कोलकाता : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में चल रहे तृणमूल कांग्रेस के नेता शांतनु बंदोपाध्याय भी 'हस्तांतरण के लिए धन' रैकेट में शामिल थे. सूत्रों ने कहा कि यह खुलासा जांच कर रहे ईडी अधिकारियों द्वारा किया गया है, जिन्होंने बंदोपाध्याय के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान राज्य सरकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए अनुशंसा पत्रों की प्रतियां हासिल की हैं.
उनके अनुसार, संबंधित दस्तावेजों की जांच से यह भी स्पष्ट है कि स्थानांतरण के प्रस्तावित स्थान के आधार पर स्थानांतरण के लिए भुगतान की निश्चित दरें थीं, जहां कोलकाता या उसके आस-पास के जिलों में स्थानांतरण के लिए उच्चतम भुगतान होता था.
बंदोपाध्याय हुगली जिला जिला परिषद के प्रमुख नोडल अधिकारी भी हैं. उनको सोमवार को कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी के वकील उनकी केंद्रीय एजेंसी की हिरासत के के लिए अपील कर सकते हैं.
पत्नी प्रियंका के पास 20 करोड़ की संपत्ति : इस बीच, यह पता चला कि बंदोपाध्याय के रिमांड पत्र में, ईडी ने आरोपी सत्तारूढ़ दल के नेता के साथ-साथ उनकी पत्नी प्रियंका बंदोपाध्याय के पास 20 करोड़ रुपये की संपत्ति का उल्लेख किया है.
ईडी ने पहले ही प्रियंका बंदोपाध्याय को इस सप्ताह साल्ट लेक में केंद्र सरकार के कार्यालय (सीजीओ) परिसर में ईडी के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए बुलाया है और इस तरह की विशाल संपत्ति के पीछे धन के स्रोतों पर स्पष्टीकरण मांगेगा, इसमें रिसॉर्ट्स और हाई-एंड ढाबे शामिल हैं.
ईडी को पहले ही इस बात के पुख्ता सबूत मिल चुके हैं कि बंदोपाध्याय के तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के साथ सीधे संबंध थे, जो वर्तमान में भर्ती घोटाला में अपनी पत्नी और बेटे के साथ न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए उम्मीदवारों की दो समान सूचियां बरामद की हैं, पहली भट्टाचार्य के आवास से और दूसरी बंदोपाध्याय के आवास से.
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(आईएएनएस)