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संसद में मीडिया के पहुंचने पर रोक लगाने को लेकर टीएमसी ने की निंदा - संसद में मीडिया पर रोक टीएमसी की निंदा

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर मीडिया के संसद में प्रवेश की रोक का तृणमूल कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है. इस बारे में टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि पत्रकारों का प्रवेश रोक कर सरकार देश की जनता से यह छिपाना चाहती है कि संसद में क्या हो रहा है. पढ़िए ईटीवी भारत संवाददाता अभिजीत ठाकुर की रिपोर्ट...

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टीएमसी सांसद सांसद सुष्मिता देव
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Published : Dec 2, 2021, 10:35 PM IST

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर मीडिया प्रवेश वर्जित करने का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है. साथ ही सरकारी चैनल द्वारा सदन की कार्यवाही के प्रसारण में सेंसरशिप का आरोप भी लगाया है. इस बारे में बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि पत्रकारों का प्रवेश रोक कर सरकार देश की जनता से यह छिपाना चाहती है कि संसद में क्या हो रहा है.

ईटीवी भारत से बात करतीं टीएमसी सांसद सुष्मिता देव

उन्होंने कहा कि संसद सत्र के शुरुआत में ही विपक्ष के 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया और इसके पीछे जो कारण बताया गया वो पिछले सत्र के दौरान हुआ था. संसद के इतिहास में शायद ऐसा कभी नहीं हुआ होगा. तृणमूल कांग्रस का कहना है कि मीडिया का प्रवेश वर्जित कर और सांसदों को निलंबित कर सरकार केवल विपक्ष की आवाज को रोकने का प्रयास कर रही है.

बता दें कि कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर पत्रकारों का प्रवेश रोके जाने का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया समेत कई अन्य राज्यों के प्रेस क्लबों ने भी विरोध किया. इसीक्रम में गुरुवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकारों ने प्रदर्शन कर इस निर्णय पर आक्रोश भी जताया. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस बाबत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को ज्ञापन भी दिया है. दूसरी तरफ विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर इस पर अपना विरोध व्यक्त किया और पत्रकारों के प्रवेश से रोक हटाने की मांग की.

ये भी पढ़ें - लोक सभा में कोरोना पर चर्चा, शिवसेना सांसद विनायक राउत केंद्र की नीति पर पूछे तीखे सवाल

वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी प्रेस क्लब के अध्यक्ष से मुलाकात कर अपनी पार्टी की तरफ से उनको समर्थन दिया और उनके पक्ष में एक व्यक्तव्य भी जारी किया. सुष्मिता देव ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी संसद में पत्रकारों के प्रवेश वर्जित करने पर अपना रोष जताया है और उनके निर्देश पर ही तृणमूल कांग्रेस ने प्रेस क्लब की मांग के समर्थन में व्यक्तव्य जारी किया.

उन्होने कहा कि जब पत्रकार संसद में जाते हैं तब वह देश को बताते हैं कि संसद में वास्तव में क्या चल रहा है. सरकार के चैनल केवल सरकार के पक्ष से कार्यवाही का प्रसारण कर रहे हैं. उनके कैमरे केवल सभापति और वक्ता की तरफ होते हैं, सांसदों की उपस्थिति दिखाने के नाम पर वह केवल भाजपा और उनके घटक दलों के सांसदों को दिखाते हैं. विपक्ष संसद में क्या कर रहा है यह सरकारी प्रसारण में नहीं दिखाया जा रहा.

सुष्मिता देव ने कहा कि यह सरकार का एक तरीका है कि वह देश को नहीं जानने देना चाहते हैं कि क्या चल रहा है. तृणमूल नेता ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार ने संसद भवन को एक गुप्त भवन के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जहां केवल सत्ता पक्ष के लोग ही चर्चा या बात कर सकते हैं.

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर मीडिया प्रवेश वर्जित करने का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया है. साथ ही सरकारी चैनल द्वारा सदन की कार्यवाही के प्रसारण में सेंसरशिप का आरोप भी लगाया है. इस बारे में बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि पत्रकारों का प्रवेश रोक कर सरकार देश की जनता से यह छिपाना चाहती है कि संसद में क्या हो रहा है.

ईटीवी भारत से बात करतीं टीएमसी सांसद सुष्मिता देव

उन्होंने कहा कि संसद सत्र के शुरुआत में ही विपक्ष के 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया और इसके पीछे जो कारण बताया गया वो पिछले सत्र के दौरान हुआ था. संसद के इतिहास में शायद ऐसा कभी नहीं हुआ होगा. तृणमूल कांग्रस का कहना है कि मीडिया का प्रवेश वर्जित कर और सांसदों को निलंबित कर सरकार केवल विपक्ष की आवाज को रोकने का प्रयास कर रही है.

बता दें कि कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर पत्रकारों का प्रवेश रोके जाने का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया समेत कई अन्य राज्यों के प्रेस क्लबों ने भी विरोध किया. इसीक्रम में गुरुवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकारों ने प्रदर्शन कर इस निर्णय पर आक्रोश भी जताया. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस बाबत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को ज्ञापन भी दिया है. दूसरी तरफ विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर इस पर अपना विरोध व्यक्त किया और पत्रकारों के प्रवेश से रोक हटाने की मांग की.

ये भी पढ़ें - लोक सभा में कोरोना पर चर्चा, शिवसेना सांसद विनायक राउत केंद्र की नीति पर पूछे तीखे सवाल

वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी प्रेस क्लब के अध्यक्ष से मुलाकात कर अपनी पार्टी की तरफ से उनको समर्थन दिया और उनके पक्ष में एक व्यक्तव्य भी जारी किया. सुष्मिता देव ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी संसद में पत्रकारों के प्रवेश वर्जित करने पर अपना रोष जताया है और उनके निर्देश पर ही तृणमूल कांग्रेस ने प्रेस क्लब की मांग के समर्थन में व्यक्तव्य जारी किया.

उन्होने कहा कि जब पत्रकार संसद में जाते हैं तब वह देश को बताते हैं कि संसद में वास्तव में क्या चल रहा है. सरकार के चैनल केवल सरकार के पक्ष से कार्यवाही का प्रसारण कर रहे हैं. उनके कैमरे केवल सभापति और वक्ता की तरफ होते हैं, सांसदों की उपस्थिति दिखाने के नाम पर वह केवल भाजपा और उनके घटक दलों के सांसदों को दिखाते हैं. विपक्ष संसद में क्या कर रहा है यह सरकारी प्रसारण में नहीं दिखाया जा रहा.

सुष्मिता देव ने कहा कि यह सरकार का एक तरीका है कि वह देश को नहीं जानने देना चाहते हैं कि क्या चल रहा है. तृणमूल नेता ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार ने संसद भवन को एक गुप्त भवन के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जहां केवल सत्ता पक्ष के लोग ही चर्चा या बात कर सकते हैं.

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