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Surat News : सूरत में साढ़े तीन साल की मासूम बिना कोचिंग के सिर्फ अंग्रेजी में करती है बात

8वीं पास परेश ने बताया कि उनके परिवार में कोई भी कभी विदेश नहीं गया. किसी को भी अच्छी अंग्रेजी नहीं आती. उनकी पत्नी नैंसी संघानी भी सिर्फ 12वीं तक पढ़ी हैं. उनको भी कोई खास अंग्रेजी नहीं आती, लेकिन सरिशा बोलना शुरू करने के समय से ही सिर्फ अंग्रेजी में बात कर रही है.

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Published : Mar 30, 2023, 10:13 AM IST

Surat News
परेश जयंतीभाई संघानी और नैंसी संघानी की बेटी सरिशा बिना सीखे बोलती है अंग्रेजी.
परेश जयंतीभाई संघानी और नैंसी संघानी की बेटी सरिशा बिना सीखे बोलती है अंग्रेजी.

सूरत : गुजरात के सूरत के कतारग्राम में रेवंत रिवर बिल्डिंग के निवासी परेश जयंतीभाई संघानी और नैंसी संघानी अपनी साढ़े तीन साल की बेटी सरिशा के साथ रहते हैं. सरिशा का जन्म 10 अक्टूबर 2019 को हुआ था. वैसे तो हर मां-बाप के लिए बच्चे मां-बाप का आशीर्वाद होते हैं. लेकिन जब संघानी दंपति अपनी बच्ची सरिशा को भगवान का आशीर्वाद बताते हैं तो इसके पीछे एक अलग और आश्चर्यचकित करने वाला कारण है.

पढ़ें : Clash Broke Out In Sambhajinagar : राम मंदिर के बाहर दो गुटों में झगड़ा, जबरदस्त फायरिंग, पुलिस की नौ गाड़ियां फूंकीं

गुजरात में यूं तो कारोबारी देश-विदेश जाते हैं. लेकिन अंग्रेजी अभी भी उनके लिए एक चुनौती से भरी भाषा है. ऐसे में संघानी दंपति की बच्ची सरिशा वास्तव में एक तरह से भगवान का आशीर्वाद ही है. सरिशा शुरुआत से ही सिर्फ अंग्रेजी में बात करती थी. 8वीं पास परेश ने बताया कि उनके परिवार में कोई भी कभी विदेश नहीं गया. किसी को भी अच्छी अंग्रेजी नहीं आती. उनकी पत्नी नैंसी संघानी भी सिर्फ 12वीं तक पढ़ी हैं. उनको भी कोई खास अंग्रेजी नहीं आती. लेकिन सरिशा बोलना शुरू करने के समय से ही सिर्फ अंग्रेजी में बात कर रही है.

पढ़ें : Pak Gov Twitter withheld in India : पाकिस्तान सरकार का ट्विटर अकाउंट भारत में बैन

29 वर्षीय परेश ने बताया कि वे लोग मूल रूप से सौराष्ट्र के अमरेली जिले के धारी तालुका के अमृतपुर गांव के रहने वाले हैं. सूरत में वह एक जोहरी के रूप में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि सरिशा उनके लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह है. उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में भी सरिशा इतनी अच्छी अंग्रेजी बोल रही है. जोकि उनके परिवार में किसी को नहीं आती. परेश ने बताया कि उन्हें उसके पड़ोसियों ने कहा कि उसकी बेटी USA या फ्रांस में बोली जाने वाली अंग्रेजी बोलती है.

पढ़ें : Crime In Kupwara : उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में 9 साल की बच्ची का शव मिला

उन्होंने कहा कि जब हमें उसकी भाषा समझ में नहीं आती तो वह हमें इशारे से समझाती है. उन्होंने कहा कि सरिशा को कभी भी अंग्रेजी सीखाने के लिए लिए प्रयास नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सरिशा बड़ी होती गई, वह अपने परिवार के साथ अंग्रेजी में बोलने लगी है. परिवार खुद सौराष्ट्र की काठियावाड़ी भाषा बोलता है. लेकिन सरिशा सिर्फ अंग्रेजी में बात करती है. उन्होंने कहा कि सरिशा गुजराती समझ जाती है. लेकिन बात सिर्फ अंग्रेजी में करती है.

पढ़ें : गलत समय और उल्टी दिशा में नमाज पढ़ फोटो वायरल करने वाली AIMIM नेता पर FIR

परेश ने बताया कि सरिशा रात में तीन बजे सोती हैं और सुबह 10 बजे उठ जाती है. उन्होंने कहा कि बेटी को गुजराती सीखाने के लिए ट्यूशन देने की भी कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वह पूर्व जन्म को तो नहीं मानते लेकिन लोग कहते हैं कि शायद यह पूर्व जन्म का ही असर है.

पढ़ें : विधायक पूजा पाल के भाई पर देसी बम से हमले की कोशिश, पुलिस बोली- किसी ने पटाखा छोड़ा

परेश जयंतीभाई संघानी और नैंसी संघानी की बेटी सरिशा बिना सीखे बोलती है अंग्रेजी.

सूरत : गुजरात के सूरत के कतारग्राम में रेवंत रिवर बिल्डिंग के निवासी परेश जयंतीभाई संघानी और नैंसी संघानी अपनी साढ़े तीन साल की बेटी सरिशा के साथ रहते हैं. सरिशा का जन्म 10 अक्टूबर 2019 को हुआ था. वैसे तो हर मां-बाप के लिए बच्चे मां-बाप का आशीर्वाद होते हैं. लेकिन जब संघानी दंपति अपनी बच्ची सरिशा को भगवान का आशीर्वाद बताते हैं तो इसके पीछे एक अलग और आश्चर्यचकित करने वाला कारण है.

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गुजरात में यूं तो कारोबारी देश-विदेश जाते हैं. लेकिन अंग्रेजी अभी भी उनके लिए एक चुनौती से भरी भाषा है. ऐसे में संघानी दंपति की बच्ची सरिशा वास्तव में एक तरह से भगवान का आशीर्वाद ही है. सरिशा शुरुआत से ही सिर्फ अंग्रेजी में बात करती थी. 8वीं पास परेश ने बताया कि उनके परिवार में कोई भी कभी विदेश नहीं गया. किसी को भी अच्छी अंग्रेजी नहीं आती. उनकी पत्नी नैंसी संघानी भी सिर्फ 12वीं तक पढ़ी हैं. उनको भी कोई खास अंग्रेजी नहीं आती. लेकिन सरिशा बोलना शुरू करने के समय से ही सिर्फ अंग्रेजी में बात कर रही है.

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29 वर्षीय परेश ने बताया कि वे लोग मूल रूप से सौराष्ट्र के अमरेली जिले के धारी तालुका के अमृतपुर गांव के रहने वाले हैं. सूरत में वह एक जोहरी के रूप में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि सरिशा उनके लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह है. उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में भी सरिशा इतनी अच्छी अंग्रेजी बोल रही है. जोकि उनके परिवार में किसी को नहीं आती. परेश ने बताया कि उन्हें उसके पड़ोसियों ने कहा कि उसकी बेटी USA या फ्रांस में बोली जाने वाली अंग्रेजी बोलती है.

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उन्होंने कहा कि जब हमें उसकी भाषा समझ में नहीं आती तो वह हमें इशारे से समझाती है. उन्होंने कहा कि सरिशा को कभी भी अंग्रेजी सीखाने के लिए लिए प्रयास नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सरिशा बड़ी होती गई, वह अपने परिवार के साथ अंग्रेजी में बोलने लगी है. परिवार खुद सौराष्ट्र की काठियावाड़ी भाषा बोलता है. लेकिन सरिशा सिर्फ अंग्रेजी में बात करती है. उन्होंने कहा कि सरिशा गुजराती समझ जाती है. लेकिन बात सिर्फ अंग्रेजी में करती है.

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परेश ने बताया कि सरिशा रात में तीन बजे सोती हैं और सुबह 10 बजे उठ जाती है. उन्होंने कहा कि बेटी को गुजराती सीखाने के लिए ट्यूशन देने की भी कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वह पूर्व जन्म को तो नहीं मानते लेकिन लोग कहते हैं कि शायद यह पूर्व जन्म का ही असर है.

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