चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) ने केंद्र सरकार के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है और इसे 'साजिश' करार देते हुए 'तानाशाही' के बराबर बताया है.
स्टालिन की यह टिप्पणी चेन्नई में द्रमुक कार्यकारी समिति के सदस्य मनोहरन के विवाह समारोह में उनकी उपस्थिति के दौरान की गई. राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर एक साथ चुनाव के विचार के बारे में अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए स्टालिन ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर इस प्रस्ताव को सत्ता को मजबूत करने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करने का आरोप लगाया.
उन्होंने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पैनल के प्रमुख के रूप में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की नियुक्ति की भी आलोचना की और कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के दर्जे को देखते हुए कोविंद को राजनीति में भाग लेने से बचना चाहिए.
स्टालिन की टिप्पणी मुंबई में हाल ही में आयोजित विपक्ष की बैठक के मद्देनजर आई है, जहां विभिन्न राजनीतिक दल अपनी चिंताओं और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि भाजपा विपक्षी एकता को लेकर आशंकित है और प्रतिक्रिया में शीघ्र संसदीय चुनाव पर जोर दे रही है.
भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के महत्व पर जोर देते हुए स्टालिन ने देश के हितों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ध्यान अगला प्रधानमंत्री तय करने पर नहीं बल्कि उन लोगों को रोकने पर होना चाहिए जिन्हें सत्ता में नहीं आना चाहिए.
ये टिप्पणियां स्टालिन के दृष्टिकोण और तमिलनाडु के राजनीतिक माहौल को दर्शाती हैं. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव भारत में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बहस का विषय बना हुआ है, और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में अलग-अलग राय है.