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निर्वाचन आयोग पहुंचा टीएमसी प्रतिनिधिमंडल, बंगाल में भयमुक्त चुनाव कराने की अपील

पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र, भयमुक्त और निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आज निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से भेंट की. आयोग पहुंचे तृणमूल नेताओं में हाल ही में टीएमसी से जुड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी शामिल हैं.

चुनाव आयोग पहुंचा टीएमसी प्रतिनिधिमंडल
चुनाव आयोग पहुंचा टीएमसी प्रतिनिधिमंडल
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Published : Mar 19, 2021, 12:54 PM IST

Updated : Mar 19, 2021, 4:18 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. आए दिन राज्य के किसी न किसी कोने से हिंसा की खबरें भी सामने आ रही हैं. इस मुद्दे पर भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं. खुद पीएम मोदी कह चुके हैं कि बंगाल में सत्ता प्रायोजित हिंसा हो रहा है. दोनों पार्टियां इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष अपनी दलीलें भी पेश कर रहे हैं.

ताजा घटनाक्रम में एक तृणमूल प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग से मिलने पहुंचा है. इस दल में यशवंत सिन्हा, लोक सभा सांसद महुआ मोइत्रा और वरिष्ठ टीएमसी नेता सौगत रॉय शामिल हैं. आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद तृणमूल उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने बताया कि हमने आयोग से अपील की है कि राज्य में स्वतंत्र और भयमुक्त चुनाव सुनिश्चित कराया जाए.

बता दें कि कल गुरुवार को पुरुलिया की रैली में पीएम मोदी ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि दीदी की निर्मम सरकार ने पश्चिम बंगाल में माओवादी की नई नस्ल बनाई. कोयला और बालू माफियाओं को संरक्षण मिलने के अलावा दीदी के कार्यकाल में माओवादी हिंसा को बढ़ावा मिला है.

तृणमूल उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने कहा कि आगामी चुनाव को लेकर हमारे मन में कुछ चिंता थी कुछ मुद्दे थे. हमने ने निर्वाचन आयोग के सामने कुछ बातें रखी जिस पर चुनाव आयोग ने ध्यान से सुना और उन्होंने हर मद्दे पर अपना दृष्टिकोण रखा. निर्वाचन आयोग ने जो नियम बनाए है की बूथ से 100 मीटर की दूरी पर केवल केंद्रीय बल ही रहेगी उस मुद्दे पर हमने एक बात रखी कि बल को देखकर लोगों के मन में डर पैदा होता है. इसमें वोटिंग में असर ना पड़ें तो उस पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह संवेदनात्मक रहेंगे किसी में भय पैदा नहीं होगा.

पश्चिम बंगाल चुनाव में भारी केंद्रीय बल की तैनाती और वीवीपैट से जुड़े मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला. चुनाव आयोग के नियमानुसार पोलिंग बूथ के 100 मीटर दायरे में केवल केंद्रीय बल की तैनाती होगी लेकिन तृणमूल ने शंका व्यक्त करते हुए कहा है कि सशत्र केंद्रीय बल की तैनाती होना और स्थानीय पुलिस के बूथ पर मौजूद न होने से वोटरों में भय व्याप्त हो सकता है. इसके कारण मतदान प्रतिशत कम होने की संभावना.

पश्चिम बंगाल चुनाव कार्यक्रम
पश्चिम बंगाल चुनाव कार्यक्रम

तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी चुनाव में तैनात किए जा रहे केंद्रीय बल के जवानों को संवेदनशील रहने के निर्देश देंगे और लोगों के बीच भय न पैदा हो इसका प्रयास किया जाएगा. तृणमूल का पक्ष है कि बंगाल में भाषा की समस्या सामने आएगी. स्थानीय लोग बंगला में बातचीत करते हैं और बंगला ही समझते भी हैं. ऐसे में यदि मतदान केंद्रों के 100 मीटर दायरे में केवल केंद्रीय बल तैनात रहे तो वह मतदाताओं की बात नहीं समझ सकेंगे. किसी भी समस्या की स्थिति में उनकी बात सुनने समझने के लिए कोई स्थानीय अधिकारी का वहां मौजूद होना आवश्यक है.

चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद तृणमूल उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा का बयान

दूसरा मुद्दा वीवी पैट से जुड़ा है. मौजूदा नियम के तहत पांच प्रतिशत मतदान केंद्रों से वीवीपैट पर्चियों को निकालकर उसका मिलान किया जाता है. तृणमूल की मांग इसे बढ़ाकर शत प्रतिशत करने की है. यशवंत सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग का इस मुद्दे पर कहना है कि वीवीपैट के प्रतिशत को बढ़ाने से नतीजे घोषित करने में 48 से 72 घंटो का समय अतिरिक्त लगेगा. आयोग ने तृणमूल नेताओं को आश्वस्त किया कि ईवीएम पूर्णतः सुरक्षित है और उसके चिप के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है.

ममता बनर्जी के साथ हुई घटना के मामले में आयोग अभी तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका है. बता दें कि नंदीग्राम में रोड शो के दौरान ममता बनर्जी चोटिल हुई थीं जिसके बाद उनके बाएं पैर में चोट आई थी. बहरहाल ममता व्हीलचेयर पर चुनावी कैंपेन कर रही हैं. तृणमूल कांग्रेस ने प्रकरण में किसी बड़े षड्यंत्र की आशंका जताते हुए चुनाव आयोग से इस मामले में उच्चस्तरीय जांच मांग की थी. लेकिन चुनाव आयोग अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है. तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में यशवंत सिन्हा के साथ सात्थ सौगत रॉय, महुआ मोइत्रा, प्रतिमा मंडल और नदीमुल हक शामिल रहे.

पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल को वोटिंग होगी.

निर्वाचन आयोग पहुंचा टीएमसी प्रतिनिधिमंडल

यह भी पढ़ें-आक्रोशित हुईं ममता, कहा- बंगाल में नहीं चाहिए दुर्योधन, दु:शासन और मीर जाफर...

पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. आए दिन राज्य के किसी न किसी कोने से हिंसा की खबरें भी सामने आ रही हैं. इस मुद्दे पर भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं. खुद पीएम मोदी कह चुके हैं कि बंगाल में सत्ता प्रायोजित हिंसा हो रहा है. दोनों पार्टियां इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष अपनी दलीलें भी पेश कर रहे हैं.

ताजा घटनाक्रम में एक तृणमूल प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग से मिलने पहुंचा है. इस दल में यशवंत सिन्हा, लोक सभा सांसद महुआ मोइत्रा और वरिष्ठ टीएमसी नेता सौगत रॉय शामिल हैं. आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद तृणमूल उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने बताया कि हमने आयोग से अपील की है कि राज्य में स्वतंत्र और भयमुक्त चुनाव सुनिश्चित कराया जाए.

बता दें कि कल गुरुवार को पुरुलिया की रैली में पीएम मोदी ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि दीदी की निर्मम सरकार ने पश्चिम बंगाल में माओवादी की नई नस्ल बनाई. कोयला और बालू माफियाओं को संरक्षण मिलने के अलावा दीदी के कार्यकाल में माओवादी हिंसा को बढ़ावा मिला है.

तृणमूल उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने कहा कि आगामी चुनाव को लेकर हमारे मन में कुछ चिंता थी कुछ मुद्दे थे. हमने ने निर्वाचन आयोग के सामने कुछ बातें रखी जिस पर चुनाव आयोग ने ध्यान से सुना और उन्होंने हर मद्दे पर अपना दृष्टिकोण रखा. निर्वाचन आयोग ने जो नियम बनाए है की बूथ से 100 मीटर की दूरी पर केवल केंद्रीय बल ही रहेगी उस मुद्दे पर हमने एक बात रखी कि बल को देखकर लोगों के मन में डर पैदा होता है. इसमें वोटिंग में असर ना पड़ें तो उस पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह संवेदनात्मक रहेंगे किसी में भय पैदा नहीं होगा.

पश्चिम बंगाल चुनाव में भारी केंद्रीय बल की तैनाती और वीवीपैट से जुड़े मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला. चुनाव आयोग के नियमानुसार पोलिंग बूथ के 100 मीटर दायरे में केवल केंद्रीय बल की तैनाती होगी लेकिन तृणमूल ने शंका व्यक्त करते हुए कहा है कि सशत्र केंद्रीय बल की तैनाती होना और स्थानीय पुलिस के बूथ पर मौजूद न होने से वोटरों में भय व्याप्त हो सकता है. इसके कारण मतदान प्रतिशत कम होने की संभावना.

पश्चिम बंगाल चुनाव कार्यक्रम
पश्चिम बंगाल चुनाव कार्यक्रम

तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी चुनाव में तैनात किए जा रहे केंद्रीय बल के जवानों को संवेदनशील रहने के निर्देश देंगे और लोगों के बीच भय न पैदा हो इसका प्रयास किया जाएगा. तृणमूल का पक्ष है कि बंगाल में भाषा की समस्या सामने आएगी. स्थानीय लोग बंगला में बातचीत करते हैं और बंगला ही समझते भी हैं. ऐसे में यदि मतदान केंद्रों के 100 मीटर दायरे में केवल केंद्रीय बल तैनात रहे तो वह मतदाताओं की बात नहीं समझ सकेंगे. किसी भी समस्या की स्थिति में उनकी बात सुनने समझने के लिए कोई स्थानीय अधिकारी का वहां मौजूद होना आवश्यक है.

चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद तृणमूल उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा का बयान

दूसरा मुद्दा वीवी पैट से जुड़ा है. मौजूदा नियम के तहत पांच प्रतिशत मतदान केंद्रों से वीवीपैट पर्चियों को निकालकर उसका मिलान किया जाता है. तृणमूल की मांग इसे बढ़ाकर शत प्रतिशत करने की है. यशवंत सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग का इस मुद्दे पर कहना है कि वीवीपैट के प्रतिशत को बढ़ाने से नतीजे घोषित करने में 48 से 72 घंटो का समय अतिरिक्त लगेगा. आयोग ने तृणमूल नेताओं को आश्वस्त किया कि ईवीएम पूर्णतः सुरक्षित है और उसके चिप के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है.

ममता बनर्जी के साथ हुई घटना के मामले में आयोग अभी तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका है. बता दें कि नंदीग्राम में रोड शो के दौरान ममता बनर्जी चोटिल हुई थीं जिसके बाद उनके बाएं पैर में चोट आई थी. बहरहाल ममता व्हीलचेयर पर चुनावी कैंपेन कर रही हैं. तृणमूल कांग्रेस ने प्रकरण में किसी बड़े षड्यंत्र की आशंका जताते हुए चुनाव आयोग से इस मामले में उच्चस्तरीय जांच मांग की थी. लेकिन चुनाव आयोग अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है. तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में यशवंत सिन्हा के साथ सात्थ सौगत रॉय, महुआ मोइत्रा, प्रतिमा मंडल और नदीमुल हक शामिल रहे.

पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल को वोटिंग होगी.

निर्वाचन आयोग पहुंचा टीएमसी प्रतिनिधिमंडल

यह भी पढ़ें-आक्रोशित हुईं ममता, कहा- बंगाल में नहीं चाहिए दुर्योधन, दु:शासन और मीर जाफर...

पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.

Last Updated : Mar 19, 2021, 4:18 PM IST
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