नई दिल्ली : तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा (Red Fort Violence) को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र नागर ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) समेत सभी आरोपियों को 29 जून को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लालकिले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और लालकिले को विरोध-प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. चार्जशीट में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी. इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी.
किन-किन कानूनों के तहत लगाए गए हैं आरोप
दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया, जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी, जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उनमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं. बता दें कि पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.
दीप सिद्धू समेत 16 को बनाया गया है आरोपी
पिछले 28 मई को आरोपियों के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे के लिए जरूरी मंजूरी न मिलने के चलते शनिवार को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया था. पिछले 21 मई को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल किया था. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में दीप सिद्धू समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है. दीप सिद्धू को इस मामले में जमानत मिल चुकी है.
नौ फरवरी को गिरफ्तार हुआ था दीप सिद्धू
दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में कोर्ट ने पिछले 17 अप्रैल को दीप सिद्धू को जमानत दे दी थी. जमानत पर रिहा होते ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से लालकिले को नुकसान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने दीप सिद्धू को 17 अप्रैल को ही गिरफ्तार कर लिया था.
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दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरियाणा के करनाल से पिछले नौ फरवरी को गिरफ्तार किया था. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.