कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को कहा कि वह चुनाव आयोग के उस अवलोकन से असहमत है कि नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोई पूर्व-नियोजित हमला नहीं किया गया था और पार्टी ने चुनाव पर्यवेक्षकों की जांच में विश्वसनीयता की कमी बताते हुए इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की.
हालांकि, पार्टी के प्रवक्ता सौगत रॉय ने सुरक्षा में चूक होने वाली चुनाव आयोग की बात और उनके द्वारा कुछ अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया.
रविवार को इससे पहले, चुनाव आयोग ने अपने दो विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्टों की समीक्षा करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि बुधवार को टीएमसी सुप्रीमो पर कोई पूर्व-नियोजित हमला नहीं हुआ था और बनर्जी को जो चोटें आई हैं, वे उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मियों की चूक का परिणाम हैं.
चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को उनके पद से हटाया जाए और उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीन प्रकाश को भी निलंबित कर दिया गया, जबकि जिला मजिस्ट्रेट विभु गोयल का तबादला कर दिया गया.
रॉय ने कहा, 'हम चुनाव आयोग के विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर निकाले गए निष्कर्ष से असहमत हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोई हमला नहीं हुआ था. चुनाव पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में विश्वसनीयता की कमी है. हम घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए अपनी मांग को दोहराते हैं.'
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चुनाव आयोग द्वारा सुरक्षा चूक को लेकर अधिकारियों को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रॉय ने कहा, 'यह अच्छा है कि कम से कम उन्होंने स्वीकार किया है कि सुरक्षा चूक हुई थी.'
उन्होंने कहा, 'यह एक स्वागत योग्य कदम है कि चुनाव आयोग ने सुरक्षा चूक को लेकर अधिकारियों को हटा दिया है. कम से कम उन्होंने कुछ कार्रवाई तो की. हमने यह सवाल उठाया था कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक कैसे हुई.'