सबरीमाला: केरल के सबरीमाला मंदिर में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. एक रिपोर्ट की मानें तो श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से कई जगहों पर पुलिस का नियंत्रण खत्म होता देखा गया. सबरीमाला में पांचवें दिन भी भीषण जाम लगा रहा. ऐसे में दूसरे राज्यों से आए श्रद्धालुओं के बिना दर्शन किए लौटने की भी खबरें आ रही हैं.
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जब भक्तों को घंटों इंतजार करने के बावजूद दर्शन नहीं हो रहे हैं, तो वे पहाड़ी से नीचे आते हैं और पंडालम में वालियाकोइकल श्री धर्म शास्ता मंदिर पहुंचते हैं और घी अभिषेक के साथ सबरीमाला की तरह पूजा करते हैं और अपने राज्यों में लौट जाते हैं. अधिकारियों ने कहा कि कर्नाटक के अय्यप्पा भक्तों का एक समूह पिछले दिनों पंडालम के वलियाकोइकल श्री धर्म शास्ता मंदिर पहुंचा और अपनी गांठें खोलकर और घी अभिषेक करके लौट आया.
मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि कई अयप्पा भक्त पंडालम मंदिर आते हैं और घी अभिषेक करते हैं और लौट जाते हैं. इससे पहले कोविड काल के दौरान, भक्त मंदिर में आए और अपनी गांठें खोलकर घी का अभिषेक किया. लेकिन अब सबरीमाला में भीड़ के कारण श्रद्धालु पहाड़ी से नीचे उतरकर पंडालम मंदिर में पहुंचते हैं और घी से अभिषेक करते हैं.
जानकारी के अनुसार सबरीमाला में मंगलवार को ट्रैफिक में थोड़ी कमी आई, लेकिन ट्रैफिक जाम कम नहीं हुआ. सबरीमाला मार्ग पर लगातार पांचवें दिन वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली. श्रद्धालुओं की दुर्दशा का हवाला देकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए गए. श्रद्धालुओं ने बताया कि पम्पा तक पहुंचना और वापस आना बहुत कठिन था. भीड़भाड़ नियंत्रण के हिस्से के रूप में, केवल कुछ वाहनों को पम्पा में प्रवेश करने की अनुमति दी गई.
देवास्वोम बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन: युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तिरुवनंतपुरम में देवास्वोम बोर्ड मुख्यालय पर धावा बोल दिया. सुबह करीब 10:50 बजे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नंदन स्थित देवास्वोम बोर्ड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि देवस्वओम बोर्ड सबरीमाला में तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं प्रदान करने और भीड़ को नियंत्रित करने में पूरी तरह से विफल रहा है.
भक्त स्वयं पर रखें नियंत्रण: देवास्वओम मंत्री के. राधाकृष्णन ने कहा कि सबरीमाला में समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं. संकट उस दिन बढ़ गया, जब एक लाख से अधिक श्रद्धालु एक साथ यहां पहुंचे. मंत्री ने यह भी कहा कि जब श्रद्धालु अनियंत्रित रूप से आते हैं तो परेशानी स्वाभाविक है. भक्तों को स्वयं पर नियंत्रण रखा चाहिए. दर्शन का समय एक घंटे तक सीमित कर दिया गया है.