गुवाहाटी: पवित्र महा अंबुबाची मेला गुरुवार को गुवाहाटी की नीलाचल पहाड़ी पर भव्य आयोजन के साथ शुरू हो रहा है. अंबुबाची की प्रथा कामाख्या मंदिर में गुरुवार रात 2.30 बजे शुरू होगी और मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे.
कामाख्या देवालय के दरवाजे 23, 24 और 25 जून को बंद रहेंगे. 26 जून की सुबह देवी स्नान और नित्य पूजा के पूरा होने के बाद मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे.
पर्यटन मंत्री ने किया उद्घाटन : गुरुवार शाम को कामाख्या स्टेशन के पास आयोजित एक समारोह के माध्यम से असम के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने मेले का उद्घाटन किया.
इस अवसर परजयंत मल्ला बरुआ ने अंबुबाची मेले के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 2016 से राज्य में असम के पर्यटन विभाग द्वारा मेले को बढ़ावा दिया गया है. इसके बाद से मेले में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि कामाख्या मंदिर में धार्मिक पर्यटकों के लिए काफी संभावनाएं हैं. सरकार ने अंबुबाची मेले को व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं.
5000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था : प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए आवास की व्यवस्था की है. पांडु घाट पर आश्रय शिविर बनाए गए हैं जहां पांच हजार लोग रह सकते हैं. विभिन्न खाद्य भण्डारों की भी व्यवस्था की गई है. असम पर्यटन निगम के निदेशक रोनोज कुमार बरकाकती ने कहा कि मेले में आने वाले 5,000 लोगों के रहने के लिए आश्रय शिविरों की व्यवस्था की गई है. कामाख्या मंदिर प्रबंधन समिति के मुख्य पुजारी (बोरदोलोई) कविंद्र प्रसाद शर्मा ने भी इस अवसर पर अंबुबाची के महत्व के बारे में बताया.
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त : मेले के दौरान नीलाचल पहाड़ियों में आपातकालीन वाहनों को छोड़कर निजी और वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
कानून व्यवस्था और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंदिर के अपने 120 स्थायी सुरक्षा कर्मी, 500 स्काउट गाइड, 400 स्वयंसेवक और 100 अस्थायी सुरक्षा कर्मी होंगे. इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के तहत मंदिर के आसपास 400 सीसीटीवी लगाए गए हैं.
कई राज्यों से पहुंच रहे श्रद्धालु : अंबुबाची मेले के अवसर पर नीलाचल पहाड़ियों में पहले से ही उत्सव का माहौल है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे हुए हैं. असम के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड आदि के विभिन्न हिस्सों से हजारों श्रद्धालु कामाख्या की ओर आ रहे हैं. फुटपाथों के साथ-साथ कामाख्या मंदिर की ओर जाने वाले मोटर चालित मार्गों पर रुक-रुक कर चिकित्सा देखभाल, पीने का पानी, विश्राम शेड, जूते और सैंडल की व्यवस्था होगी. इस बार अंबुबाची के दौरान भक्तों को मंदिर चक्र पूरा करने के बाद पूर्वी और पश्चिमी द्वार से जाने का प्रावधान होगा.
विशेष दर्शन (जिसका शुल्क 501 रुपये है) 26 जून और 27 जून को बंद रहेंगे. इसके अलावा, 26 जून को, पवित्र मंदिर में वीआईपी या वीवीआईपी यात्राओं के लिए कोई प्रावधान नहीं होगा.