नई दिल्ली: पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अपना आधिकारिक बंगला तत्काल प्रभाव से खाली करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में जारी नोटिस में बंगला खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि संपदा निदेशालय ने मंगलवार को पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अपना आधिकारिक बंगला तत्काल प्रभाव से खाली करने का निर्देश दिया है. मोइत्रा को पिछले महीने लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
जानकारी के अनुसार तृणमूल कांग्रेस नेता को सरकारी बंगला तुरंत खाली करने को कहा गया है. उन्हें यह बंगला एक सांसद के रूप में आवंटित किया गया था. मोइत्रा को अनैतिक आचरण का दोषी ठहराया गया था. पिछले साल 8 दिसंबर को व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार स्वीकार करने और उनके साथ संसद वेबसाइट की यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने के मामले में उन्हें निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था. इस कार्रवाई के बाद उन्हें बंगला खाली करने को लेकर नोटिस जारी किया गया. संपत्ति निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम यह सुनिश्चित करेगी कि महुआ मोइत्रा सरकारी बंगला जल्द से जल्द खाली कर दें.
मोईत्रा के निष्कासन के बाद उनके नाम से आवंटित बंगला रद्द कर दिया गया. फिर 7 जनवरी तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया. 8 जनवरी को डीओई ने एक नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर उनसे जवाब मांगा था. उन्होंने अपना सरकारी आवास खाली क्यों नहीं किया. 12 जनवरी को उन्हें एक और नोटिस भी जारी किया गया.
4 जनवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने टीएमसी नेता को उन्हें आवंटित सरकारी आवास पर कब्जा जारी रखने की अनुमति देने के अनुरोध के साथ डीओई से संपर्क करने को कहा. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई के दौरान पाया कि नियमों के तहत अधिकारियों को असाधारण परिस्थितियों में कुछ शुल्क के भुगतान पर एक निवासी को छह महीने तक उस घर में रहने की अनुमति देने की अनुमति देने का अधिकार है.