नई दिल्ली/अहमदाबाद: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले को चंदा जुटाने के अभियान में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले में बुधवार को गिरफ्तार किया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. गोखले को अहमदाबाद में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया, जहां वह गुजरात पुलिस के एक मामले में न्यायिक हिरासत में बंद हैं.
अधिकारियों ने बताया कि गोखले को अहमदाबाद की अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें 31 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. गुजरात पुलिस ने गोखले को दिसंबर में चंदा संग्रह कर जुटाई गई रकम के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था. गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस मामले में गोखले को नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ही वह अदालत का रुख करें.
अहमदाबाद में एक सत्र अदालत और मजिस्ट्रेट की अदालत ने गोखले की गिरफ्तारी और हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद तृणमूल नेता ने उच्च न्यायालय का रुख किया था. वह पांच जनवरी से न्यायिक हिरासत में हैं और अहमदाबाद की एक जेल में बंद हैं. इस मामले में अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने उन्हें पिछले साल 30 दिसंबर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
पुलिस की प्राथमिकी अहमदाबाद के एक निवासी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर आधारित है, जिसने ऑनलाइन माध्यम से गोखले को 500 रुपये दान करने का दावा किया था. पुलिस के मुताबिक, मामला सिर्फ 500 रुपये का नहीं है, बल्कि गोखले ने कथित तौर पर 1,700 से अधिक लोगों से 'आवर डेमोक्रेसी' मंच के माध्यम से 70 लाख रुपये से अधिक एकत्र किए और उस धन का इस्तेमाल निजी कार्य के लिए किया.
गोखले के वकील ने अदालत से कहा था, 'गोखले द्वारा एक ऑनलाइन मंच के माध्यम से एकत्र किए गए धन में जालसाजी का कोई पहलू नहीं था और राजनीतिक दल भी चंदा जुटाते हैं. वह निर्दोष हैं और उन्हें बलि का बकरा बनाया गया.'
वकील ने कहा था, 'वह चंदे के माध्यम से प्राप्त दान पर निर्भर पूर्णकालिक कार्यकर्ता हैं. जैसे ही वह टीएमसी में शामिल हुए, उन्होंने धन स्वीकार करना बंद कर दिया.' इससे पहले दिसंबर में, गुजरात पुलिस ने एक पुल ढहने की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर हुए खर्च के बारे में कथित रूप से फर्जी खबर फैलाने के आरोप में उन्हें दो बार गिरफ्तार किया था.