नई दिल्ली: तिहाड़ जेल नंबर एक में बुधवार को एक अजीबोगरीब घटना हुई. जिसके तहत एक कैदी ने वार्डर और अन्य कैदियों के सामने ही छोटा मोबाइल निगल लिया. इस घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई और उस कैदी को फौरन जेल में बने अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन जब उसकी हालत गंभीर होने लगी तो उसे फौरन दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां एक्स-रे के बाद यह कंफर्म हो गया कि मोबाइल पेट में फंसा हुआ है और 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी उसके पेट से मोबाइल नहीं निकाला जा सका है.
तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल से मिली जानकारी के अनुसार मोबाइल निगलने वाले कैदी की हालत पहले से तो बेहतर जरूर है, लेकिन मोबाइल अभी उसके पेट में ही है. डॉक्टर लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि शायद मोबाइल बिना ऑपरेशन के निकल जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो अंतिम स्थिति में इस कैदी के पेट का ऑपरेशन कर मोबाइल निकाला जाएगा.
तिहाड़ जेल से मिली जानकारी के अनुसार यह घटना तब हुई जब कैदियों की तलाशी ली जा रही थी कि कहीं उनके पास मोबाइल तो नहीं है. इस दौरान जो वार्डन चेकिंग कर रहे थे. उनकी नजर इस कैदी पर पड़ी, जो कुछ छुपाने की कोशिश करता दिख रहा था और जब तक वार्डन उस कैदी के पास पहुंचकर वह चीज देख पाता, तब तक उसने मोबाइल निगल लिया.
पढ़ें: तिहाड़ जेल में सामूहिक खुदकुशी का प्रयास, जेल में मची खलबली
दरअसल, तिहाड़ जेल से मिली जानकारी के अनुसार यह फोन आकार में छोटा था, लेकिन सबसे अधिक हैरानी की बात यह है कि इतनी सख्ती के दावे जो जेल प्रशासन की तरफ से किए जाते हैं. उसके बावजूद यह मोबाइल फोन इन कैदियों के पास जेल में आया तो आया कैसे और दूसरी बड़ी बात यह कि पिछले दिनों ही कॉल ब्लॉकिंग टावर तिहाड़ जेल में लगाए गए थे तो क्या बावजूद उसके इन छोटे मोबाइल से कैसे बात कर पाते हैं.