दुर्गापुर : दुर्गापुर पुलिस ने सोमवार को यहां पड़ोसी बांग्लादेश से एक नाबालिग लड़की की तस्करी के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने लड़की को बचाया.
मामला तब सामने आया जब सोमवार दोपहर एक लड़की बंदंगपल्ली में संदिग्ध रूप से घूम रही थी. पश्चिम बर्दवान के दुर्गापुर थाना क्षेत्र के रेड लाइट एरिया में यह देखकर इलाके की अन्य महिलाओं को भी संदेह हुआ. रेड लाइट एरिया की महिलाएं नाबालिग को पहले दरबार महिला समिति कार्यालय ले गईं और फिर उन्होंने इसकी सूचना दुर्गापुर पुलिस स्टेशन को दी. पुलिस ने आकर लड़की को बचाया. घटना में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को शक है कि लड़की बांग्लादेश की रहने वाली नाबालिग है.
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि नाबालिग का घर बांग्लादेश में है और उसे दुर्गापुर की एक बेकरी फैक्ट्री में नौकरी दिलाने का लालच देकर पश्चिम बंगाल लाया गया था. पुलिस ने पानागढ़ इलाके से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में एक महिला और दो युवक शामिल हैं.
नाबालिग को देह व्यापार से जुड़ी महिला साेनू बीबी के घर में रखा गया था. पुलिस ने उस महिला को भी गिरफ्तार कर लिया. बाद में उसके पति मुश्ताक अहमद को पानागढ़ इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस की गिरफ्त में आया दूसरा युवक पप्पू रजक है. पुलिस ने अब तक साेनू बीबी, उसके पति मुश्ताक और पप्पू को गिरफ्तार कर लिया है. ये तीनों कथित तौर पर नाबालिग को रेड लाइट एरिया में लेकर आए थे. आरोपी पप्पू दुर्गापुर थाना क्षेत्र के जिरिंगी का रहने वाला है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस नाबालिग को कई महीने पहले दुर्गापुर के एक ब्यूटी पार्लर में लाया गया था. वहां पार्लर की आड़ में नाबालिग से देह व्यापार भी कराया जा रहा था. जांच के बाद पुलिस सबसे पहले रेड लाइट एरिया में गई.
पता चला है कि पप्पू रजक ही वह स्थानीय दलाल है जिसके माध्यम से इस नाबालिग को रेड लाइट एरिया में लाया गया था.सोमवार दोपहर से पूछताछ शुरू हुई.
दुर्गापुर एसीपी तथागत पांडे (Durgapur ACP Tathagata Pandey) ने कहा, 'पुलिस ने एक नाबालिग को बचा लिया है. प्रारंभिक तौर पर आशंका जताई जा रही है कि उसका घर बांग्लादेश में है. इसके पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है. उस गिरोह के तीन सदस्यों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. नाबालिग समेत उन सभी को दुर्गापुर उपमंडल अदालत में पेश किया गया है. जांच के लिहाज से इससे ज्यादा कुछ कहना संभव नहीं है.'
पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि महिला तस्करी रैकेट अभी भी सक्रिय है. हालांकि, दुर्गापुर दरबार एसोसिएशन प्रशंसा का पात्र है क्योंकि उन्होंने सबसे पहले नाबालिग को संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखा और उसे पुलिस को सौंप दिया.