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MP: रिपोर्ट्स में खुलासा, हीट वेव से हुई चीता शावकों की मौत, चौथे की देखरेख में जुटा विभाग

एमपी में 3 शावकों समेत 6 चीतों की मौत को लेकर लगातार सरकार और विभाग सक्रिय है. रिपोर्ट के मुताबिक 3 चीता शावकों की मौत हीट वेव से हुई है जिसके चलते वन विभाग ने चौथे शावक को अपनी देखरेख में ले रखा है.

Kuno National Park
कूनो राष्ट्रीय उद्यान
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Published : Jun 3, 2023, 8:11 PM IST

श्योपुर। कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में नामीबिया से 17 सितंबर को आई मादा चीता सियाया के 3 शावकों की मौत हीट वेव की वजह से हुई है, इसकी जांच के लिए गठित की गई कमेटी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कूनो के चीता शावकों को जंगल से किसी सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया और हीटवेव के कारण तीनों शावकों की मौत हुई. एक शावक को वन विभाग पास सुरक्षित छोटे बाड़े में लाया गया है.

सियाया के चार शावकों में से सिर्फ एक ही बचा: 17 सितंबर को नामीबिया से कूनों लाए गए 8 चीतों में सियाया नामक एक मादा भी थी. इसी ने कूनो के खुले जंगल में एक साथ चार शावकों को जन्म दिया था, इसमें दो शावकों ने 25 मई को दम तोड़ दिया और एक शावक पहले ही दम तोड़ चुका था, इस तरह सियाया के चार शावकों में अब सिर्फ एक बचा है, चूंकि इसे वन विभाग के एक्सपर्ट्स ने अपने पास ले लिया है, इसलिए वह अभी तक सुरक्षित है. इस नवजात शावक के पास उसकी मां का आना-जाना भी रखा गया है.

हीटवेव बनी कारण: हीटवेव को चीता शावक झेल नहीं पाए इसलिए उनकी मौत हो गई. कूनो में जन्मे चीता शावकों की मौत का कारण हीटवेव बताया गया है. खुले जंगल में संभवतः शावकों को रखने से बचना चाहिए था लेकिन ऐसा क्यों हुआ? स्टीयरिंग कमेटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है. स्टयरिंग कमेटी ने दो टूक कह दिया है कि अगर नामीबिया की तुलना में यहां अधिक गर्मी पड़ रही है तो चौथे शावक को बचा कर रखा जाए. जांच को लेकर वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि इसकी जांच जारी है, मैं अभी इस बारे में नहीं बता पा रहा हूं, लेकिन पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच चल रही है.

cheetah
चीतो पर सरकार चिंतित

एमपी में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से कुल 20 चीते दो बार में आए हैं. 3 चीतों की मौत के साथ सिर्फ 17 चीते ही बचे हैं. हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर थी कि चीता सियाया ने 4 शावकों को जन्म दिया, लेकिन हीट वेव का शिकार सियासा के तीन शावक हो गए. एक आखिरी बचा शावक भारतीय वातावरण में पल रहा है लिहाजा वंश बढ़ोत्तरी की सारी उम्मीद ब्रीडिंग पर ही टिकी हैं और चीता रिलोकेशन प्रोजेक्ट की सफलता भी.

मौतों के बाद भी शिफ्टिंग को तैयार नहीं एमपी सरकार: सुप्रीम कोर्ट भी चीतों की मौंतो पर सवाल उठा चुका है. सुको ने ये भी कह दिया था कि चीतों को राजस्थान शिफ्ट क्यों नहीं किया जा रहा है. जब एमपी सरकार इनकी देखभाल नहीं कर पा रही है, लेकिन केंद्र ने साफ कर दिया कि चीतों को कहीं और नहीं बल्कि एमपी में गांधी सागर में ही शिफ्ट किया जाएगा. इसको लेकर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पिछले महीने एक उच्च स्तरीय बैठक भी की थी.

श्योपुर। कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में नामीबिया से 17 सितंबर को आई मादा चीता सियाया के 3 शावकों की मौत हीट वेव की वजह से हुई है, इसकी जांच के लिए गठित की गई कमेटी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कूनो के चीता शावकों को जंगल से किसी सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया और हीटवेव के कारण तीनों शावकों की मौत हुई. एक शावक को वन विभाग पास सुरक्षित छोटे बाड़े में लाया गया है.

सियाया के चार शावकों में से सिर्फ एक ही बचा: 17 सितंबर को नामीबिया से कूनों लाए गए 8 चीतों में सियाया नामक एक मादा भी थी. इसी ने कूनो के खुले जंगल में एक साथ चार शावकों को जन्म दिया था, इसमें दो शावकों ने 25 मई को दम तोड़ दिया और एक शावक पहले ही दम तोड़ चुका था, इस तरह सियाया के चार शावकों में अब सिर्फ एक बचा है, चूंकि इसे वन विभाग के एक्सपर्ट्स ने अपने पास ले लिया है, इसलिए वह अभी तक सुरक्षित है. इस नवजात शावक के पास उसकी मां का आना-जाना भी रखा गया है.

हीटवेव बनी कारण: हीटवेव को चीता शावक झेल नहीं पाए इसलिए उनकी मौत हो गई. कूनो में जन्मे चीता शावकों की मौत का कारण हीटवेव बताया गया है. खुले जंगल में संभवतः शावकों को रखने से बचना चाहिए था लेकिन ऐसा क्यों हुआ? स्टीयरिंग कमेटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है. स्टयरिंग कमेटी ने दो टूक कह दिया है कि अगर नामीबिया की तुलना में यहां अधिक गर्मी पड़ रही है तो चौथे शावक को बचा कर रखा जाए. जांच को लेकर वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि इसकी जांच जारी है, मैं अभी इस बारे में नहीं बता पा रहा हूं, लेकिन पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच चल रही है.

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चीतो पर सरकार चिंतित

एमपी में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से कुल 20 चीते दो बार में आए हैं. 3 चीतों की मौत के साथ सिर्फ 17 चीते ही बचे हैं. हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर थी कि चीता सियाया ने 4 शावकों को जन्म दिया, लेकिन हीट वेव का शिकार सियासा के तीन शावक हो गए. एक आखिरी बचा शावक भारतीय वातावरण में पल रहा है लिहाजा वंश बढ़ोत्तरी की सारी उम्मीद ब्रीडिंग पर ही टिकी हैं और चीता रिलोकेशन प्रोजेक्ट की सफलता भी.

मौतों के बाद भी शिफ्टिंग को तैयार नहीं एमपी सरकार: सुप्रीम कोर्ट भी चीतों की मौंतो पर सवाल उठा चुका है. सुको ने ये भी कह दिया था कि चीतों को राजस्थान शिफ्ट क्यों नहीं किया जा रहा है. जब एमपी सरकार इनकी देखभाल नहीं कर पा रही है, लेकिन केंद्र ने साफ कर दिया कि चीतों को कहीं और नहीं बल्कि एमपी में गांधी सागर में ही शिफ्ट किया जाएगा. इसको लेकर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पिछले महीने एक उच्च स्तरीय बैठक भी की थी.

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