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जय-जय: 112 देशों के झंडे और नक्शे पहचानता है तीन साल का जय

तीन साल की छोटी सी उम्र में अपनी चमत्कारी प्रतिभा से जय ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है.

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Published : Nov 13, 2020, 4:02 PM IST

हैदराबाद : तीन साल का जय अपनी अद्भुत क्षमता से चर्चा में है. उसे दुनिया के कई देशों के नाम, झंडे और नक्शे याद हैं. अपनी चमत्कारी प्रतिभा से जय ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है.

आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के घंटशाला में रहने वाले वेमूरी वेंकटेश्वर राव और स्वरूप रानी का बेटा डॉ. प्रवीन कुमार पत्नी और बेटे जय के साथ अमेरिका के दक्षिण कैलिफोर्निया में रहता है. जनवरी में कोरोना फैलने पर प्रवीन पत्नी और बेटे जय के साथ भारत लौट आए. इसी छह महीने में जय ने अद्भुत क्षमता दिखाई. जय की दादी ने उसे पढ़ाया. उसे दुनिया के नक्शे और अन्य विवरणों में देशों के नाम याद रखने के लिए प्रशिक्षित किया.

फटा-फट देता है जवाब
परिजन 195 देशों के ध्वज कार्ड लेकर आए और जय को उन्हें पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया. जल्द ही जय ने किसी भी क्रम में दुनिया के नक्शे देखकर तुरंत जवाब देना शुरू कर दिया. उसने अंग्रेजी, तेलुगु और हिंदी में रसायन विज्ञान, ग्रहों और शब्दों में तत्वों के भी सीख लिए.

112 देशों के झंडों की पहचान
जय की दुर्लभ प्रतिभा को देख माता-पिता ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को इस बारे में सूचना दी. संबंधित परीक्षण में जय ने 112 देशों के झंडों की पहचान करके सहज उत्तर देकर उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया और पुस्तक में अपना नाम दर्ज कराया.

पढे़ं- फेसबुक पर सबसे अधिक चर्चित रहे कोहली और मुंबई इंडियंस

हैदराबाद : तीन साल का जय अपनी अद्भुत क्षमता से चर्चा में है. उसे दुनिया के कई देशों के नाम, झंडे और नक्शे याद हैं. अपनी चमत्कारी प्रतिभा से जय ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है.

आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के घंटशाला में रहने वाले वेमूरी वेंकटेश्वर राव और स्वरूप रानी का बेटा डॉ. प्रवीन कुमार पत्नी और बेटे जय के साथ अमेरिका के दक्षिण कैलिफोर्निया में रहता है. जनवरी में कोरोना फैलने पर प्रवीन पत्नी और बेटे जय के साथ भारत लौट आए. इसी छह महीने में जय ने अद्भुत क्षमता दिखाई. जय की दादी ने उसे पढ़ाया. उसे दुनिया के नक्शे और अन्य विवरणों में देशों के नाम याद रखने के लिए प्रशिक्षित किया.

फटा-फट देता है जवाब
परिजन 195 देशों के ध्वज कार्ड लेकर आए और जय को उन्हें पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया. जल्द ही जय ने किसी भी क्रम में दुनिया के नक्शे देखकर तुरंत जवाब देना शुरू कर दिया. उसने अंग्रेजी, तेलुगु और हिंदी में रसायन विज्ञान, ग्रहों और शब्दों में तत्वों के भी सीख लिए.

112 देशों के झंडों की पहचान
जय की दुर्लभ प्रतिभा को देख माता-पिता ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को इस बारे में सूचना दी. संबंधित परीक्षण में जय ने 112 देशों के झंडों की पहचान करके सहज उत्तर देकर उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया और पुस्तक में अपना नाम दर्ज कराया.

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