दरभंगाः बिहार के दरभंगा के ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (Lalit Narayan Mithila University) के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा (Threat to kill LNMU professor Prem Mohan Mishra) को सर तन से जुदा करने की धमकी मिली है. धमकी देने वाले शख्स ने बुधवार की शाम पत्र के जरिए प्रोफेसर को जान से मारने की दी है. धमकी देने वाले शख्य ने खुद का नाम आलम परवेज बताया है. पत्र मिलने के बाद प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय थाने में मामला दर्ज कराया है और पुलिस से सुरक्षा देने की मांग की है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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LNMU प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा को धमकी: रजिस्टर्ड डाक द्वारा डॉ प्रेम मोहन मिश्रा को मिले धमकी भरे पत्र में भेजने वाले ने प्रयोग प्रदर्शक शशि शेखर झा पर कई आरोप लगाते हुए जल्द उनका तबादला कहीं दूर करने की चेतावनी विभागाध्यक्ष को दी है. साथ ही ऐसा नहीं करने पर डॉ मिश्रा के सर को तन से जुदा कर देने की धमकी दी गयी है. इसके साथ ही उनके पूरे परिवार का यही अंजाम करने की बात कही गयी है.
"मेरे चपरासी ने पत्र लाकर मुझे पत्र दिया, जो सामान्य पत्र की तरह लग रहा था, जब मैंने खोला तो उसमें जो भाषा लिखी थी वो बहुत खतरनाक थी. उसमें लिखा गया है कि एक काम आपको दिया जा रहा है, ये काम कर दिजीए अगर नहीं करेंगे तो आपका सर तन से जुदा कर दिया जाएगा, मेरे परिवार का भी यही हाल करने की बात कही गई है. मुझ पर तो कोई आरोप नहीं है, लेकिन जिस काम के लिए मुझे कहा जा रहा है, वो मेरे हाथ में तो है नहीं, इसके लिए विश्वविद्यालय से कहना चाहिए. मैंने कुलपति महोदय, कुलसचिव और थाने में इसकी सूचना दे दी है."- डॉ प्रेम मोहन मिश्रा, विभागाध्यक्ष, रसायन विज्ञान विभाग
पत्र में क्या लिखा गया है? : "जनाब मोहन मिश्रा आपको कुछ काम दिया जा रहा है. जो काम नहीं करने पर जेहादी आपका सिर तन से जुदा कर देंगे. हेड रसायन विभाग प्रेम मोहन मिश्रा और उसके पूरे परिवार का यही हाल होगा. कहीं भी किसी भी वक्त. अल्लाह का आदेश है कि आपके विभाग में प्रोफेसर शशि शेखर झा का ट्रांसफर किसी दूसरे विभाग में या जीडी कॉलेज बेगूसराय जो कम से कम 20 किलोमीटर दूरी पर हो करा दो.
धमकी देने वाले शख्स ने आगे लिखा- ''जो मुसलमानों की बेटी को हमेशा गाली देते रहते हैं. आपको पता होगा कि उस समय विमल चौधरी हेड रसायन विभाग के थे. तब डेंटल कॉलेज के परीक्षा में चोरी का बहाना बनाकर हम छात्रों से किताब जबरन ले लिया गया. फिर परीक्षा खत्म होने पर कहा गया कि हम किताब नहीं जानते हैं. आप लोग ही किताब ले गए होंगे. इस कारण मारपीट होने पर के के झा के द्वारा बीच बचाव करने पर मामला शांत हो गया. वह किताब और विभाग से पुस्तकालय से चोरी की गई किताब मात्र 17000 में नूतन पुस्तक से बेच दिया गया. जो हम लोगों ने नूतन पुस्तक से किताब पुन: खरीद लिए.''
''उस समय रामविलास यादव (पुस्तकालय अध्यक्ष) और सुरेंद्र मोहन झा ने बताया कि शशि शेखर झा महाचोर हैं जो उस वक्त स्टोर कीपर थे. विभाग की महंगी रसायन की किताब और 32 पंखे 16 गैस सिलेंडर चोरी कर अपने घर और गांव भेज दिए थे. विश्वविद्यालय थाना प्रभारी ने कहने पर बताया गया कि लिखित दीजिए, चोरी रहस्यमय ढंग से हुआ. जो पेपर में पढ़ा गया. हम लोग फिर से परीक्षा देकर आज डॉक्टर बन गए. लेकिन शशि शेखर झा को माफ नहीं करेंगे. इस पाप का फल प्रेम मोहन मिश्रा भोगेंगे.'' - मोहम्मद आलम परवेज, धमकी देने वाला शख्स
पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांगः इधर पीड़ित प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा ने खुद बताया कि कैसे उन्हें पत्र मिला और पत्र के अंदर क्या लिखा है. उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका व्यक्त करते हुए कहा की पत्र लिखने और शब्दों को देखने से यह पता चलता है की मामला गंभीर है. ऐसे में उन्होंने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग भी की है.
''प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्रा के बयान पर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पूरे मामले की छानबीन की जा रही है. पुलिस पत्र भेजने वाले के पहचान करने में जुटी है.'' - सत्यप्रकाश, विश्वविद्यालय थाना प्रभारी