रामनगरः कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे मोहान क्षेत्र में नेशनल हाईवे 309 पर बाघ का निवाला बने युवक नफीस का शव बरामद हो गया है. नफीस का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला है. जिसे कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. बाघ ने उस वक्त हमला किया, जब तीनों शराब गटक रहे थे. तभी बाघ ने नफीस पर हमला कर दिया और उसे घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया. जबकि, उसके साथियों ने भागकर अपनी जान बचाई. वहीं, इस घटना के बाद ग्रामीणों में वन विभाग और पार्क प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है.
बता दें कि शनिवार की शाम को नफीस निवासी मोहल्ला खताड़ी अपने पड़ोसी दोस्त मोहम्मद शमी और रामनगर के इंदिरा कॉलोनी निवासी रवि नेगी के साथ मोहान क्षेत्र घूमने गए थे. बताया जा रहा है कि घटना के वक्त तीनों शराब पी रहे थे. तभी अचानक से जंगल से आए एक बाघ ने नफीस पर हमला कर दिया और उसे जंगल की ओर घसीटता हुआ ले गया. जबकि, नफीस के साथ मौजूद दोनों दोस्तों ने भागकर जान बचाई और घटना की जानकारी वन कर्मियों को दी.
सूचना मिलते ही वनकर्मी और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और नफीस को खोजने के लिए सर्च अभियान चलाया, लेकिन रात होने की वजह सर्च अभियान को रोकना पड़ा. हालांकि, रात को ही नफीस का मोबाइल और पैंट जंगल में बरामद हो गया था. वहीं, रविवार की सुबह फिर से सर्च अभियान चलाया गया तो नफीस का शव लहूलुहान हालत में झाड़ियों से बरामद हुआ. मृतक के भाई मुर्सलिम ने बताया कि जब आज सुबह उसके भाई का शव बरामद हुआ तो उस दौरान आसपास बाघ के दहाड़ने की आवाज भी आई. जिसके बाद हाथियों पर गश्त कर रहे वन कर्मियों ने हवाई फायरिंग की और मौके से बाघ को खदेड़ा.
दोनों युवकों के खिलाफ केस दर्जः वहीं, मामले में रामनगर वन प्रभाग के एसडीओ पूनम कैंथोला ने बताया कि मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी. विभाग की ओर से मृतक युवक के दोनों दोस्तों के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में अभियोग दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश करने की कार्रवाई की जा रही है.
सरिया चोरी करने पहुंचे थे युवकः एसडीओ पूनम कैंथोला (SDO Poonam Kainthola) ने बताया कि तीनों युवक पनोद नाले के पास सरिया की चोरी करने पहुंचे थे. वहीं, मृतक युवक के शव को बरामद कर पीएम के लिए भेज दिया गया है. जबकि, दोनों युवकों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए गए हैं. जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा.
बता दें कि इस क्षेत्र में यह चौथी घटना है. जिसमें बाघ अभी तक चार लोगों को अपना शिकार बना चुका है. कई लोग उसके हमले में घायल भी हो चुके हैं. इससे पहले इस क्षेत्र में बाघ की लगातार गतिविधियों को लेकर सीटीआर प्रशासन ने धारा 144 लगाई थी. साथ ही वन कर्मियों की गस्त भी जारी थी, लेकिन इस घटना से क्षेत्र में धारा 144 लागू होने और वन कर्मियों की लगातार गश्त करने की दावों की पोल खुल गई. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि यदि क्षेत्र में धारा 144 लगी थी और वन कर्मियों की गश्त जारी थी तो तीन युवक जंगल में खुलेआम शराब कैसे पी रहे थे?
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