नई दिल्ली : चुनाव आयोग (Election Commission) ऐसी संभावनाएं तलाश रहा है जिससे दूरस्थ राज्यों में रह रहे लोग भी अपने राज्य के चुनाव में मतदान कर सकेंगे. चुनाव आयोग का ये प्रयास सार्थक हुआ तो आप देश के किसी भी कोने में हों, मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि प्रवासी मतदाताओं के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें राजनीतिक दलों और मतदाताओं सहित सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद दूरस्थ मतदान की संभावनाएं तलाशना शामिल है.
इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में मतदान को लेकर उदासीनता को दूर करने के लिए, केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभागों, केंद्र और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और 500 से अधिक कर्मचारियों वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं को 'अवकाश लेने वाले लेकिन गैर-मतदान कर्मचारियों' का पता लगाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा जाएगा.
शहरी क्षेत्रों में कम मतदान पर चिंता : निर्वाचन आयोग ने कहा कि इन संगठनों के ऐसे गैर-मतदान सदस्यों के लिए विशेष मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे. निर्वाचन आयोग की एक बैठक में शहरी क्षेत्रों में किसी भी मतदाता के लिए दो किलोमीटर के भीतर मतदान केंद्र स्थापित किए जाने के बावजूद कुछ महानगरों / शहर क्षेत्रों में कम मतदान होने को लेकर चिंता व्यक्त की गई.
बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए आयोग ने कहा, 'मतदाता अपने मतदान पंजीकरण वाले स्थान से शहरों और अन्य स्थानों पर शिक्षा, रोजगार और अन्य उद्देश्यों के लिए पलायन करते हैं. उनके लिए वोट डालने के लिए अपने पंजीकृत मतदान केंद्र पर लौटना मुश्किल हो जाता है. आयोग का मानना है कि दूरस्थ मतदान की संभावनाओं का पता लगाने का समय आ गया है, और ऐसा प्रायोगिक आधार पर किया जा सकता है.'
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के उत्तराखंड के एक दूरस्थ मतदान केंद्र की एक घंटे की यात्रा करने के कुछ दिनों बाद, निर्वाचन आयोग ने मतदान के दिन से तीन दिन पहले ऐसे मतदान केंद्रों पर जाने वाले मतदान अधिकारियों के पारिश्रमिक को दोगुना करने का फैसला किया. आयोग के बयान के अनुसार निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कहा, विशेष रूप से प्रवासियों के बीच. आयोग ने कहा, 'अब समय आ गया है कि दूरस्थ मतदान की संभावनाओं का पता लगाया जाए और प्रायोगिक आधार पर ऐसा किया जा सकता है.' कुमार ने शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित राज्य के सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र दुमक का दौरा किया था.
कठिनाई वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त उपकरण मुहैया कराए जाएंगे : बयान में कहा गया है कि प्रवासी मतदाताओं के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. बयान के अनुसार इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मतदाता और राजनीतिक दल प्राथमिक हितधारक हैं, उसके बाद सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श शुरू किया जाएगा. निर्वाचन आयोग की एक बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि कठिनाई वाले क्षेत्रों में ईवीएम-वीवीपीएटी को सुरक्षित ले जाने के लिए अतिरिक्त उपकरण मुहैया कराए जाएंगे.
मतदान अधिकारियों का पारिश्रमिक दोगुना किया : बयान में कहा गया है, 'आयोग ने दुर्गम क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी करने वाले उन मतदानकर्मियों के समर्पण की सराहना की, जो मतदान से तीन दिन पहले ही मतदान केंद्रों पर पहुंच जाते हैं और आयोग ने ऐसे मतदान अधिकारियों का पारिश्रमिक दोगुना करने का फैसला किया. अब तक, मतदान अधिकारियों के लिए पारिश्रमिक सभी के लिए एक समान हुआ करता था.'
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(पीटीआई-भाषा)