ETV Bharat / bharat

ग्रेटर टिपरालैंड के लिए मिलकर आंदोलन करेंगे टीआईपीआरए-आईपीएफटी

टीआईपीआरए (TIPRA) और आईपीएफटी (IPFT) ग्रेटर टिपरालैंड के लिए मिलकर आंदोलन करेंगे. टीआईपीआरए का कहना है कि त्रिपुरा के मूल निवासियों के लिए एकमात्र समाधान ग्रेटर टिपरालैंड है.

tipraland
ग्रेटर टिपरालैंड
author img

By

Published : May 12, 2022, 8:23 AM IST

अगरतला : त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) जल्द ही त्रिपुरा में 'ग्रेटर टिपरालैंड' के लिए अपना संयुक्त आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. टीआईपीआरए एक क्षेत्रीय स्वदेशी राजनीतिक दल है जो अब त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद पर शासन कर रहा है जबकि आईपीएफटी त्रिपुरा की सत्तारूढ़ भाजपा का गठबंधन सहयोगी है.

टीआईपीआरए ने कहा कि त्रिपुरा के मूल निवासियों के लिए एकमात्र समाधान ग्रेटर टिपरालैंड है. उनका कहना है कि '70 से अधिक वर्षों से हमें जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. कोई नौकरी नहीं, कोई काम नहीं. हमारा आंदोलन आदिवासियों के लिए है किसी के खिलाफ नहीं. यह हमारे संवैधानिक अधिकारों के लिए है. जल्द ही हम लोगों के लिए मिलकर अपना आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं.' भाजपा सरकार पर स्वदेशी लोगों के लिए चुनाव पूर्व वादों को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया.

त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन का कहना है कि 'पिछले साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की यात्रा के दौरान उन्होंने आदिवासी लोगों के सतत और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1300 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन लगभग एक साल हो गया है, कोई फंड जारी नहीं किया गया है.' चुनाव से पहले विधायक और आईपीएफटी के मंत्री टीआईपीआरए मोथा में शामिल हो सकते हैं.

हालांकि बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर टीआईपीआरए के सूत्र ने कहा कि आईपीएफटी के साथ एक समझौता हुआ है और बीजेपी के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है क्योंकि टीआईपीआरए और आईपीएफटी ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

पढ़ें- चाय बागान श्रमिकों के लिए 85 करोड़ रुपये मंजूर किए: त्रिपुरा सीएम

अगरतला : त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) जल्द ही त्रिपुरा में 'ग्रेटर टिपरालैंड' के लिए अपना संयुक्त आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. टीआईपीआरए एक क्षेत्रीय स्वदेशी राजनीतिक दल है जो अब त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद पर शासन कर रहा है जबकि आईपीएफटी त्रिपुरा की सत्तारूढ़ भाजपा का गठबंधन सहयोगी है.

टीआईपीआरए ने कहा कि त्रिपुरा के मूल निवासियों के लिए एकमात्र समाधान ग्रेटर टिपरालैंड है. उनका कहना है कि '70 से अधिक वर्षों से हमें जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. कोई नौकरी नहीं, कोई काम नहीं. हमारा आंदोलन आदिवासियों के लिए है किसी के खिलाफ नहीं. यह हमारे संवैधानिक अधिकारों के लिए है. जल्द ही हम लोगों के लिए मिलकर अपना आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं.' भाजपा सरकार पर स्वदेशी लोगों के लिए चुनाव पूर्व वादों को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया.

त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन का कहना है कि 'पिछले साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की यात्रा के दौरान उन्होंने आदिवासी लोगों के सतत और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1300 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन लगभग एक साल हो गया है, कोई फंड जारी नहीं किया गया है.' चुनाव से पहले विधायक और आईपीएफटी के मंत्री टीआईपीआरए मोथा में शामिल हो सकते हैं.

हालांकि बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर टीआईपीआरए के सूत्र ने कहा कि आईपीएफटी के साथ एक समझौता हुआ है और बीजेपी के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है क्योंकि टीआईपीआरए और आईपीएफटी ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

पढ़ें- चाय बागान श्रमिकों के लिए 85 करोड़ रुपये मंजूर किए: त्रिपुरा सीएम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.