कोलकाता : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प. बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात की. उन्होंने आने वाले समय में मिलकर काम करने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि टीएमसी सभी गैर कांग्रेस पार्टियों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है और आज की मुलाकात भी उसी सिलसिले में हुई है.
ममता बनर्जी अगले सप्ताह ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात करेंगी. एक अंग्रेजी चैनल से बात करते हुए टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि भाजपा जानबूझकर राहुल गांधी को फोकस में रखना चाहती है, ताकि उनका इस्तेमाल कर संसद में जवाब देने से बचें. बंदोपाध्याय ने कहा कि भाजपा एक रणनीति के तहत राहुल को विपक्ष का चेहरा बनाकर रखना चाहती है. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार होगा, जो पीएम पद का दावेदार हो, इस पर बंदोपाध्याय ने कहा कि अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है.
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Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav called on TMC chairperson and West Bengal CM Mamata Banerjee today, in Kolkata.
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सुदीप बंदोपाध्याय ने एक बात साफ कर दी कि अगर भाजपा कांग्रेस को विपक्ष समझ रही है, तो वह भ्रम में है. उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस और भाजपा, दोनों से समान दूरी बनाकर आगे बढ़ रहे हैं और हमलोग ही भाजपा का मुकाबला भी कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अपने आप को बिग ब्रदर की भूमिका में मानती है, लेकिन उसका यह रवैया ठीक नहीं है, इसलिए हमलोग गैर भाजपा गैर कांग्रेस दलों को एक साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं. उनका बयान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान से मिलता जुलता है. ममता से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी पूरी तरह से टीएमसी के साथ है. उन्होंने कहा कि हम भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों से समान दूरी पर रहना चाहते हैं. अखिलेश ने कहा कि वैसे नेता, जो भाजपा का टीका लगा लेते हैं, उन्हें सीबीआई, आईटी और ईडी का डर नहीं रहता है.
अखिलेश यादव ने कोलकाता में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि ममता दीदी ने भाजपा को अच्छा सबक सिखाया था. 2021 विधानसभा चुनाव में भाजपा को लग रहा था कि वह बाजी मार लेगी, लेकिन दीदी ने उन्हें सही रास्ता दिखा दिया. अखिलेश ने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा को हराने के लिए हर बलिदान देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि अगर हम सब मिल जाएं, तो भाजपा को देश के कोने-कोने से हराया जा सकता है. अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार तो देश की संपत्तियों को बेचने में ही लगी हुई है.
पिछले कुछ दिनों में विपक्षी पार्टियों ने गोलबंदी की कोशिश की है. अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने सभी गैर कांग्रेस दलों को इकट्ठा होने का आवहान किया है. हालांकि, कुछ पार्टियां हैं, जो कांग्रेस को साथ लेकर चलने का सुझाव दे चुकी हैं. इनमें डीएमके और एनसीपी प्रमुख पार्टी है. उद्धव ठाकरे भी चाहते हैं कि कांग्रेस को साथ रखकर भाजपा का मुकाबला किया जाए. लेफ्ट पार्टी भी चाहती है कि वह कांग्रेस को साथ रखे. पर, सपा और टीएमसी जैसी पार्टियां कांग्रेस से अलग राह रखना चाहती हैं.
2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ 18 दल थे, लेकिन आज की तारीख में 15 पार्टियां उनका साथ छोड़ चुकी हैं.
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