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कोर्ट का उन्नाव रेप पीड़िता को निर्देश, जरूरी होने पर ही निकलें बाहर

तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता को निर्देश दिया है कि वो मामले का निपटारा होने तक घर के बाहर तभी निकले, जब जरूरी हो.

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Published : Aug 9, 2021, 11:07 PM IST

नई दिल्लीः तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता को निर्देश दिया है कि वह मामले का निपटारा होने तक घर के बाहर तभी निकले, जब जरूरी हो. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने रेप पीड़िता को निर्देश दिया कि वो घर से बाहर निकलने के पहले निजी सुरक्षा अधिकारी को सूचित करे.

उन्नाव रेप पीड़िता ने निजी सुरक्षा अधिकारी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. रेप पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, उसे सुरक्षा मिली हुई है. सुरक्षा अधिकारी, उसके आवागमन को रोकते हैं. ऐसा करना, उसकी स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश है. इसकी वजह से वह केस ठीक से नहीं लड़ पा रही है.

पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट ने HC में न्यायाधीशों की रिक्तियों पर जताई नाराजगी

बता दें कि 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

नई दिल्लीः तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता को निर्देश दिया है कि वह मामले का निपटारा होने तक घर के बाहर तभी निकले, जब जरूरी हो. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने रेप पीड़िता को निर्देश दिया कि वो घर से बाहर निकलने के पहले निजी सुरक्षा अधिकारी को सूचित करे.

उन्नाव रेप पीड़िता ने निजी सुरक्षा अधिकारी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. रेप पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, उसे सुरक्षा मिली हुई है. सुरक्षा अधिकारी, उसके आवागमन को रोकते हैं. ऐसा करना, उसकी स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश है. इसकी वजह से वह केस ठीक से नहीं लड़ पा रही है.

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बता दें कि 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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