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कांग्रेस के 'जी-23' ग्रुप के तीन नेताओं ने गुलाम नबी आजाद से की मुलाकात

कांग्रेस के 'G-23' गुट के तीन नेताओं ने दिल्ली में गुलाम नबी आजाद से उनके आवास पर मुलाकात की. इन नेताओं में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा और आनंद शर्मा शामिल हैं. g23 leaders meet ghulam nabi azad.

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Published : Aug 30, 2022, 6:31 PM IST

Updated : Aug 30, 2022, 7:54 PM IST

gulam nabi azad
गुलाम नबी आजाद

नई दिल्ली: कांग्रेस के 'G-23' समूह में शामिल रहे तीन प्रमुख नेताओं आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को गुलाम नबी आजाद (g23 leaders meet ghulam nabi azad) से मुलाकात की और उनके त्यागपत्र के कारणों एवं परिस्थितियों को लेकर चर्चा की. सूत्रों के अनुसार, आजाद के आवास पर ये तीनों नेता आज दोपहर पहुंचे और उनके साथ लंबी बैठक की. बैठक के बाद इन तीनों नेताओं में से एक नेता ने कहा, 'यह शिष्टाचार मुलाकात थी. निजी रूप से कई बातें होती हैं जिनके बारे में नहीं बताया जा सकता. इतना जरूर है कि हमने यह जानने का प्रयास किया कि किन कारणों और किन हालात में आजाद साहब को इतना बड़ा कदम उठना पड़ा.'

उन्होंने कहा, 'हमें इस बात का दुख है कि किस तरह से आरोप-प्रत्यारोप हो रहा है. उम्मीद करता हूं कि अब एक दूसरे पर कीचड़ उछालना बंद होना चाहिए. वरिष्ठ नेताओं का सम्मान होना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा, 'हमारी मांग थी कि चुनाव हो. दो साल का विलंब हुआ, लेकिन अब चुनाव हो रहा है. हमें सोनिया जी पर भरोसा है. हम लोग तो यही चाहते थे कि कोई भी अध्यक्ष बने, लेकिन चुनाव के जरिये बनना चाहिए. अगर राहुल गांधी जी भी चुनाव के जरिये अध्यक्ष बनते हैं तो अच्छा है.'

आजाद के इस्तीफा देने के बाद चारों नेताओं ने एक साथ पहली बार बैठक की है. गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और 21 अन्य कांग्रेस नेताओं ने अगस्त, 2020 में बैठक कर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिये कई मांग की थी जिनमें संगठन के चुनाव कराने और सक्रिय नेतृत्व की मांग प्रमुख थीं. उनके इस पत्र को कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती के रूप में देखा गया.

यह भी पढ़ें- गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस के 64 नेताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा

इस समूह के कई नेता जैसे आजाद, कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़ चुके हैं तथा वीरप्पा मोइली जैसे कुछ नेताओं ने इस समूह से खुद को अलग कर लिया है. आजाद ने गत शुक्रवार को पार्टी से नाता तोड़ लिया था. सोमवार को उन्होंने अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि 'बीमार' कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज 'कम्पाउंडर' कर रहे हैं.

नई दिल्ली: कांग्रेस के 'G-23' समूह में शामिल रहे तीन प्रमुख नेताओं आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को गुलाम नबी आजाद (g23 leaders meet ghulam nabi azad) से मुलाकात की और उनके त्यागपत्र के कारणों एवं परिस्थितियों को लेकर चर्चा की. सूत्रों के अनुसार, आजाद के आवास पर ये तीनों नेता आज दोपहर पहुंचे और उनके साथ लंबी बैठक की. बैठक के बाद इन तीनों नेताओं में से एक नेता ने कहा, 'यह शिष्टाचार मुलाकात थी. निजी रूप से कई बातें होती हैं जिनके बारे में नहीं बताया जा सकता. इतना जरूर है कि हमने यह जानने का प्रयास किया कि किन कारणों और किन हालात में आजाद साहब को इतना बड़ा कदम उठना पड़ा.'

उन्होंने कहा, 'हमें इस बात का दुख है कि किस तरह से आरोप-प्रत्यारोप हो रहा है. उम्मीद करता हूं कि अब एक दूसरे पर कीचड़ उछालना बंद होना चाहिए. वरिष्ठ नेताओं का सम्मान होना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा, 'हमारी मांग थी कि चुनाव हो. दो साल का विलंब हुआ, लेकिन अब चुनाव हो रहा है. हमें सोनिया जी पर भरोसा है. हम लोग तो यही चाहते थे कि कोई भी अध्यक्ष बने, लेकिन चुनाव के जरिये बनना चाहिए. अगर राहुल गांधी जी भी चुनाव के जरिये अध्यक्ष बनते हैं तो अच्छा है.'

आजाद के इस्तीफा देने के बाद चारों नेताओं ने एक साथ पहली बार बैठक की है. गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और 21 अन्य कांग्रेस नेताओं ने अगस्त, 2020 में बैठक कर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिये कई मांग की थी जिनमें संगठन के चुनाव कराने और सक्रिय नेतृत्व की मांग प्रमुख थीं. उनके इस पत्र को कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती के रूप में देखा गया.

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इस समूह के कई नेता जैसे आजाद, कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़ चुके हैं तथा वीरप्पा मोइली जैसे कुछ नेताओं ने इस समूह से खुद को अलग कर लिया है. आजाद ने गत शुक्रवार को पार्टी से नाता तोड़ लिया था. सोमवार को उन्होंने अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि 'बीमार' कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज 'कम्पाउंडर' कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 30, 2022, 7:54 PM IST
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