विस्फोटक बरामद किए गए थे.
दोनों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि, 'सलेम जिले में कई जगहों पर खदानों के लिए पहाड़ों की खुदाई की जा रही है. इसलिए हमने प्रकृति के विनाश को रोकने के लिए बंदूकें और विस्फोटक तैयार किए.' उनका साथ देने वाले कॉलेज के दोस्त कपिलार को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी उनके संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच कर रही है. इससे पहले अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय ने प्रतिबंधित श्रीलंकाई आतंकवादी समूह लिट्टे को 'पुनर्जीवित' करने की योजना के तहत कथित तौर पर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में शामिल चार भारतीयों की 3.59 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.
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